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Corona: किसानों की समस्याओं को दूर करने हेतु पीएम को खुला पत्र

नरेन्द्र मोदी

नरेन्द्र मोदी

सेवा में,

माननीय प्रधानमंत्री जी,

भारत सरकार, नई दिल्ली

विषय: कोरोना आपदा के कारण किसानों की समस्याओं के निवारण हेतु।

महोदय,

आज कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया संकट में है। उसमें भी भारत की बडी आबादी और जनसंख्या के घनत्व के कारण भारत को अधिक कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पहले ही उपाय करने में हमने देरी कर दी है लेकिन अब जो भी हो, हम सबको एकजुट होकर मुकाबला करना होगा।

आपने 21 दिन लॉकडाउन की घोषणा कर एक ज़रूरी कदम उठाया था। लॉकडाउन के दिन को बढ़ाया जाएगा यह भी एक अच्छा कदम होगा। हम जानते हैं कि यह लॉकडाउन लंबे समय तक, दो-तीन महीने से भी ज़्यादा समय के लिए करना पड़ सकता है। हम सब किसान लॉकडाउन का समर्थन करते हैं और इसके लिए हर संभव सहयोग करेंगे।

हम जानते हैं कि जब तक कोरोना से निपटने का कोई ठोस उपाय नहीं मिलता है, तब तक लोगों को घर में कैद रहना होगा। अतिआवश्यक काम के लिए बाहर निकलने पर व्याक्ति के बीच एक मीटर से अधिक की दूरी बनाकर काम करना होगा।

लेकिन देश में अतिआवश्यक सेवाओं के लिए जिन लोगों को अपनी जान को खतरे में डालकर काम करना होगा उनमें किसान भी हैं। देश की खाद्य सुरक्षा के लिए किसान को भी दक्षता पूर्वक काम करना होगा।

खेत में खड़ी फसलों को काटकर घर लाना होगा। लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सब्ज़ी, फल, दूध का उत्पादन कर उसे लोगों तक पहुंचाना, पशुओं के चारा, पानी की व्यवस्था करनी होगी। यह सभी कार्य किसान करेंगे।

कोरोना जैसी महामारी रोकने के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं बनी है। आज कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय व्यक्ति की प्रतिरक्षण प्रणाली मज़बूत बनाना है।

उसके लिए हरी सब्ज़ी, फल, दूध आदि की आपूर्ति ज़रूरी होगी। प्राकृतिक पद्धति से किए गए खेती उत्पादन से इसे अधिक लाभ मिलेगा। यह सारी ज़िम्मेदारी अपनी जान जोखिम में डालकर देश का किसान निभाने के लिए तैयार है।

लेकिन लॉकडाउन के कारण किसानों के सामने कई समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। उसे आपके सामने रख रहा हूं। ताकि किसान को किसानी धर्म निभाने में और देश की सेवा करने में कोई कठिनाई ना खड़ी हो पाए।

उसके निराकरण के लिए सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए जाएं। भारत के किसानों की हालत पहले ही बहुत खराब है। आशा करते हैं कि इस कठिन समय में सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेकर उसका समाधान करने के लिए उचित निर्णय करेगी।

लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए किसान, खेतिहर मज़दूर और अन्य अभाव में जी रहे सभी लोगों को उनके परिवार को ज़िंदा रखने के लिए राशन, किराना और कुछ नगदी राशी की ज़रूरत होगी। यह राशी तत्काल उपलब्ध कराने के लिए निर्णय लेने होंगे। आपके द्वारा घोषित पैकेज इसके लिए पर्याप्त नहीं हैं। हम कुछ सुझाव दे रहे हैं जो निम्न हैं-

