सोमवती अमावस्या का दिन जहां उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस भर्ती परीक्षा- 2020 के अभ्यर्थियों के लिए खुशियां लेकर आया तो वहीं उन्हीं में से कुछ के चेहरे पर निराशा के भाव दिखाई दे रहे थे,क्योंकि इस बार भी उनको सफलता हासिल नहीं हुई थी। ऐसे नाजुक दौर में निराश युवाओं को भटकने या गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिए आत्मविश्वास के साथ-साथ सही मार्गदर्शन एवं अनुभव की विशेष आवश्यकता होती है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए जनआधार कल्याण समिति के सचिव एवं लेखक प्रवीन कुमार शर्मा ने गहन अध्ययन के बाद इस लेख के माध्यम से कुछ टॉपर्स के प्रेरणादायक अनुभव आप तक पहुंचाने का एक छोटा सा प्रयास किया है। चलिए जानते हैं-
सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (सामान्य चयन) परीक्षा 2020 की लिखित परीक्षा के घोषित परिणाम के आधार पर हुए साक्षात्कार में 845 अभ्यर्थियों ने सफलता का परचम लहराया था। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 1 अप्रैल से 8 अप्रैल तक किये गए साक्षात्कारों के बाद सोमवार को जारी किए गए यूपीपीएससी पीसीएस 2020 के अंतिम परीक्षा परिणाम में बीटेक करने वालों ने सफलता का परचम लहराया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 12 अप्रैल 2021 को जारी की गई सूची में दिल्ली, हरियाणा, लखनऊ, बलिया, मेरठ, प्रयागराज, गाजियाबाद, ज्योतिबाफुले नगर, गोरखपुर और बाराबंकी के मेधावी छात्रों ने परचम लहराया है, जिसमें संचिता (नई दिल्ली), शिवाक्षी दीक्षित (लखनऊ), मोहित रावत ( हरियाणा), शिशिर कुमार सिंह (बलिया), उदित पनवार (मेरठ), ललित कुमार मिश्रा (प्रयागराज), प्रतीक्षा सिंह (गाजियाबाद), महिमा (अमरोहा), सुधांशु नायक (गोरखपुर), नेहा मिश्रा (बाराबंकी) ने क्रमशः शीर्ष पर स्थान प्राप्त किया है। आइए जानते हैं इन टॉपर्स की सफलता की प्रेरणादायक कहानी-
संचिता शर्मा D/o चन्द्र शेखर शर्मा
पंजाब
पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर की रहने वाले फार्मेसी संचालक चन्द्र शेखर शर्मा एवं गृहविज्ञान की प्रवक्ता श्रीमती ज्योति शर्मा की बेटी, डेन्टलिस्ट डॉ. निवेदिता की छोटी एवं वकालत कर छोटे भाई निर्मल शर्मा की बड़ी बहन संचिता शर्मा ने वर्ष 2013 में पंजाब विश्वविद्यालय से बीटेक केमिकल इंजीनियरिंग करने के बाद 2016 में सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। यूपीपीएससी में पहली बार में जब संचिता को सफलता नहीं मिली, तो वह मायूस हो गई, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और दिन-रात अपनी कठिन लगन व मेहनत से पढ़ाई करने के बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2020 की भर्ती परीक्षा में टॉप किया है।
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में संचालित कोचिंग से तैयारी करने वाली संचिता कहती हैं कि सिविल सेवा में जाकर लोगों की सेवा करने एवं खुद को प्रेरित करने के लिए हमेशा एकाग्रचित्तता के साथ-साथ निर्धारित लक्ष्य पर नज़र रखना बेहद आवश्यक है। सिविल की तैयारी बहुत लंबा व कठिन सफर है जिसके लिए हिम्मत रखते हुए प्रयास करते रहना चाहिए।
शिवाक्षी दीक्षित D/o कृष्णकांत दीक्षित
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बी.कॉम करने वाली लखनऊ के एक बैंक मैनेजर कृष्णकांत दीक्षित एवं श्रीमती शिक्षिका वीणा दीक्षित की बेटी शिवाक्षी दीक्षित ने पहले प्रयास में ही यूपीपीएससी में दूसरी रैंक हासिल करते हुए सफलता का परचम लहराया। उन्हें संघ लोक सेवा आयोग की आईएएस 2020 के साक्षात्कार का भी बुलावा मिला। शिवाक्षी दीक्षित का मानना है कि बहुत अधिक स्टडी मैटेरियल के पीछे भागने से कुछ नहीं होता है। स्वयं पर भरोसा रखते हुए जितना पढ़ें उतना खूब अच्छे से समझ लें।
