Site icon Youth Ki Awaaz

“स्वामी रामदेव, कोरोना की दवा का प्रचार करने के आरोप में आप पर कार्रवाई क्यों ना हो?”

Swami Ramdev Claims Corona Medicine

Swami Ramdev Claims Corona Medicine

समाज में भ्रांतियां फैलाना एक दण्डनीय अपराध है। महामारी की आपदा में इस समय कई लोग अपनी बनी दवाइयों को कोरोना का काल या कोरोना का अंत कहकर संबोधित कर रहे हैं और आपदा का अवसर के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस कड़ी में ताज़ा उदाहरण योगगुरु बाबा रामदेव का है।

बाबा रामदेव के दावे में कितनी सच्चाई है?

स्वामी रामदेव। फोटो साभार- Getty Images

बाबा रामदेव ने बिना कुछ सोचे-समझे और विचार किए कोरोना के लिए दवा बना डाली। देश-विदेश के बड़े से बड़े डॉक्टर और अविष्कारक इस बीमारी का तोड़ नहीं कर निकाल पाए हैं। इटली जैसा देश, जो अपनी अच्छी मेडिकल सेवा देने के लिए पूरे विश्व में प्रख्यात है, वह भी इस बीमारी से हार चुका है।

विश्व की सबसे बड़ी ताकत कहे जाने वाले अमेरिका ने भी इसके आगे घुटने टेक दिए। उसी बीच हमारे भारत में कोरोना की दवा बनाने का दावा करने वाले बाबा रामदेव ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके द्वारा बनाई गई दवा ‘कोरोनिल’ आयुर्वेद की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड के आयुर्वेदिक विभाग ने पतंजलि को सिर्फ बुखार और इम्यूनिटी बूस्टर, यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और सांस की बीमारी के उपचार के लिए दवा बनाने का आदेश दिया था।

मगर इसके उलट पतंजलि ने कोरोना की दवा बनाने का दावा कर दिया। यह सरासर भ्रामक प्रचार है। इसके लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसी स्तिथि में बिना सरकार की इजाज़त और बिना किसी भी प्रोटोकॉल को फॉलो किए कोई भी क्लीनिकल ट्रायल करता है, तो वह एक अपराध की श्रेणी में आएगा।

आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल दवा के प्रचार पर लगाई रोक

हम मानते हैं कि आयुर्वेद का इलाज हर तरह से उपयोगी है मगर जिस बीमारी को जन्म लिए अभी एक वर्ष भी नहीं गुज़रा है, उसका उपचार लेकर आ रहे हैं और वो भी इतनी जल्दी?

वहीं, आचार्य बालकृष्ण भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि यह दवा सभी मानकों पर खरी उतरती है। वहीं, आयुष मंत्रालय के मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि हमसे बिना पूछे आपने बाज़ार में दवा उतारने का जोखिम कैसे लिया?

उन्होंने कहा, “यदि यह हमारे मानकों पर खरी उतरेगी तो हम खुद इस बाज़ार में लेकर आएंगे अन्यथा आप पर इस समय कार्रवाई भी हो सकती है।”

बहरहाल, जो भी कुछ हो रहा है, यह बेहद ही खतरनाक है। लोगों की जान जोखिम में डालने का एक रास्ता है। इतनी बड़ी आयुर्वेदिक संस्था बिना किसी की सहायता से ऐसे कैसे दवाई बना सकती है? ऐसे में स्वामी रामदेव पर आखिर क्यों ना हो कार्रवाई?

इसके पीछे भी सियासी रंग चढ़ा हुआ है। मुझे लगता है इसमें समाज की एक बहुत महत्वपूर्ण व बड़ी संस्था शामिल है और हो सकता है यह जो सवाल खड़े किए जा रहे हैं, यह भी किसी नियति के तहत हो। सियासत के हाथ बहुत लंबे होते हैं, शायद न्याय से भी ज़्यादा।


संदर्भ- ज़ी न्यूज़, दैनिक जागरण

Exit mobile version