मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल करने और सफलता के शिखर पर ले जाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व में ही रिलायंस ने भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक, रिलायंस इन्फोकॉम लिमिटेड (अब रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड) की स्थापना की थी।
2004 में मुकेश अंबानी को पेशेवर-सेवा फर्म प्राइस वाटर हाउस कूपर्स द्वारा दुनिया के सबसे सम्मानित बिज़नेस लीडर्स में भी शामिल किया गया था। इसके अलावा 2006 में उन्हें विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की इंडिया इकोनोमिक समिट के लिए भारत के सहयोगी अध्यक्ष तौर भी चुना गया था।
मुकेश अंबानी ने गुजरात के जामनगर में दुनिया की सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफाइनरी की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे फोर्ब्स की अरबपतियों की टाॅप 10 सूची में भी शामिल रह चुके हैं लेकिन मुकेश अंबानी की सफलता का सफर भी इतना आसान नहीं रहा है, इसके लिए उन्हें काफी संघर्षों का सामना भी करना पड़ा है।
दरअसल, चार भाई-बहनों में सबसे बड़े मुकेश का जन्म 1957 में यमन के एडेन में हुआ था। 1958 में धीरूभाई अंबानी ने यमन में सूत और मसालों का व्यापार शुरू किया लेकिन यमन की राजनीति में उथल-पुथल की वजह से उन्हें वापस भारत आना पड़ा। शुरुआत में पूरा परिवार मुंबई के भुलेश्वर में दो कमरों के एक चाॅल में रहता था। 1970 तक वे उसी चाॅल में रहे, लेकिन कारोबार की सफलता के बाद धीरूभाई ने मुंबई के कोलाबा इलाके में एक 14 मंजिला बिल्डिंग खरीदी, जहां मुकेश और अंबानी परिवार के अन्य सदस्य कई सालों तक वहां रहे।
भारत आने के बाद धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस की शुरुआत स्थापना की। पिता के सफल कारोबार की वजह से मुकेश अंबानी को अच्छी शिक्षा-दीक्षा मिली। 1980 में उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की और एमबीए करने यूएस के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए।
वहां जाने के एक साल बाद ही उनके पिता ने उन्हें पारिवारिक व्यवसाय को संभालने और पाॅलिस्टर फैक्ट्री लगाने के लिए भारत वापस बुला लिया। पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ने के बाद उन्होंने कंपनी में विविधता लाने के लिए काम किया। 1985 में रिलायंस ने पेट्रोलियम रिफाइनिंग के अलावा पेट्रोकेमिकल्स, पॉलिएस्टर फाइबर और गैस और तेल के उत्पादन सहित कई क्षेत्रों में अपना कदम रखा।
बिज़नेस के नए क्षेत्रों में कदम रखने बाद कुछ वर्षों तक रिलायंस और मुकेश अंबानी चुनौतीपूर्ण समय से गुज़रे, क्योंकि 1980 के दशक के दौरान उनके पिता धीरूभाई को एक स्ट्रोक आया, जिससे वे आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए। इस घटना की वजह से मुकेश अंबानी को अपने पिता के बिना ही अपना पारिवारिक व्यवसाय चलाने की स्थिति आ गई लेकिन उन्होंने एक बार एक साक्षात्कार में बताया था कि वे इस घटना से घबराए नहीं और शांत दिमाग से व्यवसाय को आगे बढ़ाते गए।
उन्होंने अपने परिवार के साथ मुंबई में दुनिया की सबसे महंगी इमारत ‘एंटीलिया’ में 2012 में शिफ्ट किया था। उनका यह नया घर 40,000 स्कवायर फुट में फैला हुआ है। इसकी कीमत लगभग 1.2 बिलियन डाॅलर बताई जाती है। इसके अलावा आज मुकेश अंबानी 70 बिलियन डॉलर से अधिक संपत्ति के मालिक हैं।