उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपनी कड़ी कानून व्यवस्था के लिए खुद की पीठ-थपथपाते नहीं थकती है। कानपुर के गैंगस्टर विकास दूबे के तथाकथित एनकाउंटर के बाद यह आत्ममुग्धता और अधिक बढ़ती हुई दिखाई दे रही है लेकिन वास्तविक तस्वीर इसके विपरीत है। सूबे में कानून व्यवस्था सुस्त है और गुंडाराज से लोगों में दहशत है।
हाल ही में गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी को बदमाशों ने गोली मार दी जिनकी यशोदा अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, अब तक इस मामले में कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पत्रकार विक्रम जोशी पर हुआ यह हमला सीधे तौर पर यूपी में गुंडाराज की गवाही देता है।
बदहाल कानून व्यवस्था है इसकी ज़िम्मेदार
मतृक पत्रकार विक्रम जोशी के भाई अनिकेत जोशी ने बताया कि तीन दिन पहले आरोपी युवकों ने उनकी भांजी पर अश्लील फब्तियां कसी थी, जिसको लेकर मारपीट भी हुई थी। भांजी के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद इसकी रिपोर्ट विजय नगर थाने में दर्ज कराई गई थी।
इसके बाद से आरोपी युवक लगातार विक्रम को धमकी दे रहे थे। मुकदमा होने के तीन दिन बाद तक उनके खिलाफ पुलिस द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। इसी का नतीजा था कि उन्होंने विक्रम को घेरकर गोली मार दी।
दोनों बेटियां हैं चश्मदीद गवाह
अब तक की जांच के मुताबिक, सोमवार रात जब पत्रकार विक्रम जोशी पर हमला हुआ तब उनकी दो बेटियां भी बाइक पर सवार थीं। बड़ी बेटी के मुताबिक, जब विक्रम बाइक चला रहे थे। इसी दौरान जब बाइक मुख्य सड़क पर आई, तो कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और बाइक गिरा दी।
जब विक्रम ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो वे लोग विक्रम को मारने लगे। इस दौरान कार के पास ले जाकर एक हमलावर ने उनको गोली मार दी। इसके बाद सभी हमलावर वहां से फरार हो गए। इस घटना के बाद परिजनों ने तीन लोगों के खिलाफ नामज़द मुकदमा दर्ज कराया है।
देश में डर का महौल पैदा किया जा रहा है – विपक्ष
इस घटना के बाद योगी सरकार पर विपक्ष पूरी तरह हमलावर होता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया।
प्रियंका ने लिखा, “गाज़ियाबाद एनसीआर में है। यहां कानून-व्यवस्था का यह आलम है, तो आप पूरे यूपी में कानून व्यवस्था के हाल का अंदाज़ा लगा लीजिए। एक पत्रकार को इसलिए गोली मार दी गई, क्योंकि उन्होंने भांजी के साथ छेड़छाड़ की तहरीर पुलिस में दी थी। इस जंगलराज में कोई भी आमजन खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा?”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मसले पर लिखा है। ममता बनर्जी ने लिखा, “विक्रम जोशी के परिजनों को मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि। एक साहसिक पत्रकार की आज मौत हो गई। अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ एफआईआर करने की वजह से उन्हें गोली मार दी गई। देश में भय का माहौल पैदा किया जा रहा है। आवाज़ दबाई जा रही है और मीडिया को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। खौफनाक।”
अधिकारियों को निलंबित कर देने से आगे कब बढ़ेंगी सरकारें?
वीडियो जारी करके इस मामले में गाज़ियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने जानकारी देते हुए कहा कि विक्रम जोशी पर जानलेवा हमले के आरोप में 9 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है और चौकी इंचार्ज एसआई राघवेंद्र को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर गई है।
अब सवाल यह है कि क्या सिर्फ अधिकारियों को निलंबित करना पर्याप्त है? गैंगस्टर विकास दूबे के एनकाउंटर के बाद सवालों के घेरे में आई उत्तर प्रदेश पुलिस एक बार फिर फेल होती दिख रही है।
जिस तरह से एनकाउंटर की कहानी बनाई गई शायद ही कोई उस कहानी पर यकीन करे लेकिन पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को सख्त कार्रवाई करने की ज़रूरत है। ऐसे ही गुंडराज बढ़ता रहेगा तो अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे और कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी।