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“प्रैंक के नाम पर सोशल मीडिया पर परोसी जा रही है नग्नता और अश्लीलता”

"प्रैंक के नाम पर सोशल मीडिया पर परोसी जा रही है नग्नता और अश्लीलता"

सोशल मीडिया आज हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। आज हम फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हट्सएप्प, ट्वीटर आदि ऐसे माध्यमों के द्वारा एक-दूसरे के निजी और सामाजिक जीवन के करीब हो पाते हैं। इसके साथ ही यूट्यूब जैसे माध्यमों ने लोगों को आमदनी का एक जरिया भी दिया है। हालांकि, सोशल मीडिया के माध्यम से हम देश-दुनिया की खबरों तक भी आसानी से पहुंच पाते हैं और ऐसी तमाम खबरें जो मुख्य धारा की मीडिया हमें नहीं  दिखाती, वह यहां पहले पहुंच जाती है, लेकिन वहीं कुछ खबरों को एक एजेंडा के साथ या लोगों को भ्रमित करने के लिए भी शेयर किया जाता है। यह कुछ शरारती तत्वों का काम होता है,  लेकिन दुर्भाग्यवश आज शरारत / मज़ाक जिसे “प्रैंक” कहा जा रहा है, फेसबुक से लेकर यूट्यूब तक तमाम सोशल मीडिया साईट्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

प्रैंक क्या होता है?

“प्रैंक” जिसका मतलब है, मजाक करना या शरारत करना। अब शरारत करना भी जैसे एक ऑफिशियल पेशा बन चुका है, जिसमें आप किसी भी अंजान या जान-पहचान वाले व्यक्ति के साथ बिना उसकी अनुमति के कुछ भी कर सकते हैं और बाद में उससे यह कहकर कि “ये एक प्रैंक था या हम प्रैंक शूट कर रहे थे” उसकी सारी गुस्ताखी  माफ की जा सकती है। पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया पर इसका चलन तेज़ी से बढ़ा है। इस क्षेत्र में नए नए युवा अपने कदम जमाते जा रहे हैं और उन्हें देखने वालों की संख्या भी करोड़ो-अरबों तक पहुंच रही है।

कुछ साल पहले तक “प्रैंक” के नाम पर प्रैंक करने वाला युवक / युवती सामाजिक जगहों पर किसी तरह की हरकतें करते थे, जैसे कि जोरों से गाना, डांस करना, अपनी शारीरिक गतिविधि से लोगों को डराना, किसी का सामान लेकर भाग जाना आदि आदि, जिसके बाद वहां आस-पास  मौजूद लोगों या उस प्रैंक का हिस्सा बन चुके दूसरे लोगों के फेस एक्प्रेशन और व्यवहार को रिकॉर्ड किया जाता था, जिसे आम लोग बाद में देखकर हंसा करते थे।

दिन –प्रतिदिन इस क्षेत्र में युवाओं की संख्या बढ़ती गई और इस तरह की गतिविधि हमारे जीवन में सामान्य हो गईं, लेकिन सामान्य होती इस गतिविधि (प्रैंक) में पिछले कुछ सालों से प्रैंक करने वालों ने कुछ असामान्य से लगने वाले कंटेंट डालने शुरू कर दिए हैं। 

प्रैंक के नाम पर लोगों की निजता का हनन हो रहा है 

लेकिन, इन दिनों लोगों को हंसाने और गुदगुदाने या यूं कहें कि मज़ा/ आनन्द परोसने के नाम पर एक साक्षात भ्रम और अश्लीलता भी परोसी जा रही है। इन दिनों देखा जा सकता है कि प्रैंक सीरीज, प्रैंक पटाका, रोर प्रैंक, बसन्त जान्गारा, देशी मस्ती, एवीआर प्रैंक, टीएचएफ, पब्लिक एंटरटेनमेंट, कबीर के प्रैंक जैसे कई ढेर सारे फेसबुक पेजों पर यूट्यूबर और प्रैंक करने वाले युवा हैं, जो प्रैंक के बहाने अंजान लोगों से अजीब हरकतें करते नज़र आते हैं।

 जैसे कि किसी भी राह चलते व्यक्ति के मुंह पर केक लगा देना, किस कर देना, लड़कियों को छेड़ना, प्लास्टिक से ढक कर मारना, किसी भी लड़की या महिला से अश्लील बाते करना, अंडर गारमेंट्स पहन कर घुमाना, किसी भी कपल के बीच जाकर बदतमीजी करना आदि। हमें ऐसी तमाम गतिविधियां सोशल मीडिया और यूट्यूब पर देखने को मिलती हैं, जिन्हें बाद में प्रैंक बताकर भुना दिया जाता है। इसे आसानी से सोशल मीडिया पर अपलोड तो कर दिया जाता है, लेकिन इन प्रैंक्स को देखने वाला शायद ही सहज हो पाता है।

लोगों में लोकप्रिय होने के लिए ऐसे कंटेंट का सहारा लिया जा रहा है

ऐसे ही इन दिनों प्रैंक वीडियो में अक्सर देखा जा सकता है कि मसाज के नाम पर पहले महिलाओं / लड़कियों के पास जाकर उन्हें मसाज के लिए पूछा जाता है फिर उनके ना कहने पर भी उन्हें अपनी बातों से सहमति दिलाई जाती है। इसके बाद मसाज के दौरान वह महिला या लड़की उत्तेजित हो जाती है और लड़के से लिपटने लगती है, या फिर लड़के को सेक्स ऑफर करती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या वास्तव में ऐसा होता है?

