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पेआउट लिंक क्या है और वर्तमान में यह किसी भी व्यवसाय के लिए क्यों ज़रूरी है?

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आज के डिज़िटल युग में लोग अपना ज़्यादातर काम ऑनलाइन ही करने लगे हैं। वर्तमान में अधिकांश लोग खाना मंगाने से लेकर कपड़े ख़रीदने तक सभी काम ऑनलाइन ही करते हैं। ऐसे में ई-कॉमर्स (e-Commerce) क्षेत्र में वृद्धि दिनों-दिन देखने को मिल रही है। पिछले कुछ वर्षों से ऑनलाइन व्यापार में कई नई चीज़ें देखने को मिल रही हैं।

 

कैश इन डिलीवरी COD के लिए  बेहतरीन टर्म

वर्तमान में ज़्यादातर ई-कॉमर्स व्यवसाय और स्टार्टअप ऑनलाइन भुगतान (Online Payments) लेना पसंद कर रहे हैं लेकिन भारत में अभी भी कैश ऑन डिलीवरी (CoD) सबसे ज़्यादा प्रचलित भुगतान माध्यमों में से एक है।

सुरक्षा के  कारण लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में CoD लेन-देन में काफ़ी गिरावट आई थी लेकिन उसके बाद इसमें फिर से वृद्धि देखी गई। अगर ई-कॉमर्स व्यवसायों की बात करें, तब  CoD की वजह से उन्हें रिफ़ंड के समय काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

 

Online Payment

 

COD के रिफ़ंड के समय न केवल ई-कॉमर्स व्यवसायों को परेशानी होती है, बल्कि इससे ग्राहकों को भी परेशान होना पड़ता है। ग्राहकों की बैंक डिटेल के बिना CoD ऑर्डर पर रिफ़ंड करना बहुत मुश्किल वाला काम होता है।

इसके लिए सब कुछ मैनुअली करना पड़ता है इसलिए ग्राहकों को रिफ़ंड पाने के लिए कई दिनों तक इंतज़ार करना पड़ता है। इस प्रक्रिया से कई बार ग्राहक काफ़ी दुखी हो जाते हैं और किसी दूसरे ई-कॉमर्स की तरफ़ रुख़ कर लेते हैं।

हालांकि, अब इस समस्या से आसानी से निपटा जा सकता है। जी हां! इस काम में पे-आउट लिंक काफ़ी मदद कर सकते हैं। रिफ़ंड जैसे मामलों के लिए फंड ट्रांसफ़र (Fund Transfer) को स्वचालित (Automate) करने की बहुत ज़रूरत है और पे-आउट लिंक इसका एक समाधान है।

पे-आउट लिंक कारोबारी और ग्राहक दोनों के समय की बचत करते हैं और उन्हें परेशानियों से भी बचाते हैं।

 

आखिर क्या है पेआउट लिंक?

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है पे-आउट लिंक एक ऐसी लिंक होती है, जिससे तुरंत पैसे भेजें और भुगतान एकत्र (Payment Collection) किए जा सकते हैं। इसकी सहायता से व्यवसायी, ग्राहकों, विक्रेताओं और अपने कर्मचारियों को उनकी बैंक डिटेल के बिना ही भुगतान कर सकते हैं। इसके लिए केवल एक पे-आउट लिंक बनाकर उसे अनके पास भेजना होता है।

 

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जिसके लिए उनके बैंक डिटेल की भी ज़रूरत नहीं पड़ती है। दरअसल, ग्राहकों को पेआउट लिंक उनके ईमेल या मोबाइल नंबर पर प्राप्त होती है। उसके बाद वह लिंक खोलकर अपनी बैंक डिटेल या UPI आईडी की जानकारी दर्ज़ करते हैं, जिसके बाद तुरंत उन्हें भुगतान प्राप्त हो जाता है।

है ना यह काफ़ी आसान और मज़ेदार! यह ग्राहकों या कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में पैसे भेजने का सबसे आसान तरीक़ा है। इसके माध्यम से व्यवसायी से लेकर ग्राहक तक सभी के समय और मेहनत में बचत होती है। 

 

कैसे काम करता है पेआउट लिंक?

