टेक्नोलॉजी और इंटरनेट बेस्ड सर्विसेज़ के बढ़ते उपयोग के चलते, हर दिन भारी मात्रा में डेटा ज़नरेट और एकत्रित होता है। कंपनियों के लिए डेटा को एनलाइस करना ज़रूरी है ताकि वे ग्राहकों के व्यवहार को समझ सकें। उपयोग करने योग्य डेटा एक्सट्रेक्ट कर सकें। मार्केटिंग प्लान्स बना कर एग्ज़ेक्यूट कर सके और ऑब्जेक्टिव डिसिशन लेकर ब्रांड लॉयल्टी बनाए रख सकें।
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ती चली जाएगी, डेटा के साथ डील करना और भी कठिन होता जायेगा इसलिए डेटा मैनेजमेंट, आर्गेनाईज़ेशन और एनालेसिस में एक्सपर्ट लोगों की मांग भी पहले से अधिक हो जाएगी तब, अगर आप भी डेटा साइंटिस्ट के रूप में करियर बनाने के इच्छुक हैं तब यहां दी हुई कुछ बातें आपकी सफलता में सहायक बनेंगी।
क्या है जिसे हम डेटा में शामिल कर सकते हैं
डेटा कुछ भी हो सकता है! पर्सनल डिटेल्स जैसे नाम, ईमेल आईडी (ID), कांटेक्ट नंबर या पता, जो एक ग्राहक अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर ऑनलाइन रजिस्टर करने के लिए उपयोग करता है और लोगों की एक्टिविटीज़ जैसे कार्ट में प्रोडक्ट ऐड करना, सर्च इंजन का यूज़ करना, मौसम की जानकारी लेना, न्यूज़ पढ़ना, खाना आर्डर करना, बिल का भुगतान करना, या गाने डाउनलोड करना! हर गतिविधि में डेटा उपलब्ध होता है।
इस प्रकार की अनोखी या बार-बार की जाने वाली एक्टिविटीज़ डेटा के फॉर्म में सेव की जाती हैं, जिनके बेसिस पर ग्राहकों को ईमेल, प्रोडक्ट ऐड, डील व डिस्काउंट के मैसेज, पुश नोटिफिकेशन आदि सेंड किये जाते हैं।
सभी प्रकार के डेटा का मैनेजमेंट और एनालिसिस कंपनियों के लिए ज़रूरी होता है ताकि वे अपने कस्टमर बेस को बढ़ा सकें और मौजूदा रेगुलर व नए ग्राहकों को अपने नए प्रोडक्ट लांच, स्कीम, डिस्काउंट, व प्रोमो जैसी चीज़ों के बारे में अपडेटेड रख सकें।
क्या कर सकता है एक डेटा साईनटिस्ट?
डेटा साइंटिस्ट इंटर्न, एम्प्लोयी या फ्रीलांसर के तौर पर किसी भी पब्लिक या प्राइवेट कंपनी में अलग-अलग डिपार्टमेंट्स में काम कर सकते हैं। वे डेटा प्राप्त करके उसे मैनेज, प्रोसेस, और क्लीन करते हैं।
उसमे स्टैटिस्टिकल मॉडलिंग, मशीन लर्निंग व आर्टिफीशिअल इंटेलिजेंस जैसी टेक्नीक लगाते हैं साथ ही डेटा को नापते व एनलाइस करते हैं और फाइनल रिज़ल्ट को अपनी कंपनी की अथॉरिटीज़ के सामने प्रेजेंट करते हैं।
कंपनियों के कई शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म गोल्स होते हैं, जैसे प्रोडक्शन एक्सपेंसेस को कम करना, नए कर्मचारियों को हायर करना, अपने वेबसाइट या ऐप पर ट्रैफिक बढ़ाना, नया प्रोडक्ट बनाना, नयी लोकेशन में कंपनी की ब्रांच खोलना व सेल्स बढ़ाना आदि।
इंडस्ट्री रिसर्च में मिलती है मदद
डेटा एनालिसिस कंपनियों की यह समझने में मदद करती है कि वे अपने इन गोल्स को कैसे अचीव करे। डेली बेसिस पर डेटा साइंटिस्ट अलग-अलग डिपार्टमेंट्स से कम्यूनिकेट करते हैं, उनकी ज़रूरतों और गोल्स को समझते हैं और बिज़नेस प्रोब्लम्स सोल्व करने के लिए इंडस्ट्री रिसर्च करते हैं।
वे स्ट्रक्चर्ड डेटा को SQL की सहायता से डेटाबेस से कलेक्ट करते हैं और अनस्ट्रक्चर्ड डेटा को ऑनलाइन सर्वे, वेब स्क्रैपिंग व एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटेरफेस (APIs) द्वारा एकत्रित करते हैं। वे डेटा को क्लीन करने के लिए काम्प्लेक्स एनालिटिकल उपाय अपनाते हैं।
