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साल 2020 की कुछ कड़वी यादें

मेरे लिए वर्ष 2020 कुछ इस तरह से रहा। कॉलेज का आखरी साल था, कुछ बची हुई ख्वाहिशें थीं मन में, फेरवल पार्टी की एक आखिरी फोटोग्राफ और इन पलों को जीवनभर के लिए संजो कर रख लेने की चाहत, भला किसकी नहीं होती।

साल के बस दो महीने ही बेहतर गुज़रे

साल के दो महीने ही ठीक बीते थे। इतने सी.ए.ए और एन.आर.सी के दंगों से हमारी पूर्वी दिल्ली ने हिंसक मोड़ ले लिया, जिसमें कई पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ और उत्तर-पूर्वी दिल्ली संवेदनशील बन चुकी थी।

अब करीब दो महीने बाद कॉलेज जाना शुरू किया ही था तो कोरोना नाम की वैश्विक महामारी ने पूरे देश को लॉक कर दिया। इस बीच कई हजार लोगों ने जान गंवा दी। साल 2020 में सुशांत सिंह, ऋषि कपूर, इरफान खान जैसे और भी कई प्रिय सितारे हमसे ओझल हो गए।

कोविड ने सब कुछ बदल दिया

कोविड -19 ने विश्व के साथ-साथ देश को स्थिति को पूर्ण रूप से बदल दिया। शिक्षा क्रांति ऑनलाइन मोड पर आ गई। ऑफिस बने वर्क फ्रॉम होम और इन्हीं सबके बीच फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को मिली ओ.बी.ई एग्ज़ाम से डिग्री।

खैर, बहुत सी अच्छी चीज़ें भी हुईं। देश ने कोरोना काल में बढ़ना सीखा और वर्ष 2021 में हम सभी को वैक्सीन का भी इंतज़ार है। वैसे हम इसे गनीमत समझ सकते हैं कि हमारे साथ-साथ हमारे प्रियजन भी सुरक्षित हैं, जिसके लिए हम कोरोना वॉरियर्स के प्रति शुक्रगुज़ार होकर उनका मनोबल बनाए रख सकते हैं।

नए साल के लिए बहुत सारी शुभकामनाएं और तब तक श्री अमिताभ बच्चन जी की बात ख्याल रखें, “जब तक दवाई नहीं, कोई ढिलाई नहीं।”

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