बदलते समय के साथ लोग परिवार को लेकर भी अच्छी तरह से प्लानिंग करने लगे हैं। बच्चे कितने होंगे और कब? इस सब के बारे में योजना बनाना परिवार नियोजन है। अगर आपको सही तरह से गर्भ निरोधक तरीकों की जानकारी है, तब आपका यह काम आसान हो जाता है।
महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी गर्भनिरोधक की जानकरी होना बहुत ज़रूरी है। कई बार इसकी जानकारी न होने के कारण महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इस विषय में सबसे ज़रूरी है कि आप अपने पार्टनर (पति) के साथ मिल कर इन सब के बारे में खुल कर बात करलें। कई बार महिला गर्भ निरोधक के खतरे के बारे में तरह-तरह की बातें सुनने में आती हैं, जिससे उन्हें इस्तेमाल करने से परहेज़ किया जाता है।
इसके अलावा कई बार लोगों को यह भी लगता है कि निरोधक के इस्तेमाल के बाद सहवास का आनंद कम हो जाता है। ऐसे में आपको कुछ चीज़ें जान लेना बहुत ज़रूरी है।
- सही तरह से जानकारी के बाद निरोधक का इस्तेमाल एकदम सुरक्षित है।
- बच्चों के बीच अंतर होना आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए अच्छा है।
- अनचाहे गर्भ की चिंता न होने के कारण आपको गलत तरह के तरीकों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है।
कैसें करें गर्वनिरोधक का चुनाव
एक बार फैसला लेने के बाद, बात आती है सही साधन को चुनने की। अत: किसी भी साधन को चुनने से पहले आपको उसके गुण और दोष अच्छी तरह से समझ लेने की ज़रुरत है। यह साधन मोटे तौर पर 5 तरह के होते हैं-
- शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने में रोकथाम करने वाले
- आई.यू.डी
- हार्मोनल
- प्राकृतिक
- स्थायी
यहां आपके मन में कई तरह के सवाल उठ सकते हैं, जैसे कि कौन सा तरीका ज़्यादा प्रभावी और सुरक्षित है? कौन सा तरीका ज़्यादा आसान है? इसके अलावा बहुत से लोग कीमत को लेकर भी चिंतित रहते हैं।
वहीं स्वास्थ्य को लेकर खतरा भी आपकी चिंताओं में से एक हो सकता है। इसलिए ज़रूरी है किआप अच्छी तरह से सोच-विचार के बाद ही अपने लिए एक सही गर्भ निरोधक चुनें।
वे तरीके, जिन्हें चुना जा सकता है!
अवरोधक साधन- यह साधन पुरुष या महिला दोनों के लिए ही हो सकते हैं। जैसे कि कंडोम, डायफ्राम या फिर शुक्राणु मारक। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसका स्वास्थ्य पर कभी भी गलत असर नहीं पड़ता है।
स्तनपान करवा रही महिलाएं भी इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकती हैं। महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला कंडोम योनि के द्वार पर लगाया जाता है मगर यह भी केवल एक बार ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
डायाफ्राम नर्म रबर का बना हुआ कम गहराई का एक कप जैसा साधन है, जिसे महिला संभोग के दौरान योनि में चढ़ा लेती हैं। इसके अलावा जब आप दोबारा बच्चा चाहती हैं, तब इनका इस्तेमाल बंद कर दें। यह एच.आई.वी/एड्स सहित एस.टी.डी से बचाव करते हैं।
यहां पर बस आपको ध्यान देना है कि उतम क्वालिटी का कंडोम जैसे कि लैटेक्स के बने कंडोम एस.टी.डी ((sexually transmitted disease) व एच.आई. वी. के विरुद्ध सर्वोतम सुरक्षा प्रदान करते हैं, इसके अलावा इनकी अच्छी बात यह है कि साधन आपको आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
