Site icon Youth Ki Awaaz

कोरोना की लहरों की भयावहता और अब फंगस का आम जनमानस पर बढ़ता कहर

कोरोना की लहरों की भयावहता और अब फंगस का आम जनमानस पर बढ़ता कहर

अब जितने दिन ज़िन्दगी में आगे चलते जा रहे हैं, उतनी ही आफतें हमारे सामने नज़र आ रही हैं। इस समय हर व्यक्ति परेशान हो चुका है। इस वक्त हर व्यक्ति अपने आप को हर तरीके से कमज़ोर समझने लगा है। अभी तक कोरोना की लहरें शुरू ही हुई थीं, लेकिन फंगस के रंगों का इंद्रधनुष शुरू हो चुका है।

आखिर किस-किस से बचा जाए? आखिर और कितने रंग के फंगस के आने बाकी हैं? कोरोना से बचना ही बहुत मुश्किल था, अब इतने फंगसों से कैसे बचेंगे? बहुत सारे सवाल दिमाग मे घूम रहे हैं, जिनका उत्तर मिलना मुश्किल है, क्योंकि कोरोना के कारण ही सभी दुखी हो चुके हैं और देश में फंगस ने भी लोगों को परेशान कर दिया है।

आखिर जाएं, तो कहां जाएं? अब जान बचाना भी मुश्किल हो चुका है। बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग तक इस कठिन समय से परेशान हो चुके हैं। किसी के पास कुछ जवाब नहीं है। सभी के चेहरे मायूस हो गए हैं।

सभी इस बात को लेकर परेशान आखिर कोरोना की कितनी लहर हैं?

जब कोरोना महामारी देश मे आई थी, तो सभी को लगा था कि कुछ दिन के लिए परेशानी है, लेकिन ऐसा नहीं  हुआ। कोरोना की एक के बाद एक लहरें शुरू हो चुकी हैं। एक साल पहली लहर और अब दूसरी और आने वाले कुछ महीनों में तीसरी लहर का सामना भी हम सभी को मिलकर करना पड़ेगा।

ऐसा बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों पर सबसे अधिक असर होगा। सभी को कोरोना की तीसरी लहर की चिंता है और सभी के मन में एक ही सवाल है, क्या तीसरी लहर के बाद तो कोई और लहर तो नहीं आएगी? हम सब मिलकर कोरोना महामारी का सामना कर रहे हैं, लेकिन कोरोना के साथ-साथ अब फंगस भी आम जनमानस की चिंता बढ़ाने लगा है।

कोरोना के साथ सफेद फंगस से लोगो की चिन्ताएं बढ़ीं 

देखा जाए, तो फंगस ने आम जनमानस की चिन्ताएं बढ़ा दी हैं। बताया जा रहा है कि व्हाइट(सफेद) फंगस रोगी के नाजुक अंगों जैसे- आंख, गला, आंत, लीवर, जीभ आदि पर हमला करता है। अंग के सेल(कोशिकाओं) को तेज़ी से नष्ट कर देता है। जिससे शरीर के सारे अंग काम करना बंद कर देते हैं। इस फंगस का अटैक इतना तेज़ होता है कि जब तक रोगी कुछ समझ पाए तब तक यह रोगी के शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को बर्बाद कर चुका होता है। इसलिए किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलें।

ब्लैक फंगस ने भी चिंता बढ़ाई, रहें सावधान

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस का कहर भी बढ़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि दरअसल, ब्लैक फंगस उन्हीं लोगों पर अटैक कर पाता है जिनकी इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमज़ोर होती है। इस कारण ब्लैक फंगस को उन्हें अपना शिकार बनाने का मौका मिल जाता है। इसलिए आप  अपनी इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को कम ना होने दें। स्वस्थ और मज़बूत इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) वाले लोगों पर यह अटैक नहीं कर पाता है।

डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के उपचार करते समय रोगी को कुछ दवाइयां भी बहुत सावधानी से देनी चाहिए, क्योंकि वो भी फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकती हैं। इसलिए सभी अपना सही तरीके से ध्यान रखें एवं सावधान रहें।

सफेद एवं काले फंगस के बाद चिंता बढ़ाने आया पीला फंगस

कोरोना के कारण ही लोगों की चिन्ताएं बढ़ रही हैं, लेकिन एक पीले रंग की फंगस चिंता बनकर हमारे सामने खड़ी है। एक ही नहीं, बल्कि तीन-तीन फंगस के कारण लोगों की सांसे थम सी गई हैं। बताया जा रहा है कि सफेद और काले फंगस से ज़्यादा खतरनाक पीला फंगस है, जिसके कारण हमें अपने स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानियां बरतनी होंगी।

पीले फंगस के कुछ लक्षण एवं बचाव

पीला फंगस एक बहुत खतरनाक बीमारी है, क्योंकि यह आंतरिक रूप से शुरू होती है और इसलिए किसी भी प्रकार की परेशानी दिखे, तो डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।

पीले फंगस के प्रमुख लक्षण हैं

1 . सुस्ती महसूस होना।

2 . भूख कम लगना या बिल्कुल भी ना लगना।

3 . शरीर का वजन कम होना।

4 . अगर इस दौरान किसी को घाव है, तो उसमें से मवाद का रिसाव होने लगता है और घाव बहुत धीमी गति से ठीक होता है।

5 . कई लोगों को आंखों में इंफेक्शन हो सकता है।

6 . इस दौरान रोगी की आंखें धंस जाती हैं।

7 . शरीर के ज़रूरी ऑर्गन डैमेज तक हो सकते हैं।

इससे बचाव कैसे करें?

सबसे पहले आप खुद को साफ-सुथरा रखने के साथ ही, घर की सफाई भी करें। हमारे आसपास अधिक गंदगी का होना ही पीले फंगस का मुख्य कारण हो सकता है।  इसलिए ज़रूरी है कि अपने घर के आसपास सफाई रखें, जिससे बैक्टीरिया या फंगस डेवलप ना हो पाए। घर पर मौजूद पुरानी खाने की चीज़ों हटा दें, जिसमें फंगस लगने का खतरा हो जाता है। कोरोना के साथ-साथ फंगस की बीमारी आना बहुत ही चिंताजनक है, लेकिन इस समय सभी को सावधानी बरतने की ज़रूरत है।

Exit mobile version