मेरा जन्म दिल्ली में हुआ और मैं पूरा भारत घूम आया मगर मेरी दिल्ली की बात ही कुछ और है। यहां की आब-ओ-हवा की बात ही अलग है। मुझे यहीं अच्छा लगता है और बहुत अच्छा लगता है। सच पूछिए तो मेरा दिल यहीं बसता है।
दिल्ली में भ्रमण करने लायक जगहों की बड़ी लंबी फेरिस्त है। आज इस लेख के ज़रिये मैं आपको कुछ चुनिंदा जगहों के बारे में बताऊंगा।
मैंने इन सारी जगहों का निरीक्षण किया और आप तक जानकारी पहुंचाने के लिए उन जगहों का चयन किया जो बेहद खास हैं। सबसे खास बात यह है कि इन जगहों में जाने के लिए आपको किसी भी प्रकार की टिकट की कोई आवश्यकता नहीं है। मैं जिन जगहों के बारे में आपको बताने जा रहा हूं वे मेट्रो के आसपास की जगहें हैं।
सबसे पहले मैं एक शुभ स्थान के साथ अपना अनुभव साझा करुंगा।
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली
6 नवम्बर 2005 को तैयार हुआ यह मंदिर एक दशक से लोगों को अपनी और आकर्षित कर रहा है। मंदिर का केंद्र वास्तुशास्त्र और पंचतंत्र शास्त्र के मुताबिक बनाया गया है। 23 दिसम्बर 2007 को दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर परिसर होने के नाते इसको वर्ल्ड गिनीज़ बुक में शामिल किया गया।
मुझे तो यहां आकर बहुत आध्यात्मिक सा महसूस होता है। आप दुनिया दारी छोड़कर महीने में एक दिन यहां आकर गुज़ारिये, बहुत अच्छा महसूस होगा। यहां आप अंदर मोबाइल नहीं ले जा सकते हैं।
बिना मोबाइल के एक दिन गुज़ार कर देखिए आपको बहुत अच्छा महसूस होगा। आप धार्मिक हैं तो आपके लिए यह वातावरण बहुत अधिक भाएगा और अगर आप आध्यात्मिक तौर पर मंदिर में कुछ महसूस करने जा रहे हैं तो भी आपको यहां से बहुत कुछ देखने को मिल सकता है।
मंदिर के अंदर जाने के लिए कोई शुल्क नहीं है मगर आप वहां जाकर अंदर कुछ प्रदर्शनी देखना चाहेंगे तो आपको टिकट्स लेने पड़ सकते हैं।
खाने के लिए क्या है?
आपको मंदिर की तह में बहुत बड़ी कैंटीन मिलेगी जहां आप आराम से बैठकर खाना खा सकते हैं। यहां की खासियत है कि यहां आपको पारंपरिक खाना भी उपलब्ध होगा।
कैसे पहुंचे?
अक्षरधाम मंदिर का मेट्रो स्टेशन बहुत सारे मेट्रो नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जिसके ज़रिये आप आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।
खान मार्केट
वैसे तो यह जगह थोड़ी महंगी ज़रूर मालूम पड़ती है मगर यहां आकर फोटो सेशन करवाने में आपको कुछ भी नहीं करना पड़ेगा।
यहां की गलियों से ऐसा महसूस होगा शायद हम किसी बाहरी इलाके में हैं। कुछ यादगार तस्वीरों के लिए और थोड़ी हल्की-फुल्की शॉपिंग के लिए यह जगह बेहतर है।
खाने के लिए क्या है?
यहां दिल्ली के मशहूर खान चाचा भी मौजूद हैं, जो आपको ज़ुबान का चटखारा दिला सकते हैं। खान चाचा बहुत पुराने और मशहूर हैं।
कैसे पहुंचे?
खान मार्केट मेट्रो स्टेशन से आप जैसे ही उतरिएगा, वहां से मार्केट ज़्यादा दूर नहीं है। तो इस तरह से आप मेट्रो के ज़रिये आसानी से खान मार्केट को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
लोधी गार्डन
यह मेरी पसंदीदा जगहों में से एक है। यहां बड़े-बड़े अमलताश के पेड़ और बांस की क्यारियां हैं। उन्हें देखकर ऐसा महसूस होता है कि मानों हम एक मनोरम दृश्य देख रहे हों। खूबसूरत वातावरण के साथ-साथ बेहतरीन हर्बल गार्डन भी है।
यहां तितलियों का पालन भी किया जाता है। दिल्ली सरकार ने यहां ओपन जिम एरिया भी बनाया है, जो सभी वर्ग के लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
फोटोग्राफी के लिए भी यह जगह बहुत मशहूर है। आज कल टिकटॉक यूज़र्स भी इस जगह का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। थोड़ा आगे जाने पर आपको छोटी सी मानव निर्मित झील मिलेगी जिसमें छोटी-छोटी मछलियों ने अपना संसार बना रखा है।
इसी झील में आप कमल के फूलों से भी रूबरू हो सकते हैं। यहां का दृश्य अत्यंत मनोरम है। दिल्ली आएं तो यहां आना कभी न भूलें।
खाने के लिए क्या है?
