साल 2020, तारीख 14 फरवरी, जगह हौज़ खास के पास एक टपरी।
उन्होंने रोते हुए कहा,”सामने जंगल है, पीछे जंगल है, रात सुनसान होती है और मैं अकेले बैठ कर रोता हूं कि तुम कहां चली गई?”
मैं उस बुज़ुर्ग आदमी की बातों को सुनकर बस खामोश थी। मेरा गला भर्रा गया था और मैं कुछ भी बोल-समझ पाने की स्थिति में नहीं थी। मेरी ज़िन्दगी में मेरे सामने प्यार कई शक्लों में आया लेकिन इस दिन जिस प्यार को मैंने सुना-देखा वो बहुत अलग था। यह था वेलेंटाइन डे का दिन और मेरे लिए एक आम दिन, हम 3 दोस्त बाहर घूमने निकले और चाय पीने के लिए इस छोटी सी टपरी के पास रुके, जहां एक बुजुर्ग दरी पर बैठे चाय बना रहे थे। हमने उनसे ऐसे ही बात करना शुरू किया, तब पता चला कि वे बनारस के रहने वाले हैं और कुछ साल पहले उनकी पत्नी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ था तो वे उसके इलाज के लिए एम्स आए उन्होंने अपनी पत्नी को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो बच नहीं पाईं।
हमने उनसे पूछा कि आप अपनी पत्नी के इस संसार से जाने के बाद वापिस अपने घर क्यों नहीं गए तो उन्होंने कहा, “उस घर पर जाकर क्या करूं, जहां वो नहीं होगी। मैंने उसे यहीं खोया है, इसलिए मैं भी यहीं रहूंगा।”
अपनी पत्नी के बारे में बताते हुए, उन्होंने अपनी पत्नी की तस्वीर निकाली, जो उन्होंने बड़े प्यार से दरी के अंदर कई परतों में रखी थी। अपनी पत्नी की तस्वीर देख कर उनकी आंखें वापिस भर आईं और उन्होंने कहा “सामने जंगल है, पीछे जंगल है, रात सुनसान होती है और मैं अकेले बैठ रोता हूँ कि तुम कहां चली गई।”
आज 21 वी सदी के स्मार्ट फोन के ज़माने में प्यार और हमारी यादें सिर्फ एक टच और डिलीट के ऑप्शन में समाहित हो गईं हैं, ऐसे में करीने से संभालकर रखी और अपने जिगर से लगाए हुए यह तस्वीर मुझे अंदर से हिला रही थी।
उन्होंने आगे बताया कि यहां उनके बेटे-बहू भी हैं, वे सब इन्हें कहते हैं कि वहां टपरी पर मत रहो, लेकिन इनका मानना है कि बच्चों की अपनी ज़िंदगी भी है। वो यहां अपनी बची-खुची ज़िंदगी अपनी पत्नी की याद में बिताना चाहते हैं।उनकी बातें और उनका प्यार मेरे जहन से जाता ही नहीं, मैंने उस पल खुद को बहुत-बहुत छोटा पाया। उस समय मुझे संसार में प्रेम पर लिखा गया साहित्य एक छलावा सा लगा और खुद का महसूस किया गया प्रेम, खुद से धोखा करने जैसा करने लगा।
उस समय मेरे पास उनसे बोलने को कोई शब्द ही नहीं थे, सच मेरे पास कुछ था ही नहीं, मैंने बस उनसे इतना पूछा
“यहां अकेले कुछ भी हो सकता है, आपको डर नहीं लगता?”
उन्होंने कहा, “वो कुछ नहीं होने देगी।”