क्योंकि आम समाज में किसी आम व्यक्ति को शायद ही ऐसा देखने को मिले।  हां, माना भी जा सकता है कि अपवाद स्वरूप कुछ प्रतिशत महिलाएं ऐसी मिल भी जाएं, लेकिन जिस गति से इस प्रकार के वीडियो क्लिप्स का भण्डार सोशल मीडिया पर फैल रहा है, क्या वास्तव में हर जगह ऐसा कुछ होता है? या वह फिक्शन होता है?

यदि हम ध्यान से देखें तो पाएंगे कि इस तरह के अधिकतर अश्लील वीडियो क्लिप्स में कुछ लडकियां / महिलाएं दोबारा नज़र आएंगी, या दूसरे किसी अन्य तरह के प्रैंक वीडियो में नज़र आएंगी। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या यह संभव है कि एक ही महिला के साथ बार-बार इस तरह का प्रैंक हो? हालांकि, सामान्य जीवन में ऐसा होना बहुत ही असामान्य लगता है। दरअसल, इस तरह के वीडियो क्लिप्स में अक्सर पोपुलारिटी और पैसों के लालच में कुछ लड़कियों को हायर किया जा रहा है, जिसके बाद उनसे एक स्क्रिप्टेड एक्ट कराया जाता है, जिसे दर्शक वर्ग के सामने ऐसे पेश किया जाता है कि जैसे वह उस लड़की के साथ वास्तविक रूप से घटित हुआ हो।

प्रैंक के नाम पर सोशल मीडिया पर समाज में अश्लीलता फैलाई जा रही है 

इन दिनों यूट्यूब से इतर फेसबुक और इन्स्टाग्राम जैसे सोशल साईट्स पर इसे अधिकाधिक मात्रा में अपलोड और शेयर किया जा रहा है, जो मनोरंजन और मजाक के नाम पर समाज में खुलेआम अश्लीलता फैला रहे हैं। प्रायः इस तरह के कंटेंट शेयर करने के पीछे दर्शको की संख्या बढ़ाना मुख्य उद्देश्य होता है, क्योंकि सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं में युवाओं की संख्या ज़्यादा है। हालांकि, यह दर्शक वर्ग की स्वेच्छा होती है कि उसे देखे या ना देखे, लेकिन इस तरह के वास्तविक दिखने वाले प्रैंक वीडियो का युवाओं और दर्शक वर्ग पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव ज़रूर पड़ता है।

वहीं कई बार प्रैंक वीडियोज में आपत्तिजनक हरकतें कर दी जाती हैं, लेकिन उस वीडियो क्लिप का हिस्सा बन चुके दूसरे पुरुष / महिला का चेहरा ब्लर नहीं किया जाता है, जिसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उसके व्यक्तिगत या सामाजिक जीवन पर भी असर पड़ता है।

जिस प्रकार सोशल मीडिया पर दिन-प्रतिदिन प्रैंक वीडियो क्लिप्स और इससे सम्बंधित आपत्तिजनक कंटेंट की भरमार बढ़ती जा रही है, यह एक चिंता का विषय है। क्योंकि, इसे लोगों के जुड़ने और सूचनाओं के आदान प्रदान का एक बेहतर, स्वस्थ और स्वच्छ माध्यम रहने देना ज़्यादा उचित है। निश्चित तौर पर जो युवा पोर्नोग्राफी का शौकीन है या इस तरह के कंटेंट को देखने की जिसे इच्छा होगी, निश्चित रूप से वह ऐसे कंटेंट को कहीं ना कहीं से तलाश लेगा और देखेगा ही, लेकिन इस प्रकार संचार के एक बेहतर प्लेटफार्म पर अश्लीलता फैलाना सामाजिक हित में नहीं होगा।

इसके साथ ही कहीं ना कहीं प्रैंक वीडियो के नाम पर परोसा जाने वाला इस तरह का कंटेंट हमारे देश में महिलाओं की छवि और लोगों के मानसिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचा रहा है, क्योंकि हमें वही विडियो क्लिप्स दिखाए जाते हैं जहां उनका तथाकथित प्रैंक सफल हो गया हो अन्यथा उस दौरान ऐसे और भी कई लोग होते हैं जिन्हें इस तरह की गतिविधियां पसंद नहीं आती और वे चिढ़ जाते हैं, जिन्हें अपलोड नहीं किया जाता है।

 ऐसे में सरकार द्वारा ऐसी गतिविधियों और इनके शेयर करने को लेकर कुछ नियम बनाए जाने चाहिए अन्यथा वह दिन दूर नही जब प्रैंक के नाम पर किसी के साथ अनहोनी हो जाए या सोशल मीडिया मात्र अश्लीलता का अड्डा बन कर रह जाए।  

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