यहां पर खाने के ज़्यादा ऑप्शन्स तो नहीं हैं मगर फेरी वाले, राम लड्डू, भेल पूरी और विभिन्न तरह के स्नैक्स से आपको रूबरू होने का अवसर मिलता रहेगा। वैसे चाय प्रेमी भी यहां पर चाय का लुत्फ उठा सकते हैं।
कैसे पहुंचे?
ज़ोर बाग या फिर उद्योग भवन पहुंच जाइए। उसके बाद वहां से सस्ते में ऑटो लेकर आप लोधी गार्डन तक पहुंच सकते हैं।
चांदनी चौक
चांदनी चौक को कौन भूल सकता है? यहां पर आपको आपके मन के मुताबिक हर चीज़ मिलेगी, दुल्हन के लाल-लाल लहंगों से सजे बाज़ार, जूते और चप्पल की मार्केट, बल्लीमारान, ज़ेवरों के लिए प्रसिद्ध दरीबा कलां और रही सही बची कसर कटरा मार्केट पूरी कर देती है।
रात के समय चांदनी चौक की चांदनी देखने लायक होती है। हर जगह चहल-पहल। फिलहाल यहां पर काम चल रहा है, जिससे आपको ज़्यादा दिक्कत नहीं होगी। यहां आने पर आप चार धार्मिक स्थलों के दर्शन कर सकते हैं।
- शीश गंज गुरुद्वारा
- फतेहपुरी मस्जिद
- गौरी शंकर मंदिर
- सेंट स्टीफन चर्च
ये चारों धार्मिक स्थल पूरे विश्व में मशहूर हैं। आप यहां पर अपनी पेट पूजा करने से पहले भगवान की पूजा कीजिये, फिर गुरद्वारे में माथा टेककर आइए। उसके बाद आप चर्च जा सकते हैं।
फिर कुछ खरीदारी के बाद अंत में फतेहपुरी मस्जिद। फतेहपुरी मस्जिद का नाम मैंने इसलिए अंत में लिया क्योंकि यह चांदनी चौक का अंतिम छोर है।
खाने के लिए क्या है?
खाने के लिए तो आपको यहां सैकड़ों ऑप्शन्स मिलेंगे मगर जो मशहूर हैं और जिनमें मेरा खुद का व्यक्तिगत अनुभव है वह बता रहा हूं।
- परांठे वाली गली- मैं अपने अनुभव से बता रहा हूं कि यहां आकर हरि मिर्च परांठा ज़रूर खाइए।
- कांजी वड़ा- बहुत छोटे से क्षेत्र में बनी हुई यह दुकान, विदेशी सैलानियों को भी खूब भाती है। आप ज़रूर यहां के कांजी वड़ा खाएं।
- दौलत की चाट- सुनकर ही मुंह में पानी आ गया। यह चाट पपड़ी या टिक्की वाली चाट नहीं है। यह दूध, क्रीम और खोए से बनाई जाती है। यह चाट पूरे 4-5 घंटे तक दूध को लगातार फेंटने के बाद बनाई जाती है और इसमें बहुत मेहनत लगती है।
लिस्ट तो बहुत लंबी है मगर फिलहाल मेरी तरफ से चुनी गई चुनिंदा ये तीन खाने की फेहरिस्त बहुत नयाब हैं। यहां जाने पर इन्हें भूलिएगा नहीं।
क्राफ्ट म्यूज़ियम
प्रगति मैदान और पुराने किले से जुड़ा हुआ एक बेहतरीन म्यूज़ियम है, जिसमें आप एक छोटे से गाँव का मज़ा ले सकते हैं। यहां घूमना तो निःशुल्क है मगर यदि आप प्रदर्शनी देखने के इच्छुक हैं तो आपको 20 रुपये का टिकट लेना पड़ सकता है।
आपको इस गाँव के वातावरण में आकर शहर की भागदौड़ वाली ज़िन्दगी भूल जाने वाली भावना ज़रूर महसूस होगी। यहां आकर कुछ पल अपनों के साथ बिताइए। आपको बहुत अच्छा महसूस होगा।
खाने के लिए क्या है?
‘कैफ़े लोट्टा’ नाम से यहां एक रेस्टोरेंट है। जो थोड़ा महंगा ज़रूर है मगर खाने का टेस्ट लाजवाब है। यहां का ‘केरला स्टू’ ज़रूर खाइएगा।
मैंने ये सारी बातें अपने अनुभव के आधार पर आपके साथ साझा की हैं। आशा है यह आपके लिए बहुत अच्छा सिद्ध होगा।