  1. रबी की फसलें जैसे- गेहूं, सरसों आदि खेत में कटाई के लिए तैयार हैं। उन सभी फसलों को निकालना, खेत से लाना, मंडी ले जाना, उसकी बिक्री करना आदि कार्य किसान को करने होंगे। किसान के घरों में पड़ी फसलों को बेचने की ज़रूरत है। अगले साल के लिए खेतों को तैयार करना होगा।
  2. इसके लिए लॉकडाउन के नियमों का पूर्ण पालन करते हुए खेती कार्य और फसलों को बेचने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। लॉकडाउन के समय और आगे भी खाद्यान्न सुरक्षा बनाए रखने के लिए ये पूरी फसलें सरकार द्वारा खरीद लेने और एमएसपी के हिसाब से उसकी कीमत किसान के अकाउंट पर जमा करना ज़रूरी है। उससे किसानों के आपसी संपर्क को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
  3. खाद्यान्न और अन्य कृषि फसलों का स्थानीय स्तर पर भंडारण करने के लिए व्यवस्था बनानी होगी ताकि आपातकालीन स्थिति में ट्रांस्पोर्टेशन से होने वाला खतरा मोल लिए बिना लोगों को स्थानीय भंडार से खाद्यान्न उपलब्ध हो सके। उसके लिए गाँवों-कस्बों में गोदाम उपलब्ध करने होंगे।
  4. करोना से बचने का एकमात्र उपाय मज़बूत इम्यून सिस्टम है। उसे बनाए रखने के लिए लोगों तक हरी सब्ज़ी, फल, दूध आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करना ज़रूरी है। लंबे समय तक चलने वाले लॉकडाउन के लिए इन सभी की पूर्ति करने की व्यवस्था करनी होगी। इस कर्तव्य को करने के लिए बाधा उत्पन्न ना हो इसलिए व्यवस्था बनानी होगी।
  5. खेती उपयोगी पशु भी किसान परिवार के सदस्य होते हैं। लॉकडाउन के कारण उनकी चारे, पानी की व्यवस्था बाधित हो रही है। ऐसे जानवरों को बचाने के लिए चारे पानी की व्यवस्था करनी होगी।
  6. मज़दूरों की कमी के कारण चारे की कटाई में मुश्किलें आ रही हैं। उसके लिए क्रॉप कटिंग के औज़ार उपलब्ध कराने होंगे। लॉकडाउन नियमों के अंतर्गत जो संभव हो उस आधार पर दूध की बिक्री और वितरण की व्यवस्था करने के लिए नियमावली बनानी होगी।
  7. अगले साल की फसलों के लिए तैयारी का भी यही समय है। उसके लिए आवश्यक बीज उपलब्ध कराने के लिए बीज निगम को काम करना होगा।
  8. प्राकृतिक आपदा के कारण जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उन्हें सीधे नुकसान भरपाई देने की व्यवस्था करनी होगी। ताकि किसान अगली फसलों के लिए खेती की तैयारी कर सके।
  9. आर्थिक संकट से बिहार के किसानों पर कर्ज़ वसूली का अतिरिक्त तनाव पैदा ना हो इसलिए बैंक हो या साहूकार, कृषि कर्ज़ वसूली पर रोक लगानी होगी। साथ ही कृषि कर्ज के लिए ब्याज़ माफ करना होगा। उसके साथ ही आगे की फसलों के लिए सभी कृषि कार्य करने हेतु सरकारी मदद करनी होगी ताकि इस राष्ट्रीय कार्य के लिए अपना किसानी धर्म निभाते समय किसान को कर्ज़ के जांल में फंसने से बचाया जा सके।
  10. खेती के लिए बिजली और डीजल की आपूर्ति की व्यवस्था करनी होगी ताकि वे खेती के संबंधित सभी कार्य सुचारु रुप से कर सकें।
  11. किसानों की औसत मासिक आय 6426 रुपये मात्र है। आपके प्रयासों से उसमें एक हज़ार रुपयों तक की बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन यह आय एक किसान परिवार को महीने भर ज़िंदा रखने के लिए पर्याप्त नहीं है। खासकर तब जब लॉकडाउन के समय किसानों के आय के सारे स्रोत बंद हैं।
  12. इसलिए किसान के अकाउंट में प्रतिमाह 6000 रुपय के हिसाब से तीन महीने की राशी (18 हज़ार रुपये) डाले जाने चाहिए। किसान सम्मान योजना की राशी, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है उनके साथ-साथ सभी किसान परिवारों को मिलनी चाहिए।
  13. मनरेगा के काम के लिए आपने मज़दूरी बढ़ा दी है लेकिन जब संपूर्ण लॉकडाउन में सभी काम बंद रहेंगे तो इन घोषणाओं का कोई मतलब नहीं है। खेतिहर मज़दूरों के पास जब तक काम उपलब्ध नहीं है और जब तक खेती का काम पूर्ववत नहीं होता है, तब तक उनको ज़िंदा रहने के लिए प्रति माह 6000 हज़ार रुपये दिए जाने चाहिए।
  14. किसान व खेतिहर मज़दूरों को खेती के कार्य करने के लिए ‘पास’ की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि किसान पुलिस तंत्र को पूरा सहयोग कर सकें।

उपरोक्त सभी मुद्दों पर तत्काल निर्णय लेने की ज़रूरत है। लॉकडाउन सफल बनाने के लिए यह करना देश की भी ज़रूरत है। आप तत्काल उचित निर्णय लेंगे, इस आशा के साथ आपको धन्यवाद। अगर इस पत्र पर की गई कार्रवाई की जानकारी हमें दी जाएगी तो उसके लिए हम आपके आभारी रहेंगे।

निवेदक
रौशन कुमार

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