Site icon Youth Ki Awaaz

ब्यूटी विद ब्रेन का रियल लाइफ उदाहरण है देसी गर्ल

ब्यूटी विद ब्रेन का रियल लाइफ उदाहरण है,देसी गर्ल

प्रियंका चोपड़ा या पीसी आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। झारखंड (पूर्व में बिहार) के शहर जमशेदपुर से निकली इस लड़की ने अपनी प्रतिभा और आकर्षक व्यक्तित्व की बदौलत ना केवल देश में, बल्कि विदेश में भी अपनी धूम मचा रखी है।

जीवन परिचय

हाल ही में, उनकी फिल्म द ‘व्हाइट टाइगर’ को ऑस्कर अवॉर्ड के लिए बेस्ट एडेप्टेड स्क्रीनप्ले कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रियंका चोपड़ा जोनास ने इस फिल्म में एक्टिंग करने के साथ- साथ इसे को-प्रोड्यूस भी किया है। प्रियंका की उपलब्धि इस बात में भी है कि उन्होंने अपने पति निक जोनास के साथ मिल कर खुद ही इस नॉमिनेशन की घोषणा की थी।

एक छोटे-से शहर के उच्च मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली प्रियंका चोपड़ा जोनास (शादी के बाद का नाम) आज जिस जगह पर हैं, वहां तक पहुंच पाना कई लड़कियों का सपना हो सकता है।

अपनी शर्तों पर जीती हैं जिंदगी

प्रियंका के व्यक्तित्व की एक सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह हमेशा से ही अपने शर्तों पर जिंदगी जीती आई हैं। हालांकि, कई बार उन्हें अपने निर्णयों की वजह से विवादों और आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा, फिर भी प्रियंका ने अपने व्यक्तित्व पर उनका प्रभाव नहीं पड़ने दिया और कदम-दर-कदम सफलता की दिशा में आगे बढ़ती रहीं।

मॉडलिंग, ब्यूटी कॉन्टेस्ट, एक्टिंग, लेखन, संगीत, फिल्म निर्माण, बिजनेस, सोशल वर्क आदि कई सारे क्षेत्रों में प्रियंका ने अपनी उपलब्धियां दर्ज़ की हैं। उन्होंने सामाजिक रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए खुद से 10 साल छोटे निक जोनास से शादी की और यह साबित किया कि प्रेम की कोई सीमा नहीं होती है।

ज़िन्दगी में रिस्क लेने से नहीं रहीं कभी पीछे

किसी भी इंसान की सफलता के पीछे रिस्क फैक्टर बहुत मायने रखता है। मेरे कहने का तात्पर्य यह कि जो इंसान अपनी ज़िन्दगी में जोखिम उठाने का जितना अधिक साहस रखता है, वह उतना ही अधिक सफल होता है। आमतौर पर महिलाओं में इस रिस्क फैक्टर की कमी होती है। हमारे भारतीय सामाजिक ढांचे में महिलाओं को छुई-मुई वाली परवरिश दी जाती है। उनके लिए समाज ने कुछ नियम और रास्ते बना रखे हैं।

ज़्यादातर महिलाएं उसी कंफर्ट जोन में रहते हुए अपनी जिंदगी गुजार देती हैं, जबकि प्रियंका जैसी लड़कियां इसका अपवाद हैं। प्रियंका को हरेक चीज ‘आउट ऑफ द बॉक्स’ करना पसंद है, अपने कैरियर की शुरुआत में ही ‘ऐतराज’ फिल्म के जैसा निगेटिव शेड वाला किरदार निभाना हर किसी के वश की बात नहीं और ना ही अपने करियर के चरम पर ‘बर्फी’ मूवी की एक ऑटिस्टिक लड़की वाली भूमिका की चुनौतियों को पर्दे पर साकार करना इतना आसान नहीं है।

पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में रखती हैं संतुलन

प्रियंका जितनी बेहतरीन एक्ट्रेस हैं, उतनी ही बेहतरीन इंसान और बिजनेस वुमेन भी हैं। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि सक्सेस सीढ़ी पर ऊपर चढ़ने के लिए पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को एक-दूसरे से अलग रखना बेहद जरूरी है।

प्रोफेशनल फ्रंट पर एक्ट‍िंग और मॉडलिंग के अलावा प्रियंका कई सारे अन्य कामों से भी जुड़ी हुई हैं। ‘पर्पल पेबल्स पिक्चर्स’ नाम से प्रियंका का अपना प्रोडक्शन हाउस है। हाल ही में उन्होंने अपने हेयर केयर प्रोडक्ट ‘एनोमेली’ को लॉन्च किया है। एक महीने पहले उन्होंने अपनी बुक ‘अनफिनिश्ड’ भी रिलीज की थी। इसके अलावा, न्यूयॉर्क सिटी में ‘सोना’ नाम से एक इंडियन रेस्टोरेंट भी खोला है।

प्रियंका एक ‘टेक फैन’ हैं और उन्होंने डेटिंग एप्प बंबल में भी निवेश किया है। इन तमाम प्रोफेशनल व्यस्तताओं के बावजूद प्रियंका अपने पर्सनल रिलेशन को भी पूरा समय और स्पेस देती हैं।  वह अपने पैरेंट के लिए ‘अच्छी बेटी’, भाई के लिए प्यारी-सी बहन और ससुराल की चहेती बहू हैं।

अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलीं

इतनी ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भी प्रियंका अपने पारिवारिक मूल्यों और अपने संस्कारों के बेहद करीब हैं।  वह आज भी हर रोज पूजा करना नहीं भूलतीं हैं। यहां तक कि यात्रा के दौरान भी प्रियंका के भगवान उनके साथ ही रहते हैं। दाहिने हाथ की कलाई पर एक प्यारा-सा टैटू बना है, जिसमें लिखा है-‘डैडीज लिल गर्ल ‘।

इससे पता चलता है कि प्रियंका अपने पापा से कितना प्यार करती हैं। यहीं नहीं, प्रियंका ने अपनी शादी में जो ड्रेस पहनी थी, उस पर  एंब्रॉयड्ररी डिजाइन के तौर पर नाम, तारीख, मां-बाप के नाम जैसी चीजें छपी थीं।प्रियंका की मानें, तो ये सारी चीजें उनके लिए बेहद मायने रखती हैं। महंगे-से-महंगे ब्रांड उत्पाद को खरीदने की औकात रखने के बावजूद प्रियंका आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार जीना पसंद करती हैं।

एटिट्यूड के साथ एप्टिट्यूट भी गज़ब का है

ऑस्कर अवॉर्ड की नॉमिनेशन के दिन वह डार्क ब्लू कलर की डिजाइर मिडी ड्रेस में नजर आईं, जिसकी कीमत तकरीबन 1.7 लाख रुपए है। उस रोज प्रियंका चोपड़ा ने अपनी कलाई पर Bvlgari Diva की  डिजाइनर ड्रीम वॉच पहन रखी थी, जिसमें ड्रेस के मैचिंग ब्लू कलर की स्ट्राइप थी।

ई-कॉमर्स पोर्टल पर प्रियंका की इस घड़ी की कीमत तकरीबन 32 लाख 47 हजार रुपये है। आपको बता दें कि इस घड़ी में 18 कैरट रोज गोल्ड केस और खूबसूरती से तराशे गये हीरे लगे हुए हैं। इतना ही नहीं, प्रियंका ने केट पंप द्वारा डिजाइन किया गुलाबी शेड वाला Maison Christian Louboutin हील्स पहन रखा है, जिनकी कीमत भी तकरीबन 54 हजार रुपए है। प्रियका का यह कलेक्शन उनके फैशन सेंस और पसंद को दर्शाता है।

ऑस्कर अवॉर्ड की घोषणा होने के बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के सबसे बड़े एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट्स पीटर फोर्ड ने एक ट्वीट करते हुए लिखा- ‘पूरे सम्मान के साथ पूछना चाहता हूं कि मुझे नहीं लगता कि इन दोनों का फिल्मों में इतना योगदान है कि वो ऑस्कर नॉमिनेशंस की घोषणा करें।

पीटर के इस ट्वीट पर प्रियंका चोपड़ा ने जोरदार जवाब देते हुए अपनी फिल्मों की पूरी लिस्ट ट्वीट कर दी और लिखा, कोई क्वॉलीफाई किस आधार पर होता है, इस परमैं आपके विचार जानना चाहूंगी। आपकी जानकारी के लिए यहां मेरी 60 से ज्यादा फिल्मों की लिस्ट है।

पीटर के इस ट्वीट पर भारत सहित दुनियाभर के प्रियंका के फैन्स ने सख्त नाराजगी जताई, जिसके बाद पीटर ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया और अपना अकाउंट भी प्राइवेट कर लिया। इससे पता चलता है कि प्रियंका  चोपड़ा की पर्सनैलिटी में एटिट्यूड और एप्टिट्यूड दोनों का ही गज़ब कॉम्बिनेशन शामिल है।

प्रियंका चोपड़ा की प्रमुख उपलब्धियां

.  वर्ष 2000 में फेमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता की दूसरी विजेता बनने के बाद मिस वर्ल्ड का खिताब भी जीता।
. पहली फिल्म ‘अंदाज’ के लिए फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू अवार्ड और एक्‍ट्रेस का पुरस्कार।
.  अगस्त 2010 को बाल अधिकार के लिए एक यूनिसेफ के सद्भावना राजदूत के रूप में नियुक्ति।
. 2016 में क्वांटिको में उनकी भूमिका के लिए एक नई टीवी श्रृंखला में पसंदीदा अभिनेत्री के लिए पीपुल्स च्वाइस अवार्ड प्राप्त।
.  वर्ष 2016 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित।
. वर्ष 2018 की फोर्ब्स की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में # 94 स्थान पर रहीं।
. वर्ष 2018 में हॉलीवुड की टीवी सीरिज ‘क्वांटिको’ के साथ की अंतर्राष्ट्रीय स्टारडम की मजबूत शुरुआत।
. अमेरिकी  का नेतृत्व करने वाली पहली साउथ एशियन एक्‍ट्रेस।

 

Exit mobile version