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पंचलाइट

महामारी के दौरान जब हम ऑनलाइन शिक्षा पर आश्रित हैं तो हमारे ही देश में कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां अबतक बिजली का पहुंच पाना भी सम्भव नहीं हो पाया है, ऐसा ही एक क्षेत्र है उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले के मिहींपुरवा ब्लॉक में, मिहींपुरवा ब्लॉक भारत और नेपाल के सीमा से लगा हुआ है जिसका लगभग 40% भाग घने जंगलों से घिरा हुआ है। इस जंगली क्षेत्र में रहने वाले बच्चों लाकडाउन में शिक्षा मील पाना मुश्किल था क्योंकि स्कूल बन्द थे और ऑनलाइन संसाधन अधिकांश लोगों के पास उपलब्ध नहीं हैं। इस समस्या के समाधान का हमने प्रयास किया और पंचलाइट अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के माध्यम से हम इस क्षेत्र के शिक्षित युवाओं से सम्पर्क बनाएं और उन्हें अपने घर के आस – पास के बच्चों छोटे समूह में शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया। क्राउड फंडिंग के माध्यम से हमने लगभग 70 हजार रुपए इकट्ठा किए और इस पैसे से हम निःशुल्क पठन पाठन कि सामाग्री के साथ – साथ सभी छात्रों और शिक्षकों के लिए मास्क और  सेनेटाइजर भी उपलब्ध कराए। इस अभियान की शुरुआत हमने 6 जून 2020 से कि थी। शुरुआत में हम 9 युवा साथी के मदद से 60 बच्चों को नियमित और निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करा रहे थे जो वर्तमान में 18 युवा साथी के सहयोग से  लगभग 350 छात्रों को नियमित शिक्षा देने का काम कर रहे हैं। महामारी से सम्बन्धित सभी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए छात्रों के लिए कक्षा का संचालन किया जाता है।
पंचलाइट अभियान में संचालित कक्षाओं में छात्रों के अधिगम स्तर का मूल्यांकन कर उन्हे उनके स्तर के आधार पर समूह में बांटा गया है और उसी परिणाम के आधार पर ही उन्हें शिक्षा दी जाती है। https://www.facebook.com/Panchlight2020/

ऑनलाइन शिक्षा के चलते ऐसे वनवासी क्षेत्रों के छात्रों का शिक्षा से दूरी बढ़ जाएगा, फिर जब विद्यालय खुलेंगे तो बड़ी संख्या में ड्रॉप आउट होंगे इन समस्याओं से बचने और छात्रों के दिनचर्या में कॉपी कलम को बनाए रखने के उद्देश्य से ही हम इस अभियान का संचालन कर रहे हैं।https://youtu.be/UzdorkIoC_U

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