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एक रेप पीड़िता को अपराधी मानता ये समाज़

पिछले कुछ दिनों से रेप और महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढ़ गए हैं और लगातार बढते चले आ रहे हैं।हाल ही में बांदा से एक महिला के साथ रेप का वीडियो वायरल हुआ है और महिला के ससुराल वालों को इस घटना के बारे में  पता चला तो उन्होंने अपनी बहू को घर से ही निकाल दिया ।तो घटना कुछ ऐसी है  कि बांदा जिले के कोतवाली क्षेत्र में एक 26 वर्षीय विवाहिता का अपहरण होता है, जिसके साथ में दुष्कर्म पहले ही हो चुका है। वो इस सबसे बचने के लिए मायके चली गई थी।इससे चिढ़कर मुख्य आरोपी ने महिला के पति और मायके वालों को रेप का वीडियो भेज दिया।  साथ ही वीडियो को यहां-वहां वायरल कर दिया। वहीं पीड़िता के ससुराल वालों ने  वीडियो देखने के बाद ही उसे घर से निकाल दिया।

 

सोच मे फरक लाना ज़रूरी है 

एक तरफ हम रेप जैसी घटनाओं पर समाज के  संवेदनशील होने की उम्मीद रखते हैं कि समाज में बदलाव आएगा लेकिन लोग इस बदलाव को समझना नहीं चाहते हैं।

आज भी उनकी वही पुरानी सड़ी-गली विचारधारा है। जिसके चलते परिवार के लोग  पीड़िता को घर में लाने पर सहमत नहीं है और वह मुख्य पीड़िता के खिलाफ खड़े हो गए हैं जो कि एक गंभीर विषय है।ऐसे में हमें लोगों को इस पुरानी विचारधारा को खत्म करने होगा। उन्हें समझाना होगा कि सम्वेदनाओं को कैसे बचाया जा सकता है। ये गम्भीर मुद्दा है। वहीं  किसी को घर से निकालना उस विचारधारा को बढ़ावा देना है और पीड़िता को अपराधी की श्रेणी में ला खड़ा करना है। इस तरह के फैसले असली अपराधियों  का हौसला बढ़ाकर उन्हें और ज्यादा निरंकुश बनाते है।बल्कि देश में ऐसे भी कई मामले सामने आए जिसमें लोग नशे में नन्हें बालकों के साथ दुष्कर्म करते आ रहे हैं ऐसे में इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए और विदेश की कानून व्यवस्था से सीख कर कड़े कानून बनाने चाहिए ।

 

 

 

 

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