शिक्षा क्षेत्र में सिमुलेशन की अवधारणा की स्वीकृति दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है। पश्चिमी शिक्षा पद्धति में सिमुलेशन ने एक लंबा सफर तय किया है, वहीं पर भारतीय उपमहाद्वीप में इसे अभी तक कोई विशेष महत्व नहीं दिया गया है । जबकि वार फेयर टेक्नोलॉजी और एविएशन इंडस्ट्री ने भी सिमुलेशन में तेजी से प्रगति की है। वर्तमान में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में यह मांग तेजी से बढ़ी है कि मेडिकल कॉलेजों में भी सिमुलेशन केंद्रों की स्थापना करने की आवश्यकता है, जहां मेडिकल स्नातकों को एकेडमिक शिक्षा के साथ-साथ रोगी की सुरक्षा से समझौता किए बिना व्यावहारिक व बेहतर इलाज करने की पढ़ाई उपलब्ध हो।
मेडिकल सिमुलेशन सेंटर छात्रों को रोगियों के बेहतर इलाज के लिए प्रेरित करती है। जहां छात्रों को एक योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में तय पाठ्यक्रम का विधिवत प्रशिक्षण हासिल करना अनिवार्य होता है। एक सिमुलेशन सेंटर छात्रों को अपेक्षाकृत कम समय में नए कौशल सीखने और हासिल करने में सक्षम बनाता है। इसके अलावा इसका स्व-प्रशिक्षण मॉड्यूल उन्हें प्रशिक्षक की अनुपस्थिति में भी बहुत सारे स्किल सुविधाजनक ढ़ंग से सीखने में मदद करता है।
एशिया का पहला सिमुलेशन सेण्टर
एसजीटी विश्वविद्यालय (SGT University) में नेशनल रिफरेन्स सिमुलेशन सेण्टर (NRSC) एशिया का पहला सिमुलेशन सेंटर है। जिसे अक्टूबर 2018 में स्थापित किया गया था। यह स्वास्थ्य देखभाल करने व पेशेवरों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है। यह सेंटर यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) और इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) के सहयोग से काम कर रही है।
NRSC को झॉपीगो (Jhpiego) द्वारा वित्त पोषित किया गया है, जो जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय और लार्डल (Laerdal) से संबद्ध एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी स्वास्थ्य संगठन है, जो सिमुलेशन प्रशिक्षण समाधान प्रदान करता है।
इस सेंटर को आम जनमानस के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के उद्देश्य से डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। यह प्रयोगशाला मानव जीवन को बिना किसी जोखिम में डाले शिक्षार्थियों को प्रैक्टिस एवं इलाज की नवीनतम स्किल सीखने का अवसर प्रदान करती है।
नेशनल रिफरेन्स सिमुलेशन सेंटर का उपयोग स्नातक चिकित्सा छात्रों और नर्सिंग स्कूलों के छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। यह सेंटर योग्य चिकित्सकों के निर्माण के लिए इंटर्नशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रदान करता है।
यहां ट्रेनर छात्रों को जटिल केसों में मरीजों को अच्छे तरीके से संभालने व केयर करने का प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जैसे- बाल चिकित्सा में अस्थमा के दौरे, हर्ट अटैक, प्रसव और प्रसव संबंधी जटिलताओं, जी आई ब्लीड एवं नवजात हाइपोक्सिया आदि केस को कैसे बेहतर ढ़ंग से हैंडल किया जाए।
व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किए बिना स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में पेशेवर कुशलता हाशिल करना बहुत कठिन है, इसलिए नेशनल रिफरेन्स सिमुलेशन सेंटर की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है। यह निस्संदेह भविष्य की एक लहर है। बहु-विषयक व मल्टीमॉडल सिमुलेशन प्रशिक्षण भी संभव है। आभासी दुनिया प्रशिक्षण के विस्तार को और बढ़ा रही है, जिससे मानवीय स्वास्थ्य देखभाल को अधिक कुशल व सुरक्षित बनाया जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए एसजीटी यूनिवर्सिटी के विकिपीडिया पेज पर विजिट करें।