लॉकडाउन ( Lockdown) को लगे लगभग 1 साल से ज़्यादा का समय हो चुका है और कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण कोरोना के केस दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं। आज भी हज़ारों की संख्या में देश में कोरोना (Covid) के मामले कम नहीं हो रहे हैं, ऐसे में उन लोगों के लिए यह काफी राहत की सांस है की दुनिया भर में और हमारे देश भारत में वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) जैसे काम करने के विकल्प शामिल हैं।
एक तरीके से वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) ने हमारी कार्य स्थिति को बदल कर रख दिया है। अमेरिका (America) के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) में इस विषय पर हुए 2 साल के शोध के अनुसार यह शोध कहता है और दावा करता है कि घर से काम करना असल में कर्मचारी की संतुष्टि के साथ-साथ उसके संगठन की उत्पादकता भी बढ़ाता है।
कोरोना के बढ़ते केसों में वर्क फ्रॉम होम का विकल्प एक सुखद पहल है
वैसे, देखा जाए तो इंसान एक संपूर्ण सामाजिक प्राणी है और कुछ हद तक देखा जाए तो बहुत से लोग घर में काम करने से या अकेलेपन के कारण इससे काफी दुखी हैं और नाराज भी। कई लोग कोरोना काल में काफी दुःखी भी पाए गए हैं, जिनके मन में ऊंट-पटांग से ख्याल भी आए।
खैर, कईयों ने अपनी नौकरी भी खोई, कुछ ने कम तनख्वाह पर काम भी किया और कुछ तो अपने काम से ही हाथ धो बैठे।
हालांकि, बिज़नेस में, अपने कर्मचारी से घर से काम करवाना एक समझदारी वाली बात है। इन सबमें सबसे जाहिर चीज़ है किराया। आजकल काम करने(वर्क स्टेशन) की जगह बहुत महंगी हैं, लेकिन ऑफिस से बाहर काम करना एक बढ़िया तरीका है, जो आपको अपने बजट में रखता है। उदाहरण के लिए इससे आपका आधा खर्चा बच जाएगा और आपका ही फायदा होगा और इससे ना ही बिजली का बिल आएगा, ना ही ऑफिस के अन्य खर्चे इसलिए वर्क फ्रॉम होम कोरोना के बढते केसों के बीच अच्छा एवं सुखद है।
एक नई शुरुआत
वर्क फ्रॉम होम वैसे तो डिजिटल क्रांति का एक सबसे बढ़िया और सटीक उदाहरण है । एक दौर था जब हर इंसान अपने कार्य करने के लिए कहीं दूर-दूर तक कई किलोमीटर तक अपने ऑफिस या कार्यालय में जाता था, लेकिन अब हम एक ऐसे विश्व की कल्पना कर सकते हैं जिसमें हम घर पर बैठे-बैठे भी अपने ऑफिस का काम कर सकते हैं।
इससे ना सिर्फ सामान्य कर्मचारी ज्यादा कुशल बनेंगे, बल्कि इसका दूसरा फायदा यह होगा कि किराए के घरों के दामों में कमी होगी। इसका तीसरा फायदा यह हो सकता है कि आप अपने परिवार के संग क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते हैं ।
वर्क फ्रॉम होम के मेरे स्वयं के अनुभव
हाल ही में मैंने यूथ की आवाज़ के न्यूज़ ब्रेकर प्रोग्राम के साथ काम करने का मौका मिला जिसमें मुझे वर्क फ्रॉम होम का विकल्प मिला। जो शायद मेरे लिए सबसे उचित और सबसे किफायती भी था क्योंकि बाहर तो कोरोना है और मैं एक छात्र हूं, जो अपने घर से लगातार ऑनलाइन क्लासेस और टेस्ट दे रहा है। इन सब के साथ वर्क फ्रॉम होम करना कुछ हद तक मेरे लिए कठिन रहा।
इसके कई कारण हैं जैसे- पहला कि पूरे दिन आप लैपटॉप के सामने लगभग 8 से 9 घंटे बैठे रहते हैं जिससे आपका शरीर अकड़ जाता है और आपको स्वास्थ्य सम्बन्धित कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन सही व्यायाम के साथ इन सब परेशानियों को रोका भी जा सकता है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि वर्क फ्रॉम होम एक बहुत ही बढ़िया विकल्प है जिससे ना केवल समय बच सकता है बल्कि, आपके ऑफिस आने-जाने का खर्चा भी बच जाता है जिसे आप अपने किसी और महत्वपूर्ण काम में लगा सकते हैं।
आखिर में तो यही निष्कर्ष निकल सकता है कि वर्क फ्रॉम होम से श्रम ,धन और समय की बचत होगी। इसके साथ ही साथ शहरों में होने वाले प्रदूषण पर भी रोक लगेगी, क्योंकि वर्क फ्रॉम होम के चलते लोग अपने ऑफिस गाड़ी से ना जाकर घर से ही काम करेंगे जिससे एक नई पहल की भी शुरुआत हो सकती है ।