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“सतर्कता ही कोरोना से एकमात्र प्राथमिक बचाव है”

सतर्कता ही कोरोना से एकमात्र प्राथमिक बचाव है

कोरोना फिर से देश में बहुत तेज़ी से अपने पांव पसार रहा है, ऐसे में हम सभी लोगों को चाहिए कि हम अपनी एवं दूसरों की सुरक्षा के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क ज़रूर लगाएं। उक्त बातें मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और युवा समाजसेवी अकमल अली खान ने कहीं।

अकमल अली ने अपने ज़िला गाजीपुर व अपने गांव और आस-पास के इलाकों में जाकर लोगों को कोरोना से सुरक्षा के लिए जागरुक किया। उन्होंने स्कूलों में जाकर बच्चों को कोरोना से किस तरह से हम अपनी सुरक्षा कर सकते हैं इस बारे में जानकारी दी और बच्चों को मास्क भी वितरित किए। उन्होंने वहां मौजूद आम जनमानस को मास्क पहनने का सही तरीका भी बताया। उन्होंने बताया कि हमें हमेशा बाहर जाते समय मास्क को अच्छे से लगाना चाहिए जिससे हमारा मुंह और नाक अच्छी तरह से ढके रहे, ताकि आप कोरोना वायरस से संक्रमित ना हों।

देश में तेज़ी से बढ़ते कोरोना के आंकड़े

अकमल ने कहा अभी बहुत से गांव के लोगों में यह भ्रम बना हुआ है कि कोरोना वायरस वास्तव में है या सिर्फ एक अफवाह है। इस बात की पुष्टि उन्होंने खुद करते हुए कहा कि अभी तक कोरोना से पूरी दुनिया में बारह करोड़ तिरहत्तर लाख लोग संक्रमित हुए जबकि सत्ताईस लाख चौरासी हज़ार लोगों की जान चली गई है।

ये आंकड़ा अगर हमारे देश में देखें तो यहां बारह लाख लोग संक्रमित हुए और एक लाख बासठ हज़ार लोगों की जानें कोरोना वायरस ने छीन ली हैं। इस आंकड़े पर गौर करे तो दुनिया में कभी इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान एक साथ नहीं गईं हैं।

कोरोना से बचाव के लिए आम लोगों का जागरुक होना बेहद ज़रूरी है

अकमल ने कहा कि सरकार ने होली और शब-ए-बारात पर जो दिशा-निर्देश दिए थे,  लोगों ने उन्हें बहुत हद तक सही माना। अब मुस्लिम समुदाय का मुकद्दस महीना रमज़ान भी आने वाला है, ऐसे में सभी लोगों को कोरोना से बचने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर खुद भी बचना चाहिए और अपने घर वालों को भी सुरक्षित रखना चाहिए।

अकमल ने कहा रमज़ान के महीने में बहुत से लोग एक जगह से दूसरे जगह या अपने घर पर जाते हैं। उन सबको सेल्फ क्वॉरंटीन होना चाहिए और अगर उन्हें किसी तरह की परेशानी या खांसी या बुखार हो, तो तुरंत उन्हें डॉक्टर से सम्पर्क कर कोरोना की टेस्टिंग करवानी चाहिए।

अकमल ने आगे कहा कि पिछले साल लॉकडाउन में उन्होंने अपने गाँव और आस-पास के बहुत से ज़रूरतमंदो की मदद की है, आने वाले वक्त में अगर कोरोना का प्रकोप ज़्यादा हुआ तो वे लोगों की मदद करने के लिए फिर से तैयार हैं। अकमल ने कहा की शहर के लोगों में कोरोना को लेकर ज़्यादा जागरूकता है, मगर गाँव-देहात में सरकार को कैम्प कर वहां के लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में जागरुक करने की ज़रूरत है। अगर हम और सरकार क़ोरोना से लड़ाई मज़बूती के साथ लड़ते हैं तो इस लड़ाई में जीत हमारी ही होगी।

अकमल अली खान ने पूर्व में भी जब देश में प्रथम लॉकडाउन लगा था, तो उन्होंने जनपद में घूम-घूम कर राहत सामग्री से लेकर सेनेटाइज़र और मास्क का लोगों में वितरण किया था।

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