मैं आऊंगा!
तब प्रलय की शुरुआत हो चुकी होगी
समंदर सूख चुके होंगे
नदियों ने बहना छोड़ दिया होगा
तालाब सिकुड़ चुके होंगे।।
पहाड़ों पर बर्फ नहीं होगी
ज्वालामुखी फूट रहे होंगे
आसमान में जहरीली हवाएं होंगी
जंगल मे आग होगी
पेड़ जल चुके होंगे।।
जंगली जानवर शहरों तक आ गए होंगे
प्रकृति अपनी निर्मल सुंदरता खो चुकी होगी
अकेले कैसे बचाऊंगा ये सब?
तुमसे मिलकर सब ठीक कर दूंगा।।
मैं आऊंगा!