आई.यू.डी- यह एक प्रकार का छोटा सा उपकरण होता है जिसे महिला की योनि में लगाया जाता है लेकिन अनुभवी डॉक्टर या नर्स से ही यह प्रक्रिया करवाई जाना चाहिए, क्योंकि यदि इसको सही तरह से न लगाया जाए तब कभी-कभी यह आपके आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
साथ ही लगभग 1% मामलों में योनि में संक्रमण भी देखा गया है। खास बात यह है कि सही तरीके से इस्तेमाल करने पर यह काफी कारगर साधन है और साथ ही इस पर सिर्फ 300 से 500 रुपए तक ही लागत आती है।
शुक्राणु को खत्म करने वाले साधन- इसमें अलग-अलग तरह की गोलियां, ज़ेल या क्रीम आदि आते हैं, इन्हें संभोग से पहले ही महिला की योनि में रख दिया जाता है और यह सब साधन शुक्राणुओं को गर्भाशय में प्रवेश करने से पहले ही मार देते हैं।
वैसे देखा गया है कि अगर इस साधन को अकेले इस्तेमाल किया जाता है तब कई बार यह प्रभावी नहीं रहता है यानि कंडोम या डायफ्राम के साथ इसका इस्तेमाल करने को कहा जाता है। इसे किसी भी फार्मेसी से आप आसानी से खरीद सकते हैं।
इसमें आपके ध्यान देने की बात यह है कि कभी-कभी इसके इस्तेमाल से योनि में इन्फेक्शन या खुजली हो सकती है इसलिए ऐसे किसी भी तरह के रिएक्शन के होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।
हार्मोनल साधन- इन साधनों में एस्ट्रोज़न तथा प्रोजेस्टिन नामक दो हार्मोन होते हैं,जो महिला के शरीर में प्राकृतिक रूप से बनने वाले एस्ट्रोज़न व प्रोज़ेस्ट्रोन जैसे होते हैं। इसमें गर्भनिरोधक गोलियां, इंज़ेक्शन आदि दिए जाते हैं। ऐसी महिलाएं जिन्हें हार्मोन युक्त साधन शुरू करने से पहले के तीन महीनों में योनि से असामान्य रक्त स्त्राव हुआ हो तब डॉक्टर से संपर्क करने की ज़रुरत है।
इसके अलावा हार्मोनल साधन में और भी प्रभाव होने की संभावना रहती है, जैसे कि जी मचलना, सिरदर्द, स्तनों में सूजन या मासिक धर्म में परिवर्तन।
प्राकृतिक साधन- बहुत से लोग प्राकृतिक साधन भी गर्भनिरोधन के लिए इस्तेमाल करते हैं। जैसे कि बच्चे के जन्म के 6 महीने बाद तक स्तनपान करवाना। संभोग के बीच में ही लिंग निकाल लेना यानि कोयटस इंटरपटसल। इस तरीके में पुरुष वीर्य स्खलन से पहले ही महिला की योनि में से लिंग निकाल लेता है लेकिन यह बात ध्यान रहे कि प्राकृतिक तरीके कभी भी 100% सुरक्षित नहीं रहते हैं।
स्थायी तरीके- अगर आप और बच्चे नहीं चाहते हैं तो आप स्थायी तौर पर भी इलाज करवा सकते हैं। इसके लिए बंधीकरण का ऑपरेशन करवा सकते हैं। महिला और पुरुष दोनों ही यह अमल कर सकते हैं परंतु महिला के मुकाबले पुरुषों के लिए यह आसान रहता है।
यहां पर आपको जानकारी होनी चहिए कि यह ऑपरेशन एच.आई.वी./एड्स तथा अन्य एस.टी.डी जैसे रोगों में कोई सुरक्षा नहीं होता है इसलिए आपको इन रोगों से बचाव के लिए अन्य तरीकों के बारे में सोचना होगा।
इन सब तरीकों को इस्तेमाल करते हुए महिलाएं न सिर्फ परिवार नियोजन कर सकती हैं बल्कि अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे सकती हैं इसलिए सही तरह से सोच विचार के बाद अपने शरीर के हिसाब से साधन का चयन करें।