देश की प्रख्यात शैक्षणिक परीक्षा JEE और NEET जिसको आगे बढ़ाने कRमांग करते हुए स्टूडेंट्स को काफी समय हो गया मगर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इसके विषय में कोई चर्चा नहीं कि गई और ना ही स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट को संज्ञान में लिया जा रहा है।
हम अगर ट्विटर की ओर रुख करेंगे तो पाएंगे एक पूरा हुजूम जो परीक्षा को आगे बढ़ाने के लिए एक्टिव हुआ है, उनकी सिर्फ एक ही मांग है कि परीक्षाओं को स्थगित किया जाना चाहिए। ट्विटर पर स्टूडेंट्स द्वारा एक मोर्चा खोल दिया गया है, जिसका नाम है #AntiStudentNarendraModi.
इसमें शामिल होने वाले केवल स्टूडेंट्स ही नहीं, बल्कि बड़े-बड़े शिक्षाविद भी हैं। ग्राउंड लेवल पर देखने और निरीक्षण करने पर हम पाएंगे कि इनका प्रोटेस्ट करना सार्थक है।
देश अभी भी कोरोना की मार झेल रहा है। 3.3 मिलियन लोग इस महामारी से जूझ रहे हैं। 60 हज़ार 472 लोगों को कोरोना निगल चुका है इतने लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सरकार के द्वारा लिया गया यह निर्णय अधिक बचकाना लगता है।
‘Despite many protocols & provisions, Home minister also got infected…By calling 28 lakh children to exam centres trusting only in protocol, we are creating a huge threat.’
Hon’ble Dy CM @msisodia writes to HRD Minister on JEE- NEET exams.#Rise_AgainstExamsInCovid pic.twitter.com/D1mZF2U6kE
— AAP (@AamAadmiParty) August 27, 2020
#Rise_AgainstExamsInCovid, #AntiStudentNarendraModi और #GoBackModi जैसे कितने ही हैशटैग्स के साथ ट्विटर पर लोग अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। वहीं, शिक्षा विभाग की ओर से बताया जा रहा है कि NTA की साइट से अब तक 17 लाख स्टूडेंट्स अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं। इसका मतलब यह है कि बच्चे परीक्षा देना चाह रहे हैं।
ट्विटर पर जन सैलाब उमड़ा हुआ है। देश के स्टूडेंट्स की मांगों को पूरा करने के लिए गैर-भाजपा राज्यों की सरकारें भी सामने आई हैं और इस बात का समर्थन कर रही हैं कि परीक्षाओं को स्थागित कर देना चाहिए। इस समय बच्चे शरीरिक के साथ साथ मानसिक तौर पर भी स्वस्थ्य नहीं हैं।
BBC survey declares Narendra Modi as 7th most corrupt Prime Minister,…
“BBC” report has allegedly claimed that India’s Prime Minister Narendra Modi is in the list of world’s most corrupt politicians#AntiStudentNarendraModi pic.twitter.com/SabtQJtqKa— Suhani rathore (@suhani2201) August 27, 2020
देश का हर युवा मानसिक तनाव से पीड़ित है। ऐसे में उनके सपनों को साकार करने के रास्ते पर सरकार अपने नियमों का एक ठीकरा फोड़ना चाह रही है, जो वास्तव में निंदनीय है। वहीं, विदेश और देश के 150 स्टूडेंट्स और शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर इस बात पर संकोच जताया है।
#AntiStudentNarendraModi
OUR CMS CAN USE THIS ACT AND TAKE ALL EXAMINATION UNDER THEIR CONTROL, PLEASE TAG THEM BELOW SO THAT THEY’LL DO IT SOONER
???????????? pic.twitter.com/vkYuemBBt6— Anusha.K (@Mcurdreamcumtru) August 27, 2020
पत्र में साफ तौर पर बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के मद्देनज़र इन परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ रोष का उल्लेख करते हुए शिक्षाविदों ने कहा, “देश के कुछ लोग अपने स्वयं के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं। युवा और स्टूडेंट्स देश के भविष्य हैं लेकिन कोरोना महामारी के मद्देनज़र अनिश्चितता के बादल उनके करियर पर भी इकट्ठे हो गए हैं। प्रवेश और कक्षाओं के बारे में बहुत सारी आशंकाएं हैं, जिन्हें जल्द-से-जल्द हल करने की आवश्यकता है।”