साथ ही अनवांटेड इनफार्मेशन को रिमूव करते हैं, ज़रूरी मिसिंग डेटा ढूंढते हैं और इसे फाइनल यूज़ के लिए तैयार करते हैं। इस फाइनल डेटा के आधार पर कंपनियां इंडस्ट्री ट्रेंड्स को समझती है और अपनी एफिसिएंसी, विश्वसनीयता, व ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने के लिए मौजूदा मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज़ में बदलाव कर उन्हें बेहतर बनाती हैं।
डेटा साइंटिस्ट्स के लिए ज़रूरी स्किल्स और इस क्षेत्र के पॉपुलर जॉब प्रोफाइल्स
डेटा साइंस में डेटा माइनिंग, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, डीप लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कई कॉन्सेप्ट होते हैं। डेटा को पढ़ना और एनालाइज़ करना एक मुश्किल प्रोसेस है, जिसमें नए ज़माने की टेक्नोलॉजी की समझ ज़रूरी है इसलिए जो लोग डेटा साइंस के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक होते हैं, उन्हें कई सॉफ्ट और डोमेन स्किल्स सीखना पड़ता है।
डेटा साइंटिस्ट बनने के लिए कम-से-कम पाइथन जैसी किसी एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के वर्किंग नॉलेज के साथ आपके पास स्ट्रांग मैथमेटिकल और स्टैटिस्टिकल रीज़निंग होना ज़रूरी है। आपको डेटा एक्सट्रैक्शन, डेटा लोडिंग, डेटा ट्रांसफॉर्मेशन, डेटा एक्सप्लोरेशन और डेटा रैंगलिंग जैसी चीज़ों पर काम करना आना चाहिए।
कंप्यूटर साइंस, डेटा स्टोरीटेलिंग, मशीन लर्निंग, स्टैटिस्टिकल एनालिसिस, बिज़नेस इंट्यूशन, क्रिटिकल व एनालिटिकल थिंकिंग और इंटर पर्सनल स्किल्स कुछ महत्वपूर्ण स्किल्स हैं, जो डेटा साइंटिस्ट्स के लिए आवश्यक हैं।
कैसे सीखें डेटा साइंस?
टेक्निकल या नॉन- टेक्निकल बैकग्राउंड के नौसीखिया छात्रों के लिए यह एक किफायती, सुलभ, एडवांस्ड और अप-टू -डेट ऑनलाइन डेटा साइंस ट्रेनिंग में एनरोल करना या कहें सीखने का सबसे बेहतर विकल्प है।
छोटी अवधि की इन ऑनलाइन ट्रेनिंग्स में पाइथन, स्टेटिस्टिक्स, प्रेडिक्टिव मॉडलिंग और मशीन लर्निंग जैसे कॉन्सेप्ट्स पर बेसिक लेसन होते हैं ताकि कोई भी नौसीखिया डेटा साइंस की फील्ड को समझ सके।
ट्रेनिंग में एनरोल करने के बाद आपको डेटा साइंस का एक ओवरव्यू मिलता है। आप इसके अलग-अलग ऍप्लिकेशन्स समझते हैं और यह सीखते हैं कि कैसे डेटा साइंस इंडस्ट्रीज़ में बदलाव ला रहा है।
पाइथन सीखते समय आप CSV फाइल्स पढ़ने और वेरिएबल, फंक्शन, डिक्शनरी, व डेटा स्ट्रक्चर को समझने में स्किल्ड हो जाते हैं। स्टेटिस्टिक्स में आप डेटा डिस्ट्रीब्यूशन, प्रोबेबिलिटी, टेस्टिंग के प्रकार और इन्फेरेंटिअल स्टेटिस्टिक व डिस्क्रिप्टिव स्टेटिस्टिक्स सीख जाते हैं।
मशीन लर्निंग मॉड्यूल में आपको विभिन्न प्रेडिक्टिव मॉडल्स और उनके स्टेजेस, डेटा एक्सट्रैक्शन और एक्सप्लोरेशन, मॉडल बिल्डिंग और लीनियर रिग्रेशन जैसे कांसेप्ट सीखने को मिलते हैं।
लेखक के बारे में– सर्वेश अग्रवाल, इंटर्नशाला के संस्थापक और सी.ई.ओ. हैं। इंटर्नशाला, एक इंटर्नशिप व ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म है।