मोदी सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में किया ऐतिहासिक परिवर्तन कर अब गरीब दलित विधार्थियों को फ्रीशीप कार्ड देने वाली है। मोदी सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप अनुसूचित जाति योजना Revised दिशा निर्देश को जारी कर दिया है।
फ्रीशिप कार्ड के माध्यम से अब सरकार करेगी भुगतान
PMS SC योजना के तहत अब गरीब दलित विद्यार्थियों को नामांकन के वक्त किसी भी प्रकार का फीस नहीं लिया जाएगा और फीस का भुगतान योजना के तहत फ्रीशिप कार्ड के माध्यम से किया जाएगा।
जनवरी और फरवरी 2021 में हमने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप और फ्रीशीप कार्ड का मुद्दा उठाया था। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप को लेकर हमारी लड़ाई बहुत लंबी है। जनवरी में हमारी मिटिंग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के सचिव और डायरेक्टर लेवल के अधिकारियों के साथ हुई थी। जिसमें हमने गुजरात के तर्ज पर फ्रीशीप कार्ड का प्रावधान पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना में करने का निवेदन किया था।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी तब फ्रीशिप कार्ड को लागू करने की अनुशंसा की थी। जनवरी और फरवरी 2021 के मीटिंग में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के सचिव और डायरेक्टर को योजना में सुधार के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के द्वारा प्रेषित पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप पर 2016 के विशेष रिपोर्ट पर ध्यानाकर्षण किया।
पीएल पुनिया ने की थी अनुशंसा
तत्कालीन राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव पीएल पुनिया के द्वारा प्रेषित उक्त रिपोर्ट में आयोग ने फ्रीशिप कार्ड को देश स्तर पर पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में कम्पल्सरी करने तथा ज़ीरो फीस पर दलित विद्यार्थियों का नामांकन करने के साथ-साथ योजना में अमूलचूल परिवर्तन की अनुशंसा की थी।
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप SC योजना के रिवाइज़ दिशा निर्देश के ड्राफ्ट कॉपी में पहले फ्रीशिप कार्ड की व्यवस्था नहीं थी। गौरतलब है कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना रिवाइज़ दिशानिर्देश की ड्राफ्ट कॉपी Dec-2020 जो मुझे प्राप्त हुई थी उसमें फ्रीशिप कार्ड की व्यवस्था नहीं थी। इसके अलावा बहुत सारी खामियां थीं जिसपर हमने तथ्यों के आधार पर भारत सरकार के समक्ष आपत्ति दर्ज कराया था और विद्यार्थी फ्रेंडली दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था।
क्या है ये फ्रीशिप कार्ड?
फ्रीशीप कार्ड का मतलब है, एक कार्ड जो भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर विद्यार्थियों को जारी करेंगी। उसके आधार पर गरीब अनूसूचित जाति के विद्यार्थियों को बिना किसी ट्यूशन फीस और हॉस्टल फीस इत्यादि के उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में नामांकन होगा तथा फीस का भुगतान कार्ड के द्वारा सरकार कॉलेज को करेगी।
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत फ्रीशीप कार्ड की व्यवस्था से फ्री में गरीब दलित विद्यार्थियों का नामांकन होगा। मुझे इस बात की अत्यंत खुशी है कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार ने हमारी मांगों को पूरा किया है और फ्रीशिप कार्ड की व्यवस्था को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के तहत लागू किया। इसका लाभ देश के करोड़ों गरीब दलित विद्यार्थियों को मिलेगा जो पैसे के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
महंगाई वृद्धि दर के अनुसार मिलेगा अकादमिक भत्ता
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के अंतर्गत शिक्षण शुल्क तथा अन्य अनिवार्य शुल्क की प्रतिपूर्ति के अलावे अकादमिक भत्ता भी दिया जाता था। जो कि वर्षों तक एक ही रेट पर दिया जाता था। मोदी सरकार ने इसमें ऐतिहासिक परिवर्तन करते हुए इसको महंगाई वृद्धि दर से जोड़ दिया है। अतः अब प्रतिवर्ष महंगाई वृद्धि दर के अनुसार अकादमिक भत्ता का भुगतान किया जाएगा।
60:40 का फंडिंग पैटर्न लागू
भारत सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के तहत फंडिंग पैटर्न को भी चेंज किया है। जिसके तहत 60% पैसा भारत सरकार देगा और 40% पैसा राज्य सरकार वहन करेगी। इसके अलावा प्रतिवर्ष 5% का इंक्रीमेंट फिक्स किया गया है। यदि 5% से अधिक इंक्रीमेंट होती है तो उस पैसे की व्यवस्था संबंधित राज्य सरकार के द्वारा किया जाएगा।
अगले 5 सालों में 59000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना
मोदी सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप अनुसूचित जाति योजना पर अगले 5 वर्षों में 59000 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया था। अब भारत सरकार के द्वारा इस योजना के तहत फ्रीशीप कार्ड और फ्री में विद्यार्थियों के नामांकन से उपरोक्त पैसे का उचित लाभ गरीब दलित विद्यार्थियों को मिलेगा।
मोदी सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के सुव्यवस्थित संचालन और विद्यार्थियों को इसका लाभ सुनिश्चित करने के लिए जो यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है वह अद्वितीय है। मैं इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कोटि-कोटि धन्यवाद देता हूं।