पे-आउट लिंक के माध्यम से रिफ़ंड करना या फ़ंड प्राप्त करना बहुत ही आसान होता है। आइए इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में जानते हैं।

1- जैसा कि हम पहले ही आपको बता चुके हैं कि व्यवसायी सबसे पहले पेआउट लिंक की सुविधा प्रदान करने वाले किसी भी प्लेटफ़ॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करता है।

2- उसके बाद उस प्लेटफ़ॉर्म के डैश बोर्ड से ग्राहक की जानकारी (जैसे- नाम, ईमेल और फ़ोन नंबर) और रिफ़ंड की राशि भर कर पेआउट लिंक बनाता है। पैसे भेजने से पहले व्यवसायी को उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक  OTP प्राप्त होता है, जिसे दर्ज करने के बाद आगे की प्रक्रिया होती है।

3- अगर ग्राहक की बात करें, तो उसके मोबाइल नंबर या ईमेल पर पेआउट लिंक प्राप्त होती है। ग्राहक प्राप्त लिंक पर क्लिक करके उसे OTP द्वारा वेरिफ़ाई करता है।

4- इसके बाद ग्राहक अपनी पसंद (जहां वह पैसे वापस पाना चाहता है) के अनुसार, बैंक अकाउंट या UPI आईडी की जानकारी भरता है।

5- जैसे ही ग्राहक सभी जानकारी सही-सही भरता है, उसे तुरंत पैसे वापस मिल जाते हैं।

 

आफ़िस कल्चर की ज़रूरत बनता पेआउट

वर्तमान समय में पेआउट लिंक ऑनलाइन बिज़नेस के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, आप कुछ ही समय में समझ जाएंगे।

आपको यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि पारंपरिक तरीक़े से रिफ़ंड पाने में कम से कम 4-5 दिन का समय लगता है, जबकि पेआउट लिंक की मदद से यह मिनटों में हो जाता है। हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि कैश ऑन डिलीवरी ऑर्डर पर रिफ़ंड करना ई-कॉमर्स व्यवसायों के लिए बहुत ही मुश्किल काम होता है।

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आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि ऐसा क्यों है।

1- आमतौर पर जब ई-कॉमर्स व्यवसायी CoD के माध्यम से बेचे गए सामान की वापसी और रिफ़ंड की रिक्वेस्ट पाता है, तो वह पहले सामान कलेक्ट करता है। उसके बाद ईमेल द्वारा ग्राहक से बैंक विवरण की मांग करता है।

2- कुछ समय बाद अगर ग्राहक अपनी बैंक डिटेल नहीं देता है, तो सपोर्ट टीम दोबारा फ़ॉलोअप ईमेल भेजती है या फ़ोन करती है।

3- जब ग्राहक का बैंक विवरण मिल जाता है, तब रिफ़ंड के लिए संबंधित टीम को वह जानकारी भेज दी जाती है।

4- उसके बाद टीम उस बैंक अकाउंट में रिफ़ंड की प्रक्रिया शुरू करती है।

अब आप समझ गए होंगे कि इस प्रक्रिया में कितना समय और मेहनत खर्च होती है। उसके बाद भी कई बार समय पर रिफ़ंड प्राप्त नहीं होता है। वहीं, पेआउट लिंक के माध्यम से समय और मेहनत दोनों की बचत होती है और तुरंत रिफ़ंड भी प्राप्त हो जाता है। इससे व्यवसाय को एक खुश और संतुष्ट ग्राहक भी मिलता है। 

 

हर तरह के व्यवसाय के लिए लाभदायक पेआउट लिंक

अगर अभी भी आप यह सोच रहे हैं कि क्या पेआउट लिंक आपके व्यवसाय के लिए सही है या नहीं, तो आइए इसकी कुछ महत्वपूर्ण बातें जान लेते हैं। उसके बाद आप खुद ही फ़ैसला कर सकते हैं कि यह आपके व्यवसाय के लिए सही है या नहीं?

