दिल्ली में कहर मचा रहे कोरोना संकट के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में ऑक्सीजन सप्लाई, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और मौतों पर चर्चा होगी।
इससे पहले केजरीवाल ने केंद्र सरकार से ‘हाथ जोड़कर अपील की थी कि दिल्ली को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए और कहा कि कुछ अस्पतालों में कुछ घंटे में ही ऑक्सीजन खत्म होने वाली है।
राजधानी में बना हुआ है गंभीर संकट
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था कि राजधानी में ऑक्सीजन का गंभीर संकट बना हुआ है। उन्होंने केंद्र से आग्रह किया था कि दिल्ली को जल्द से जल्द ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए। कुछ अस्पतालों में कुछ घंटों की ही ऑक्सीजन बची हुई है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर कहा था कि अगर बुधवार सुबह तक स्टॉक नहीं भरा गया तो महानगर में अफरा-तफरी की स्थिति हो जाएगी।
Serious oxygen crisis persists in Delhi. I again urge centre to urgently provide oxygen to Delhi. Some hospitals are left with just a few hours of oxygen.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 20, 2021
दिल्ली में आईसीयू बिस्तर भी तेज़ी से भर रहे हैं। दिल्ली सरकार के ‘दिल्ली कोरोना ऐप’ के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में शाम आठ बजे तक कोरोना मरीजों के लिए केवल 30 बिस्तर उपलब्ध थे।
दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के अधिकतर अस्पतालों में केवल आठ से 12 घंटे तक का ऑक्सीजन बचा हुआ है। इस नोट के मुताबिक, लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, बुराड़ी अस्पताल, आंबेडकर अस्पताल, संजय गांधी अस्पताल, बी एल कपूर अस्पताल और मैक्स अस्पताल पटपड़गंज उन अस्पतालों में शामिल हैं जहां केवल आठ से 12 घंटे तक का ऑक्सीजन बचा हुआ है।
सर गंगाराम अस्पताल ने कहा कि उनके पास केवल आठ घंटे का ऑक्सीजन बची हुई है। ऑक्सीजन को लेकर हालात इतने खराब हो गए हैं कि अस्पतालों ने ही अब आपस में झगड़ना शुरू कर दिया। दिल्ली के मैक्स अस्पताल को इसी कड़ी में हाईकोर्ट की ओर रूख करना पड़ा। मैक्स का आरोप था कि उसके यहां 700 से भी ज़्यादा लोग ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं लेकिन उनके कोटे के ऑक्सीजन एम्स को दे दिया गया है। ऐसे में वहां की स्थिति काफी भयावह हो गई थी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी केंद्र पर कोई असर नहीं
कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि मौजूदा स्थिति को देखकर लग रहा है कि सरकार को मौतों से फर्क नहीं पड़ रहा और वह बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि वो डिमांड और सप्लाई में संतुलन बनाकर रखें और अस्पतालों की इसकी कमी न होने दें। इस आदेश के बाद भी स्थिति बहुत नहीं बदली।
SOS – Less than an hour's Oxygen supplies at Max Smart Hospital & Max Hospital Saket. Awaiting promised fresh supplies from INOX since 1 am. @drharshvardhan @msisodia @PMOIndia @ArvindKejriwal @PiyushGoyal @SatyendarJain over 700 patients admitted, need immediate assistance 🙏🏼
— Max Healthcare (@MaxHealthcare) April 23, 2021
सर गंगा राम अस्पताल दिल्ली में बीते 24 घंटों में 25 लोगों की जानें सिर्फ ऑक्सीजन की कमी से गई है। देश के हर शहर में स्थिति कमोबेश ऐसी ही है। मौत के आंकड़ों का इतना बढ़ना सिर्फ और सिर्फ ऑक्सीजन की कमी बताई जा रही है। केंद्र पर यह भी आरोप लग रहा है कि उसने कोरोना के दौरान अबतक 9300 मीट्रिक टन ऑक्सजन का निर्यात किया है।
अगर सरकार स्थिति की गंभीरता को समझती तो शायद ये स्थिति नहीं आती। सभी राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ प्रधानमंत्री की एक बैठक प्रस्तावित है और वो बैठक ही अब तय करेगा कि देश अब कोरोना से कैसे निपटेगा।