राखी का त्योहार ऐसा त्योहार है, जब बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर अपनी रक्षा करने का वादा लेती है। लॉकडाउन की वजह से भले ही बहनें बाहर जाकर अपनी पसंद की राखी नहीं ले पा रही हैं लेकिन अपनी पसंद की राखी को ऑनलाइन ऑर्डर कर अपने भाईयों के पास ज़रूर भेज रही हैं।
कई ऐसे लोग हैं जो हैंडमेड राखी बनाकर उन्हें पोस्ट भी कर रहे हैं। इस बार राखियों की वैराइटी में ‘सीड राखी’ काफी ट्रेंड कर रहा है। सीड राखी ऐसी राखी है जिसमें फूलों के बीजों को डाल कर तैयार किया जा रहा है।
जहां पहले भाईयों के कलाई से उतारकर राखी संभाल कर रखी जाती थी लेकिन अब इन राखियों की खास बात यह है कि रक्षाबंधन के बाद आप इन राखियों को गमले में लगा देंगे, तो इसमें मौजूद बीज (सीड) आगे जाकर पौधे के रूप में विकसित हो जाएंगे। इस तरह आप पर्यावरण को हरा-भरा रखने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान देंगे।
कौन लोग बना रहे हैं सीड राखियां?
कंकड़बाग की रहने वाली दो बहनें स्नेहा और नीरू गौर साल 2013 से भारतीय संस्कृति को लोगों तक पहुंचाने के लिए टेराकोटा की जूलरी और राखियां बना रही हैं। इस साल इन्होंने राखियों के साथ ट्वीस्ट क्रिएट किया है।
दोनों बहनों ने टेराकोटा से अलग-अलग आकृतियों की राखियां तैयार की है और आकृतियों के अंदर फूलों के बीज को ऐसे डाला है कि जैसे ही वे धरती में समाहित होंगे बीजों से पौधें निकल आएंगे।
उनका कहना हैं, “भाई-बहन और पर्यावरण का रिश्ता एक जैसा है। जैसे भाई बहनों की रक्षा करते हैं, ठीक वैसे ही पर्यावरण हमें खूबसूरत ज़िंदगी जीने का मौका देता है।”
आप इन राखियों को इनके इंस्टाग्राम हैंडल @snehacreation7 पर ऑर्डर कर सकते हैं। इन राखियों की कीमत 120 रुपए से शुरु होकर 500 रुपये तक है। आप चाहें तो अपनी पसंद का भी डिजाइन क्रिएट करवा सकते हैं। नीरू बताती हैं कि जितनी भी आकृतियां राखी के लिए वे बनाती हैं सब हैडमेड हैं और लोगों को काफी पसंद आ रही है।
अंकिता राज, अभिषेक, तान्या परवीन, पूजा तिजिया और राजा रवि ला पिंटुरा ग्रुप नाम से सीड राखियां तैयार कर रहे हैं। अंकिता बताती हैं कि आज जहां एक ओर कोविड-19 का खतरा है, वहीं पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य।
ऐसे में जहां राखियां बंध जाने के बाद संभाल कर रख दी जाती है, हमने सोचा कि क्यों ना हम राखियों में सूरजमुखी का बीज डाल कर तैयार करें। ऐसा करने एक तरफ इन राखियों से भाई-बहन का रिश्ता मजबूत होगा, वहीं बीज से उपजे पौधे भी उनके आपसी बॉन्डिंग के गवाह बनेंगे।
एक राखी को बनाने में 15 मिनट लग जाते हैं और इनकी कीमत 149 रुपये हैं। अभी फिलहाल वे इन राखियों का ऑर्डर लोकल जगहों के लिए ही ले रहे हैं। इन्हें सारे ऑर्डर इनके वाट्सएप और इंस्टाग्राम के ज़रिए ऑनलाइन ही मिल रहे हैं। वे सारी राखियों को स्पीड पोस्ट के ज़रिए भेज रहे हैं। ये सारी राखियां हैंडमेड हैं और लोगों को काफी पसंद भी आ रही हैं।