मोहित रावत S/o जवाहर सिंह रावत
पलवल (हरियाणा)
संघ लोक सेवा आयोग की तीन बार परीक्षा दे चुके पलवल हरियाणा के रहने वाले हरियाणा सरकार के पब्लिक हेल्थ विभाग से सेवानिवृत्त सुपरिंटेंडेंट जवाहर सिंह रावत एवं श्रीमती इंदिरा रावत के युवा पुत्र मोहित रावत ने स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद 2011 से 2015 तक आईआईटी मंडी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद दो साल प्राइवेट जॉब किया और जुलाई 2017 से सिविल सेवा की तैयारी में फिर से जुट गए। वर्ष 2019 में पहली बार असफलता के बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस भर्ती में तृतीय रैंक प्राप्त की है। मोहित का मानना है कि असफलता ही सफलता की सीढ़ी है। यदि विद्यार्थी पूर्ण ईमानदारी व लगन से मेहनत करें तो उसे उम्मीद से भी अधिक सफलता हासिल की जा सकती है।
शिशिर कुमार सिंह S/o सिंहासन सिंह
बलिया (उत्तर प्रदेश)
आईआईटी इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद से 2016 में बीटेक करने वाले बलिया के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव सिंहासन सिंह एवं श्रीमती कमलेश सिंह के पुत्र और रचना सिंह के भाई शिशिर कुमार सिंह ने बंगलुरु में कुछ समय नौकरी करने के बाद 2018 से सिविल की तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में शिशिर कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षा 2020 में चौथा स्थान प्राप्त कर अपने माता-पिता के साथ-साथ जनपद व प्रदेश का भी मान बढ़ाया है। शिशिर कुमार सिंह कहते हैं कि परिणाम से अधिक महत्वपूर्ण है हमने कितनी लगन और आत्मविश्वास के साथ तैयारी की है।
अनुसूचित जाति में टॉप कर करने वाले अभिषेक कठेरिया
अभिषेक कठेरिया
मैनपुरी (उत्तर प्रदेश)
यूपी लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा परिणाम 68वीं रैंक प्राप्त कर अनुसूचित जाति में टॉप करने वाले 25 वर्षीय अभिषेक कठेरिया का जन्म जनपद मैनपुरी के ग्राम जमापुर के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। बचपन से ही अपने माता-पिता से दूर रहते हुए अभिषेक ने अपना जीवन ननिहाल में बिताया जहां जनपद मैनपुरी के बेबर स्थित आदर्श इण्टर कॉलेज से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद भारतीय कपिलमुनि डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। जब वर्ष 2014 में पीसीएस परीक्षा में सिलेक्शन होने के बाद मामा ब्रह्ममानन्द कठेरिया ने भांजे को भी अफसर बनाने का वादा अपनी बहन से किया था। अभिषेक ने भी कड़ी मेहनत और लगन से इलाहाबाद में रहते हुए प्रतिदिन 13 से 14 घंटे पढ़ाई कर सफलता हासिल की और अपने मामा राकेश कुमार कठेरिया, ब्रह्ममानन्द कठेरिया, रघुनंदन कठेरिया, मुकेश कुमार कठेरिया और अशर्फी खान सहित अपने माता-पिता का भी नाम रोशन किया है।
अभिषेक ने बताया कि आज वह बहुत खुश है कि उसके मामा ने अपनी बहन से किया हुआ वादा पूरा किया। अभिषेक कठेरिया पीसीएस परीक्षा में मिली सफलता का विशेष श्रेय जनपद फिरोजाबाद की तहसील जसराना के तहसीलदार पद पर तैनात अपने मामा ब्रह्ममानन्द कठेरिया व उनके दोस्त अशर्फी खान जो कि उरई में ज़िला लेखाधिकारी पद पर तैनात हैं, को देते हैं। जिन्होंने उस पर विश्वास कर पढ़ाई के दौरान आने वाली हर कमी को दूर करते हुए उसका मार्गदर्शन किया। अभिषेक का मानना है कि विद्यार्थी के लिए निर्धारित किया गया कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता है। बशर्ते वह उस पर पूर्ण ईमानदारी, मेहनत और लगन से प्रयास करे तो आखिर एक दिन ऐसा अवश्य आएगा जब सफलता उसके कदम चूम ही लेगी।