झारखंड के बरहेट थाना क्षेत्र अंतर्गत महिला के साथ मारपीट गाली-गलौज करते हुए थाना प्रभारी हरीश पाठक का वीडियो काफी वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद उठती न्याय की आवाज़ के बीच झारखण्ड के मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द थानेदार पर कार्रवाई की बात कही। बरहेट थाना के डीएसपी ने कार्रवाई करते हुए हरीश पाठक को स्थानांतरण के साथ सस्पेंड कर दिया मगर बात वहीं शांत नहीं हुई।
मामला तब आगे बढ़ गया जब वीडियो बनाने वाले व्यक्ति नंदलाल शाह, जो कई वर्षों से सामाजिक सेवा में लगे हुए हैं, वो एक वीडियो बनाते हैं। उस वीडियो में वो कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि अब उनसे बदला लेने के लिए पुलिसकर्मी उनके ऊपर झूठे आरोप लगाकर फंसाने का प्रयास कर रहे हैं।
कथित वीडियो के सामने आने के कुछ दिनों बाद ही श्रावण मास के अंतिम पूर्णिमा पर शिवगांदी मंदिर में आयोजित हो रहे एक छोटे से सामूहिक कार्यक्रम में पुलिस आ जाती है और लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने का हवाला देते हुए मंदिर प्रबंधन के कमेटी मेंबर नंदलाल शाह एवं लालू भगत को गिरफ्तार कर लेती है।
मेरे पिता की गलती बस इतनी ही है कि उन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई: नंदलाल शाह का पुत्र
नंदलाल शाह के परिजनों का उनकी गिरफ्तारी के बाद यही कहना है कि हमें इतने दिनों से जिस बात का डर सता रहा था वही हुआ। खबरखंड से बात करते हुए नंदलाल शाह के पुत्र कहते हैं,
मेरे पिता द्वारा वीडियो वायरल करने के बाद से ही उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई थीं. जिस डर से उन्होंने एक वीडियो बनाते हुए यह कहा था कि उनके साथ कभी भी कुछ भी हो सकता है। इससे पूर्व भी पुलिस वाले उन्हें एक आदिवासी महिला के साथ बदतमीजी और मारपीट करने के झूठे केस में फंसाने का प्रयास कर चुके थे. उस प्रयास में सफल न हो पाने के बाद उन्होंने इस बहाने से मेरे पिता के साथ बदला लिया।
गौरतलब है कि जिस मंदिर में आयोजित कार्यक्रम के लिए शिकायत की गई, वह मंदिर बरहेट थाना क्षेत्र अंतर्गत नहीं आता है। वो आगे बताते हैं, “शिवगांदी मंदिर बरहेट थाना क्षेत्र अंतर्गत आता ही नहीं है फिर किस आधार पर पुलिस ने मेरे पिता के खिलाफ बरहेट थाना क्षेत्र के अंतर्गत मामला दर्ज़ किया? मंदिर में तो हर साल सावन मास के अंत में मेले का आयोजन किया जाता था मगर इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण किसी भी तरह के मेले का आयोजन ना हो सका मगर मंदिर कमेटी ने एक छोटा से अनुष्ठान करना तय किया। जिसमें हर कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर मौजूद था। वहां किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं किया जा रहा था मगर इसके बावजूद मेरे पिता को गिरफ्तार किया गया।”
वो आगे बताते हैं, “मेरे पिता की गलती बस इतनी ही है कि उन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। इस पूरे मामले में थानेदार हरीश पाठक का नाम पहली बार प्रकाश में नहीं आया है। इससे पूर्व भी वो कई चर्चित कांड कर चुके हैं मगर उनके खिलाफ कोई सबूत मौजूद ना हो पाने के कारण उन्हें हर बार छोड़ दिया गया। इसलिए मेरे पिताजी ने सबूत के तौर पर यह वीडियो बनाई थी, जिसमें थानेदार हरीश पाठक उस लड़की को बेरहमी से मारते और गाली गलौज देते हुए नज़र आ रहे हैं।”
वहीं, जब पूरे मामले पर बरहेट थाना क्षेत्र के डीएसपी से बात की गई और थानेदार हरीश पाठक के वायरल वीडियो एवं नंदलाल शाह की गिरफ्तारी के बीच के संबंध के बारे में पूछा गया तो उनका साफ कहना था कि हरीश पाठक ने उस लड़की को इसलिए मारा था, क्योंकि उस लड़की ने कुछ दिनों पूर्व ही थाने में एक लिखित शिकायत की थी जिसमें उसने कहा था कि मुझे रामु मंडल से शादी नहीं करनी है। वह मुझसे जबरदस्ती शादी करना चाह रहा है और कुछ दिनों बाद ही वह लड़की अपनी बात से पलट गई और अपनी मर्ज़ी से शादी कर ली मगर पूरे घटनाक्रम को नया मोड़ देते हुए वह वीडियो लोगों के सामने आया जिसके एवज में हरीश पाठक को सस्पेंड कर दिया गया।
बरहेट थाना के डीएसपी आगे कहते हैं, “नंदलाल शाह नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए गए जिसके कारण उनके खिलाफ मामला दर्ज़ हुआ और उन्हें गिरफ्तार किया गया। इन दोनों ही मामलों में किसी भी तरह से पुलिस का हाथ नहीं है। पुलिसकर्मियों के ऊपर नंदलाल शाह के परिवार वालों द्वारा लगाए जा रहे बदले की भावना के आरोप पूरी तरह से गलत हैं।”
राखी मंडल ने नहीं दी थी थाने में कोई भी लिखित शिकायत: रामु मंडल
जब राखी मंडल के पति रामु मंडल से लिखित शिकायत के विषय में पूछा गया तो उनका कहना था कि राखी को उसके भाई ने मारपीट कर जबरदस्ती एक सादे कागज़ में हस्ताक्षर लिया था।
उसका इस्तेमाल उन्होंने लिखित शिकायत के रूप में किया या फिर किसी अन्य कार्य में कि उसकी भनक उन्हें नहीं है मगर राखी मंडल ने शादी से पूर्व अपनी मर्ज़ी से थाने में किसी भी तरह की लिखित शिकायत नहीं दी थी।