“मेरा बेटे को भूख लगी थी, घर में कुछ भी खाने के लिए नहीं था। खाने का कुछ सामान लेने के लिए वो बाहर गया था। लॉकडाउन में बाहर जाने की वजह से पुलिस वालों ने उसे इतना पीटा कि वो गंभीर रूप से घायल हो गया, उसके शरीर पर जगह-जगह नीला हो गया था। कई जगह पर काफी सूजन थी, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।”
इतना कहते ही अम्बेडकर नगर ज़िले के इसराइल का गला भर जाता है और वो शांत हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर ज़िले में 18 अप्रैल को 22 साल के रिज़वाना अहमद नाम के एक मज़दूर की मौत हो गई।
परिवार वालों ने मौत का आरोप पुलिस पर लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस ने पीटकर उसकी हालत खराब कर दी जिससे उसकी मौत हो गई। परिवार का कहना है, “मेरे बेटे का कसूर सिर्फ इतना था कि वो पेट की आग शांत करने के लिए कुछ सामान लेने बाहर चला गया था।”
रिज़वान अहमद के पड़ोस के एक व्यक्ति नाम ना बताने की शर्त पर बताते हैं, “रिज़वान एक मज़दूर था, लॉकडाउन में सबका काम बंद है तो उसका भी काम बंद था। घर में मुश्किल से दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो पाता था। उसके पिता भी ज़्यादा कुछ काम नहीं कर पाते हैं। घर में कुछ भी खाने के लिए नहीं था, उसे भूख लगी थी और वो खाने का कोई सामान लेने बाहर चला गया था।”
पिता ने पुलिस पर लगाया आरोप
रिज़वान अहमद के पिता इसराइल ने अपने बेटे की मौत का ज़िम्मेदार पुलिस को बताया है। इसराइल ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है। अपनी शिकायत में इसराइल अहमद कहते हैं कि मेरा बेटा 15 अप्रैल को दिन के लगभग 4 बजे घर का कुछ सामान लेने के अकबरपुर (टांडा) के छज्जापुर गया था।
वो आगे लिखते हैं, “मेरा बेटा पोस्ट ऑफिस के पास पहुंचा ही था कि इतने में पुलिस का एक वाहन आया जिसमें एक महिला पुलिस, दरोगा और कुछ सिपाही थे। वे गाड़ी से उतरकर मेरे बेटे को लाठी से पीटना शुरू कर दिए।”
इसराइल आगे कहते हैं, “पुलिस की पिटाई से मेरे बेटे को काफी चोट लगी। वो किसी तरह गिरते-पड़ते घर पहुंचा और परिवार वालों को पूरी बात बताई। परिवार वाले लॉकडाउन और पुलिस की दहशत से घर पर ही उसका इलाज करने लगे लेकिन उसकी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ। उनका कहना है कि पुलिस ने पीटकर ही उसकी जान ली है”
रिजवान अहमद के पिता आगे कहते हैं, “तबियत में सुधार नहीं होने की वजह से उसे पास के अस्पताल में ले गए जहां पर डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत देखते हुए उसे ज़िला अस्पताल में रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।”
इसके बारे में इसराइल अहमद से सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। वहीं से थोड़ी दूर पर रहने वाले फैज़ अहमद बताते हैं कि इसराइल के घर के बाहर पुलिस फोर्स लगी हुई है। इसराइल के पास मोबाइल भी नहीं है जिससे कि उनसे संपर्क हो सके।
फैज कहते हैं, “लोगों की मदद से इसराइल ने अपने बेटे की मौत की शिकायत प्रशासन से कर दी है। हालांकि अभी तक एफआईआर दर्ज़ नहीं हई है।”
पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा?
इसके बारे में पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी से बात की गई। उन्होने कहा कि इस घटना की हमने गहनता से जांच की है। डॉक्टर से बात की गई, लड़के की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी आ गई है जिसमें उसके शरीर पर कहीं भी लाठी की कोई भी चोट नहीं है।
आलोक प्रियदर्शी आगे बताते हैं, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, फेफड़े और उसके हार्ट में इन्फेक्शन था और वो कुछ दिन पहले मोटरसाइकिल से भी गिर गया था जिस कारण उसकी मृत्यु हो गई। अभी तक इस इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि जान पीटकर ली गई है या वजह कुछ और है।”
नोट: यह लेख YKA यूज़र रिज़वाना तबस्सुम द्वारा इससे पहले खबर लहरिया की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा चुका है।