उच्च माध्यमिक विद्यालय की पढ़ाई के बोझ से उब चुके स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज का इंतज़ार कौतूहल भरा होता है। उनके लिए अच्छे कॉलेज का मतलब मस्ती की पाठशाला होती है, जहां वो सारी बंदिशों से मुक्त हो कर खुद की पसंद की ज़िन्दगी जी सकें। समाज और रिश्तेदारों के बीच उस कॉलेज की ख्याति बता कर अपने अभिभावकों का मान-सम्मान बढ़ा सकें।
इस चयन की प्रक्रिया में हमारे अभिभावकों की अहम भूमिका होती है। वे अपने बच्चों के सुनहरे और सुरक्षित भविष्य के लिए ऐसे संस्थानों का चुनाव करते हैं, जो उसे उसकी पढाई पूरी होने के बाद अच्छी नौकरी दिला सकें। ऐसे समागम में बीटेक का चयन हमेशा अभिभावकों के नज़र में ऊपर होता है।
कॉलेज में दाखिला लेते ही स्टूडेंट्स में नए पंख आ जाते हैं, जो उन की उड़ान के दायरों को निरंतर बढाते जाते हैं। कॉलेज में स्टूडेंट्स अपनी पढाई के साथ स्वयं के चौतरफा विकास की ओर अग्रसर होते हैं, जो आज के युवाओं की ज़रूरत भी है। इसी क्रम में उन्हें खुद के पसंदीदा कार्य-क्षेत्रों की भी जानकारी प्राप्त होती है।
कॉलेज में स्टूडेंट्स में अपनी पढाई के आखिरी पड़ाव पर नौकरी पाने की होड़ या तो लग जाती है या उनके अभिभावकों और शिक्षकों द्वारा लगा दी जाती है। इस वक्त सब से ज़्यादा अहमियत नौकरी को ही मिलती है, भले ही वो किसी भी क्षेत्र की हो।
अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों द्वारा चुने गए मार्ग पर चलने में उस का सहारा बने रहें, क्योंकि खुद से कार्यक्षेत्र का चयन करना कोई आसान चीज़ नहीं है। यह उस बीटेक की ही देन है इसलिए आप भी अपने बच्चों पर गर्व कीजिए।