एक लम्बी तबाही का सामना करने के बाद कोरोना की रफ्तार अब लगभग सुस्त पड़ी है। गाहे-बगाहे कहीं मामलों में थोडी सी भी उछाल हमें अब भी बहुत परेशान करती है। कोविड एक्सपर्ट तीसरी लहर के संकट के प्रति भी हमें चेतावनी दे रहे हैं। कोरोना और लॉकडाउन की अवधि में एक शिक्षक होने के नाते विशेषकर विद्यार्थियों की चिंताओं ने मुझे गहरे तौर पर प्रभावित किया है। मेरी लगातार कोशिश भी रही है कि मैं उन्हें उनकी चिंताओं से मुक्त रख सकूं।
चाहे वह 12वीं बोर्ड के बच्चे हों या फिर कॉलेज व विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने वाले छात्र सब इन दिनों कई तरह की आशंकाओं से घिरे हुए हैं। सरकारें उनके लिए निर्णय ले रही हैं लेकिन सब इन निर्णयों से संतुष्ट नहीं हैं। नए पैटर्न सबके लिए सहज नहीं हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र भी अब अपने भविष्य को लेकर कई तरह की अनिश्चितताओं का सामना कर रहे हैं।
कोविड के कारण विद्यार्थियों के हितों पर प्रतिकूल असर पड़ा है
कई परीक्षाओं की तिथियों को लेकर छात्रों में अब भी असमंजस की स्थिति है। छात्रों के पुराने रिजल्ट रुके हुए हैं और इंटर्नशिप और प्लेसमेंट को लेकर भी एक अनिश्चय की स्थिति बनी हुई है। ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर बच्चों में पूरी तरह सहजता अब तक पूर्ण रूप से नहीं बन पाई है। ये आशंकाएं बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रही हैं और वे खुद को भावनात्मक तौर पर कमज़ोर पा रहे हैं।
विद्यार्थियों के बेहतर हितों की नीतियां बनाना, उनके पक्ष में निर्णय लेना, यह सब कार्य सरकारों, विभिन्न बोर्ड और विश्वविद्यालयों के प्रशासन के जिम्मे है, लेकिन हर विषम परिस्थिति में छात्रों का आत्मविश्वास बनाए रखना और भावनात्मक तौर पर उनकी मज़बूती बनी रहे और पढ़ाई व तैयारी से उनका लगाव ना छूटे, इसकी ज़िम्मेदारी हम जैसे शिक्षकों की है। एक शिक्षक का कर्तव्य सिर्फ पाठ्यक्रम में शामिल विषयों को पढ़ाना ही नहीं बल्कि विद्यार्थियों को हर तरह की चुनौतियों के लिए तैयार करना भी होता है।
सभी विद्यार्थियों के लिए मेरा कहना है कि समय भले ही अनिश्चित है लेकिन आप अपनी पढ़ाई की निरंतरता को ना छोड़ें। उसकी गतिशीलता और प्रवाह को बनाए रखें और थोड़ा समय रोज़ अपनी पढाई का रिवीजन करें। आप पढ़ने के अलग-अलग तरीकों को भी अपने रूटीन में शामिल सकते हैं, इससे आपकी पढ़ाई के प्रति रूचि बनी रहेगी, क्योंकि अगर हमें अनिश्चितताओं के संकट से उबरना है तो इसे अपनाना ही होगा और साथ-ही-साथ आपको अपने रूटीन में पर्याप्त नींद और पोषणयुक्त आहार को भी शामिल करना बहुत ज़रूरी है।
आजकल बच्चों में ओवरथिंकिंग की प्रवृति बढ़ गई है
इन दिनों बच्चों में एक और प्रवृत्ति जो बढ़ी है, वह है अत्यधिक सोचने की। ओवरथिंकिंग भी कहीं-ना-कहीं तनाव का एक महत्वपूर्ण कारक है, जिससे समय रहते दूर होना बहुत आवश्यक है। ओवरथिंकिंग सामान्यतः हमें तब देखने को मिलती है, जब हम संवाद करना बंद कर देते हैं। अगर आप अपनी भावनाओं और मन में उठने वाले विचारों को अपने अंदर ही दबाकर रखेंगे तो निश्चित ही आपके दिमाग और शरीर के लिए यह बहुत नुकसानदायक है। इसलिए अपने अंदर की फीलिंग्स (भावनाओं) को अपने परिवारजनों, दोस्तों व अपने शिक्षकों के साथ ज़रूर साझा करें। इसके अलावा आप अपनी हॉबीज़ का दायरा भी बढ़ाएं, ऐसा करने से निश्चित रुप से आपको ओवरथिंकिंग की समस्या से निजात मिलेगी।
हालांकि, अब हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जीत की राह पर हैं लेकिन इसके बावजूद एक सबसे बड़ी आशंका कोविड से संक्रमित हो जाने की भी है। पहली बात तो हमें यह गांठ बांध लेनी है कि परिस्थितियां कितनी भी सामान्य हो जाएं, लेकिन हमें सावधानी और सतर्कता का दामन नहीं छोड़ना है। किसी भी कीमत पर लापरवाही नहीं बरतनी है, इसके बावजूद भी अगर आप संक्रमित हो जाते हैं तो आपको अपना आत्मबल मज़बूत रखना है और पूरी जिजिविषा के साथ इससे निबटना भी है।
चिंता और तनाव से दूर रहने के लिए एक्सरसाइज़ और मेडिटेशन करें
चिंता और तनाव से दूर रहने के लिए, आपके लिए एक और महत्वपूर्ण सुझाव है कि आप अपने दिन की शुरुआत एक्सरसाइज़ और मेडिटेशन से करें और डीप ब्रीदिंग ज़रूर करें इससे ऑक्सीजन का फ्लो हमारी नसों और दिमाग तक अच्छे से होता है, जिससे हम रिलैक्स फील करते हैं। रोज़ाना सुबह एक्सरसाइज़ और मेडिटेशन आपको स्ट्रेस से दूर रखेगा और आप शारीरिक रूप से भी फिट रहेंगे।
अपना एक रूटीन बनाएं, इससे हमें एक उद्देश्य मिलता है और हमें बेहतर महसूस होता है। अलग-अलग सब्जेक्ट के अनुसार, पढ़ाई का रूटीन सेट करें और खुद से प्यार करें। अपने आपको बताएं कि आप महत्वपूर्ण हैं। खुद से कहें कि आप जैसे भी हैं, खुद के लिए सबसे पसंदीदा हैं। अपने जीवन की सफलताओं और खुशनुमा पलों को याद करें, इससे आपके अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
मैं उम्मीद करता हूं कि इन उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर, आप एक तनावमुक्त जीवन की ओर आगे बढ़ेंगे। कोरोना से उपजे हालातों पर बहुत हद तक हमने काबू पा लिया है। हम अपने धैर्य, साहस और आत्मबल की बदौलत हर खतरे और आशंकाओं पर विजय ज़रूर हासिल करेंगे।