बीते साल यानी 2020 में चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना (Covid 19) वायरस ने दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में लिया और कई महीने बाद यह वायरस कमज़ोर हुआ। साल 2021 में एक बार पुन: वायरस का खतरा तेज़ हुआ और लाखों लोगों की जान ले गया। जून के शुरू होते ही लग रहा था कि यह वायरस कमज़ोर हो रहा है लेकिन अब ऐसा लग रहा है जैसे यह कमज़ोर होने की बजाय नए रंग दिखा रहा है। पहले डेल्टा वेरिएंट और अब कप्पा वेरिएंट।
उत्तर प्रदेश में कोरोना के कप्पा वेरिएंट के दो केस मिले हैं। देवरिया और गोरखपुर में डेल्टा प्लस स्ट्रेन के दो मामले पाए गए और फिर संत कबीर नगर में भी एक मरीज में कोविड-19 का कप्पा स्ट्रेन मिला। इस वेरिएंट के लक्षण वाले 66 वर्षीय मरीज की मौत भी हो गई है। आइये जानते हैं कि कोरोना का ये नया वेरिएंट क्या है।
क्या है कप्पा वेरिएंट
बताया जा रहा है कि कप्पा वेरिएंट पैंगो वंश से आता है और इस वंश को 1.617 के नाम से पहचाना जा रहा है। इस वंश के तीन उप-वर्गों में से एक है कप्पा वेरिएंट। इस वेरिएंट को B.1.617.1 का नाम दिया गया है जो पहली बार भारत में दिसंबर 2020 में पाया गया था। E484Q और E484K वेरिएंट्स की वजह से कप्पा वेरिएंट का स्वरूप आया है। L452R म्यूटेशन का साथ मिलने से इम्यून सिस्टम कमज़ो हो जाता है। कोरोनावायरस के कप्पा वेरिएंट से पीड़ित लोगों में खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे प्राइमरी लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
मास्क ही बचाएगा
कोरोना के इस नए वेरिएंट से बचाव का मास्क ही उपाय है। हमें ये समझना होगा कि कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है। हर हाल में मास्क का इस्तेमाल हो, घर से जरूरत में ही बाहर निकला जाए। समय-समय पर हाथ धोते रहें और अपनी इम्यूनिटी को लेकर विशेष ध्यान दें। लक्ष्ण दिखने पर क्वांरटाइन हो जाएं और डॉक्टर की सलाह लें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह ऐलान किया था कि कोविड-19 के नए स्ट्रेन का नाम ग्रीक अल्फाबेटिकल लेबल्स के नाम पर होगा। जिन स्ट्रेन का मूल भारत है उनका नाम डेल्टा और कप्पा होगा। वहीं ब्रिटेन के मूल वाले स्ट्रेन का नाम अल्फा रखा जाएगा।