आज के वैज्ञानिक युग में लोगों को जितनी सहूलियतें मिली हैं, लोग उतने ही आलसी बन गए हैं। लोगों में डिप्रेशन के साथ-साथ ह्रदय रोग पनप रहा है। युवाओं में भी यह सब आम बात है।
आज का युवा चिंतित और परेशान रहता है। उसमें आत्मविश्वास तो है मगर कहीं ना कहीं दिल में सुकून और खुशियां नहीं हैं। आज कुछ बातों को निचोड़कर साक्ष्य और उदहारण के ज़रिये सुखी-संपन्न जीवन व्यतीत करने के तरीके बताने जा रहा हूं।
खुशियां कहीं और नहीं, बल्कि हमारे ही अंदर रहती हैं। ज़रूरत है तो बस उसे खोजने की। यदि हम अपने अंदर झांककर देखें तो खुशियां अवश्य मिल जाएंगी। बस ज़रूरत है तो कुछ चीज़ों पर ध्यान देने की।
वक्त के साथ चलिए
समय सबसे मूल्यवान है। जो समय की कद्र नहीं करता है, समय भी उसकी कद्र नहीं करता। अपने सभी कार्यो का एक समय निश्चित करें। हर कार्य निश्चित समय पर करना चाहिए।
समय पर सोना और उठना चाहिए। ऐसा करने से आपकी जीवनशैली स्वस्थ रहेगी और आपके पास समय भी बचेगा जिसे आप अपनी इच्छानुसार व्यतीत कर पाइएगा। बचे हुए समय में अपनी पसंद के कार्य करने से आपको खुशी मिलेगी।
सकारात्मक सोच रखिए
हर समय खुश रहने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है नकारात्मक सोच को दूर करके सकारात्मक विचारों को अपने पास रखें।
सकारात्मक विचारों से हमें एनर्जी मिलती है। इससे हम अपनी समस्याओं से निपट सकते हैं और जब समस्याएं नहीं होंगी तो खुशियां आएंगी।
उजले रंग तलाशिए
जीवन में खुश रहने के लिए ज़रूरी है कि हम अपने जीवन से नीरस रंगों को दूर करके उनमें उजले रंग भरें। सुबह जल्दी उठकर सूरज की किरणों का आनंद लेना चाहिए। ताज़ी हवा के झोकों व सूरज की किरणों से मन की उदासी दूर होती है।
सूर्य की किरणें जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाती है। सुबह-सुबह ताज़ी हवा में अपनी अच्छी यादों को दोहराएं। इससे आपके मन में उत्साह और खुशी आएगी। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि उजले रंग हमारे जीवन में खुशियां लाते हैं। इसलिए हमें उजले रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
संपर्क बढ़ाइए
समान विचार वाले लोगों से दोस्ती करने और उनसे वार्तालाप करने से आप काफी अच्छा महसूस करेंगे। इससे आपके मन में नए उत्साह और उमंग का संचार होगा।
याद रखिए दोस्ती किसी भी उम्र वाले व्यक्ति के साथ की जा सकती है। अधिक उम्र वाले लोगों के पास अनुभव भी अधिक होता है। आपको उनसे बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। अत: सकारात्मक सोच वाले लोगों से दोस्ती करें और मिलनसार बनकर अपने जीवन में खुशियां लाएं।
अधिक अपेक्षाएं ना रखिए
हम दूसरों से अधिकाधिक अपेक्षाएं रखते हैं और चाहते हैं कि वे हमारी अपेक्षाऔं पर खरा उतरें। आप अपने बच्चों, माता-पिता और पत्नी से भी काफी अपेक्षाएं रखते हैं और पूरी ना होने पर दुखी हो जाते हैं।
यदि आप दूसरों से अपेक्षा ना रखने की आदत अपनाएंगे तो खुशियां पाएंगे। अपेक्षाएं खुशियों की दुश्मन होती हैं।
हर पल को जी लीजिए बस!
आप हर पल में खुशियों को ढूंढने की कोशिश करते हिए उसको बस जी लीजिए। ज़िदगी के हर पल को सेलिब्रेट करें। हम जि़िदगी की बडी खुशियों के चक्कर मे छोटी-छोटी खुशियों को खो देते हैं।
इन छोटी-छोटी खुशियों में ही जीवन का आनंद छुपा है। खुशियां हमारे अंदर ही होती हैं ज़रूरत है तो बस उन्हें ढूंढने की।
मनपसंद संगीत सुनिए
जब भी आप उदास हों तो थोडी देर शांत रहकर आंखें बंद करें और अपना मनपसंद संगीत सुनें। आपका मन थोडी देर बाद खुशी से भर जाएगा।
संगीत हमारे मन को ताजगी से भर देता है। संगीत को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाइए। खाली समय में खुद भी गुनगुनाइए और खुशी का आनंद लीजिए।
मस्त रहना सीखिए
खुश व मस्त रहना सीखिए ताकि छोटी-छोटी समस्याओं से आपको घबराहट ना हो। समस्याओं से घबराने की जगह उनका समाधान खोजने का प्रयास करें।
खाली समय को व्यर्थ बरबाद ना करें। खाली समय में रचनात्मक कार्य करें। अपने जीवन में खुशियों के छोटे-छोटे पल खोजकर उन्हें सहेजकर रखें।