जब से कोरोना महामारी हम इंसानों के जीवन में आई है, तब से हर जगह चारों ओर एक नकारात्मक माहौल बना हुआ है। ऐसे में हमें ज़्यादातर लोगों की मानसिक हालत पर अन्य पहलुओं से कहीं ज़्यादा असर देखने को मिला है। ऐसी परिस्थितियों में एक इंसान को कभी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा सकारात्मक विचारों की भावना को अपने जीवन में अपनाना चाहिए ताकि वह शख्स अपनी बाकी की ज़िन्दगी को खुशहाली से बिता सके।
2020 एक ऐसा साल रहा है, जहां पर ऐसी कई प्राकृतिक और अनचाही घटनाएं हुई हैं जिससे इंसान को अत्यधिक मानसिक तनाव या स्ट्रेस झेलना पड़ रहा है, चाहे वह आप की अपनी निजी ज़िन्दगी से सम्बन्धित हो या अपने ऑफिस की नौकरी से। ऐसी परिस्थिति में अपने आप को स्वस्थ रखना और तनाव से दूरी बनाना बहुत ज़रूरी है। ऐसे में स्वयं को इन सब चिंताओं से मुक्त रखने और सुकून पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए? अभी हम यह जानते हैं-
पहला यदि आपका बॉस आप से ढंग से बात नहीं करता है, तो आपको बुरा नहीं मानना चाहिए। हमें अक्सर देखने को मिलता है कि अगर बॉस ज़्यादा किसी एंप्लॉय (कर्मचारी) को डांटता है तो वह एंप्लॉय (कर्मचारी) अपनी जॉब को छोड़ देता है, जिस पर उस पर आर्थिक दबाव भी पैदा हो सकता है।
ऐसे में एकदम शांत मन से हमेशा यह सोचना चाहिए कि हमें डांट किस बात पर पड़ रही है? अगर हमारी कोई गलती है, तो उससे मानकर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए और अपनी गलती सुधारने की कोशिश करनी चाहिए और जीवन में आगे बढ़ने की कोशिश करते रहनी चाहिए।
हमेशा अपना ध्यान रखें
खुद को समझें और अपने ऊपर जो तनाव आ रहा है, उसे कम करने की कोशिश करें। यह करने के लिए आप स्वयं को किसी ना किसी काम में व्यस्त रख सकते हैं। किसी भी प्रकार का कार्य में जैसे कि व्यायाम कीजिए, योग करिए ताकि आपकी सेहत पर भी कोई बुरा असर ना हो। ऐसा कहा भी जाता है पहला सुख निरोगी काया, क्योंकि जब आपकी स्वस्थ एवं अच्छी सेहत होगी, तो आपका मन एवं शरीर प्रसन्न रहेगा और आपके दिमाग पर भी कम प्रेशर पड़ेगा।
हमेशा अपने जीवन में खुशहाली और सकारात्मकता को ढूंढे
आपके जीवन में जब सब कुछ आपके अनुसार हो रहा हो और अचानक कुछ ऐसा हो जाए, जिससे आप व्यथित हो जाएं जैसे आपका ब्रेकअप हो गया हो या फिर आपके जीवन में किसी भी करीबी की मौत हो गई हो तो ऐसे में आपको कोशिश करनी चाहिए कि जो बीत गया सो बीत गया, अब जो होगा वह आगे होगा और वह अच्छा ही होगा और आपको सकारात्मकता की खोज में निकलना होगा, ताकि आप अपने उस बुरे कल से आगे निकल पाएं और कोशिश करते रहें कि आप को ठेस ना पहुंचे।
उदाहरण के तौर पर कोरोना काल में ऐसी कई दुःखद घटनाएं हुई हैं, जिससे एक इंसान को मानसिक तौर पर कई दुःख दर्द सहने को मिले हैं। ऐसे में सकारात्मक रहते हुए केवल एक ही तरीके से जिया जा सकता है और वह है मेडिटेशन या ध्यान लगाना। ना बुरा सोचे और ना बुरा करें और अपनी अंतरात्मा को शांत रखें।
यदि आप पर कोई आर्थिक विपदा आ गई है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि आपको अभी भी कई सारे विकल्प देखने को मिल जाएंगे, जिससे आप अपनी इस दुविधा को दूर कर सकते हैं जैसे कि आप बैंक से लोन मांग सकते हैं या अपने करीबी दोस्तों से कुछ समय के लिए रुपये उधार ले सकते हैं और यह कह सकते हैं कि मैं आगे मेहनत करके आपको वापस लौटा दूंगा।
आखिर में हम यही कह सकते हैं कि कोई भी बुरी दुर्घटना कभी भी बता कर नहीं आती है। कुछ पलों में अचानक कुछ भी हो जाता है, तब ऐसी स्थिति के लिए हमेशा स्वयं को तैयार रखना चाहिए।
खैर, ऐसी संभावनाएं बहुत कम होती हैं, लेकिन फिर भी स्वयं को इस तरीके से मज़बूत रखना चाहिए कि हम पर ऐसी घटनाओं का बुरा असर ना पड़े। हमें हमेशा अपने जीवन में आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए और क्या पता यही कुछ घटनाएं आपके जीवन का रुख ही बदल दें।