1- कर्मचारियों को इंसेंटिव या एक्सपेंस का रिफ़ंड:

 लगभग हर व्यवसाय में काम करने वाले कर्मचारियों को इंसेंटिव दिया जाता है। इसमें बड़ा बोनस या प्रोत्साहन के रूप में दी जाने वाली छोटी राशि कुछ भी हो सकती है। ऐसे में आप पेआउट लिंक की मदद से बड़ी आसानी से अपने कर्मचारियों को इंसेंटिव दे सकते हैं।

 

 

 

वहीं, एक्सपेंस रिफ़ंड की बात करें तो अक्सर कर्मचारी कंपनी के काम से बाहर आते-जाते रहते हैं। ऐसे में वह कई बार अपनी जेब से खर्च करते  हैं और बाद में उसके रिफ़ंड का दावा करते हैं। ऐसे रिफ़ंड के दावों को भी पेआउट लिंक से बड़ी आसानी से निपटाया जा सकता है।

2- गेमिंग कंपनियों द्वारा दिया जाने वाला जीत का पैसा: 

वर्तमान समय में ऑनलाइन पोकर गेम काफ़ी चर्चित हैं। इसमें खिलाड़ी काफ़ी पैसे जीतते हैं और कंपनी को वो जीते हुए पैसे खिलाड़ियों को देना पड़ता है। अगर आप भी ऐसी ही कोई गेमिंग कंपनी चलाते हैं, तो खिलाड़ियों को जीत का पैसा तुरंत भेजने के लिए पेआउट लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

3- अफ़िलिएट मार्केटिंग के लिए भुगतान:

 वर्तमान में ज़्यादातर व्यवसाय ज़्यादा से ज़्यादा ग्राहकों तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए अफ़िलिएट मार्केटिंग का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में अफ़िलिएट मार्केटिंग करने वाले लोगों को पैसे देने पड़ते हैं। उन भुगतानों के लिए आप पेआउट लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं और उन्हें खुश रख सकते हैं।

4- रेंटल कंपनियों द्वारा सिक्योरिटी डिपॉज़िट की वापसी: 

वर्तमान में किराए पर काफ़ी चीज़ें जैसे घर का सामान, बाइक, मोबाइल, लैपटॉप इत्यादि मिलते हैं। इन चीजों को लेने के लिए कुछ राशि सिक्योरिटी डिपॉज़िट के तौर पर जमा करनी पड़ती है।

जब किराए की अवधि पूरी हो जाती है, तब आप सिक्योरिटी डिपॉज़िट का रिफ़ंड पा सकते हैं। ऐसे रिफ़ंड के लिए भी पेआउट लिंक काफ़ी काम की चीज़ है। अगर आप ऐसी ही कोई कंपनी चलाते हैं, जिसमें ग्राहकों को किराए पर वस्तुएं उपलब्ध करवाते हैं, तो आपके लिए पेआउट लिंक बड़े काम की चीज़ साबित हो सकती है।

हमने आपको सभी बातें तो बता दी, लेकिन यह नहीं बताया कि वर्तमान में कौन सा प्लेटफ़ॉर्म सबसे बेहतरीन पेआउट लिंक की सुविधा प्रदान करता है। आइए उसके बारे में भी कुछ जान लेते हैं।

कुछ बेहतरीन पेआउट लिंक में शामिल है open

वर्तमान में कई कंपनियां पेआउट लिंक की सुविधा प्रदान करती हैं। उनमें Paytm, Open, रेज़रपेX और कैशफ़्री प्रमुख हैं।

अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि इनमें से सबसे बेहतर कौन है। सबसे बेहतर की बात आते ही दिमाग में पहला नाम Open का आता है। इसकी कई वजहें हैं, जिसके बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बताएंगे।

दरअसल, Open का पेआउट लिंक बहुत ही बेहतरीन और आसान है, जिसे कोई भी बिना परेशानी के इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा, Open पेआउट लिंक के साथ ही आपके व्यवसाय के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएं भी प्रदान करती है। Open ने व्यवसायों के भुगतान को आसान बनाने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी कदम उठाया है।

इसी के तहत Open व्यवसायियों को पेमेंट गेटवे, UPI AutoPay, अंतरराष्ट्रीय भुगतान (International Payments), अकाउंटिंग, कैश मैनेजमेंट के साथ ही कई सेवाएं प्रदान करती है। यही वजह है कि Open अन्य कंपनियों जैसे Paytm, रेज़रपेX और कैशफ़्री से कई गुना ज़्यादा बेहतर है।

इन सभी सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए आज ही Open पर साइन-अप करें और अपने व्यवसाय को दोगुनी गति से आगे बढ़ाएं।

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