हर साल तीन जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है, जिसका मकसद लोगों को साइकिलिंग के फायदों के बारे में समझाना है। कोरोना के इस फेज में लॉकडाउन ने साइकिल को लोगों के जीवन में दुबारा से रीसाइकिल किया है।
वैसे, यूं तो साइकिल में कई सारी खूबियां भी हैं। यह ना सिर्फ आपको फिजिकली फिट रखने में कारगर है, बल्कि इको फ्रेडली भी है। इसमें ना कोई फ्यूल लगता है और ना ही इससे प्रदूषण फैलता है। सबसे खास बात यह है कि इसे हर उम्र के लोग आसानी से चला सकते हैं।
साइकिल को बढ़ावा ना सिर्फ सरकार दे रही है, बल्कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहरों में भी अब साइकिल पाथवे का निर्माण किया जा रहा है। गाँवों और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली बेटियों को सरकार की ओर से साइकिल दी जाती है, जिससे उनका हौसला पढ़ाई को लेकर बरकार रहे।
ठीक उसी प्रकार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी साइकिलिंग को लेकर पाथवे बनाया गया है। इसके साथ ही शहर के कई युवा और युवतियां साइकिल लेकर विभिन्न राज्यों में जाकर क्लीन इंडिया, ग्रीन इंडिया के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रहे हैं।
साइकिलिंग करने से सेहत रहती है फिट
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसार, 12 से 13.9 मील प्रति घंटे की मध्यम गति से साइकिल चलाने से 155 पौंड वजन का व्यक्ति 30 मिनट में 298 कैलोरी बर्न करता है, जबकि 14 से 15.9 मील प्रति घंटे की तेज़ गति से समान वजन वाला व्यक्ति 372 कैलोरी बर्न करेगा।
ऐसे में साइकिलिंग करने से ना सिर्फ आप खुद को एक्टिव रखते हैं, बल्कि फिट भी रखते हैं। इससे हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता है। फिजिकल फिटनेस के लिए आपको हर ट्रेनर साइकलिंग करने को कहता है।
साइकिलिंग से जितनी ज़्यादा आपकी कैलोरी बर्न होगी उतनी ज़्यादा ही आपको भूख लगेगी और साथ ही आपकी इम्यूनिटी (रोग- प्रतिरोधक क्षमता) भी बढ़ेगी।
शनिवार हेरिटेज साइकिल राइड अभियान की शुरुआत
गया के रहने वाले जैकी विश्वकर्मा पेशे से गाइड हैं। वे बताते हैं कि पिछले तीन साल से वे लगातार युवाओं के बीच साइकिल राइड के ज़रिये कल्चरल हेरिटेज से जोड़ने की मुहिम चला रहे हैं। लॉकडाउन से पहले वे शनिवार हेरिटेज साइकिल राइड के ज़रिये वहां के युवाओं को उन जगहों पर ले जाकर भ्रमण कराते थे, जहां गाड़ी नहीं जा सकती थी।
ऐसा करने से वे युवाओं को हमारी सांस्कृतिक धरोहर एवं संस्कृति से जोड़ने के साथ पर्यावरण के प्रति सजगता के साथ जागरूकता फैला रहे हैं।
बच्चों के साथ साइकिल राइड कर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देती हैं सरोज
फूलवारी की रहने वाली सरोज प्रिया मिश्रा सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रही हैं। वे बताती हैं कि पिछले एक साल से वे लगातार साइकिलिंग करके साइकिल को प्रमोट कर रही हैं। बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण को हो रहे नुकसान को लेकर वे अपने घर के आस-पास रहने वाले बच्चों को इसके बारे में जानकारी देती हैं।
लॉकडाउन के पहले वे हफ्ते में तीन दिन बच्चों और युवाओं के साथ साइकिल कर लोगों को फिजिकल फिटनेस के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती थीं। पहले जहां उनसे 5-6 बच्चे जुड़ते थे, लेकिन अब धीरे-धीरे 15-20 बच्चे जुड़ गए हैं।
