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कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में बीमार पड़ा एक व्यक्ति, ट्रायल रूका

corona vaccine

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बना रही AstraZeneca ने इसके अंतिम चरण का परीक्षण रोक दिया है। परीक्षण में हिस्सा ले रहे एक व्यक्ति के बीमार होने के बाद कंपनी को वैक्सीन का ट्रायल रोकना पड़ा।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर फार्मास्युटिकल कंपनी AstraZeneca कोरोना की वैक्सीन विकसित कर रही है। कोविड-19 वैक्सीन की दौड़ में अब तक यह सबसे आगे चलने वाली वैक्सीन थी।

परीक्षण पर रोक लगाने को लेकर कम्पनी ने क्या कहा?

AstraZeneca के हवाले से कहा गया कि यह एक रूटीन एक्शन है। जब किसी परीक्षण में संभावित रूप से अस्पष्ट बीमारी सामने आती है तो इसकी जांच की जाती है। इस तरह हम परीक्षण की प्रामाणिकता बनाए रखते हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर, तस्वीर साभार: पिक्साबे

कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान एक व्यक्ति को यह वैक्सीन लगाई गई थी। इसके बाद से ही उस व्यक्ति के शरीर में बेहद प्रतिकुल प्रभाव देखे गए।

कंपनी ने यह भी कहा कि बड़े पैमाने पर परीक्षण के दौरान बीमार होने आशंका होती है लेकिन इसकी स्‍वतंत्र तरीके से सतर्कतापूर्ण जांच होना ज़रूरी है। हम तेज़ी से इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं ताकि परीक्षण की समय-सीमा पर इसका ज़्यादा असर ना पड़े।

पूरी दुनिया की निगाहें थी इस वैक्सीन पर

दुनियाभर में कोरोना से अब तक लगभग 8 लाख 94 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है। दो करोड़ से ज़्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। ऐसे में दुनिया के सभी देश इस वैक्सीन की ओर देख रहे थे।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले दिनों उम्मीद जताई थी कि साल 2021 के शुरुआती महीनों में यह वैक्सीन आ जाएगी। भारत समेत दुनियाभर से इस वैक्सीन के ऑर्डर आने भी शुरू हो गए थे। कम्पनी द्वारा वैक्सीन के परीक्षण रोकने के बाद वैक्सीन को लेकर लोगों को निराशा हाथ लगी है।

भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन की स्थिति क्या है?

भारत में तीन कंपनियों की वैक्सीन क्लीनिकल परीक्षण के चरण में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. वीके पॉल ने कोरोना की वैक्सीन की स्थिति पर जानकारी देते हुए बताया कि भारत बायोटेक की वैक्सीन के पहले चरण का परीक्षण पूरा हो चुका है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह एक स्वदेशी वैक्सीन है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

वहीं, ज़ायडस कैडिला की वैक्सीन का पहला चरण खत्म हो चुका है और दूसरे चरण का परीक्षण चल रहा है। उन्होंने बताया कि देश मे सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन का परीक्षण भी जारी है। यह ऑक्सफोर्ड की ही वैक्सीन है। भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर बना रही है।

इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण यूके, अमेरिका, ब्राज़ील में तो चल ही रहा है। भारत में भी इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण शुरू होने वाला है। भारत में लगभग 1600 व्यक्तियों पर इसका परीक्षण होगा।

सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन बनाने की क्षमता काफी जबरदस्त मानी जा रही है। यह 1 महीने में 7.5 करोड़ से लेकर 10 करोड़ डोज बनाने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही भारत रूस द्वारा विकसित वैक्सीन स्पुतनिक-वी के ट्रायल भी शुरू करेगा।

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