यूएन कैंपेन वन बिलियन राइजिंग की ब्रांड एम्बेसडर हैं सविता महतो
यूएन कैंपेन वन बिलियन राइजिंग की ब्रांड एम्बेसडर सविता महतो
छपरा की रहने वाली सविता महतो ने साइकिलिंग कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनका यह सफर आसान नहीं था। वे बताती हैं कि उनके परिवार में लड़कियों को लेकर आज़ाद ख्यालात नहीं थे। उन्हें हमेशा से दुनिया को एक्सप्लोर करना था।
यही कारण है कि उन्होंने टाटा स्टील में नौकरी छोड़कर साइकिलिंग करने का मन बनाया। घरवालों के विरोध होने के बावजूद भी उन्होंने पटना एनसीसी, कम्युनिटी ट्रैफिक पुलिस के धीरज कुमार और ब्रिगेडियर रणविजय सिंह के प्रोत्साहन पर उन्होंने साल 2017 में राज्य में साइकिल से भम्रण करने शुरुआत की।
उन्होंने ऑल इंडिया ट्रेवलिंग के दौरान 12,500 किलोमीटर की दूरी तय की है। वह पहली भारतीय लड़की हैं, जिन्होंने 12,500 किलोमीटर की यात्रा तय करने का खिताब मिला है। वे विभिन्न राज्यों के अलावा अन्य देश जैसे श्रीलंका, भूटान, नेपाल समेत पूरे देश का भ्रमण कर चुकी हैं।
अब तक वे साइकिल से 30,000 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी हैं। उनका कहना है कि यह सफर उन्होंने उन लड़कियों के शुरू किया था, जो अपने साइकिल चलाने के सपने को पूरा नहीं कर पाती थीं। वे उनके लिए प्रेरणा का स्रोत बनना चाहती थीं और यह संदेश देना चाहती थी कि आप अगर अपने मन में ठान लो, तो आप कुछ भी कर सकते हैं।
इसके अलावा वे विभिन्न जगहों में जाकर पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देती हैं। अभी उन्होंने यूनाइटेड नेशन द्वारा चलाई जा रही मुहिम वन बिलियन राइजिंग में दस दिनों की साइकिल राइड की है, जिसकी वे ब्रांड एम्बेसडर हैं।
बिहार के कल्चरल एक्सेज के लिए शुरू की साइकिलंग
दीघा के रहने वाले रणवीर कुमार बताते हैं कि उन्हें साइकिल करना बेहद पसंद है। ऐसे में उन्होंने साइकिलिंग कर विभिन्न राज्यों मे जाकर बिहार का कल्चरल एक्सचेंज मुहिम की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने क्लीन इंडिया, ग्रीन इंडिया और एक भारत-श्रेष्ठ भारत से जुडी मुहिम को प्रोमोट किया है।
वे बताते हैं कि साल 2019 में उन्होंने सात ज़िलों को साइकिल से तय किया था, जिसका मकसद युवाओं को रोड सेफ्टी के प्रति जागरूक करना था। वहीं साल 2020 में उन्होंने 19 राज्य, तीन दूसरे देश (बांगलादेश, नेपाल, भूटान) और तीन यूनियन टेरेटरिज का भ्रमण साइकिल से किया। अब तक उन्होंने 9,500 किलोमीटर का सफर तय किया है।
साइकिलिंग कर महिला सशक्तिकरण और क्लीन इंडिया, ग्रीन इंडिया मुहीम को किया प्रमोट
रामकृष्ण नगर की रहने वाली अंकिता राज ने साइकिल से अब तक 8,500 किलोमीटर की दूरी तय की है। उन्होंने साल 2019 में महिला सशक्तिकरण और क्लीन इंडिया, ग्रीन इंडिया मुहिम के तहत बिहार, साउथ वेस्ट से जुड़े राज्य झारखंड आदि राज्यों में मौजूद शैक्षणिक संस्थानों के बच्चों से मिलीं। उनका कहना है कि आज के समय में यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम युवाओं को उन साधनों से जोड़ें, जो हमें इको फ्रेंडली बनाने के साथ स्वस्थ भी रखें।