त्रिपुरा में पाया जाने वाला अकरकरा का पौधा कोकबोरोक भाषा (त्रिपुरा के आदिवासियों द्वारा बोले जाने वाली भाषा Oswndwi कहलाता है। Oswndwi के पौधे के फूल-पत्तों को मिलाकर बनने वाली सब्ज़ी त्रिपुरा के आदिवासियों के दिन-प्रतिदिन के आहार का हिस्सा है। चलिए आपको बताते हैं Oswndwi कैसे बनाया जाता है।
आजकल तो त्रिपुरा के बाज़ारों में Oswndwi आसानी से मिल जाता है। परन्तु पहले आदिवासी जन खुद जाकर खेत से Oswndwi चुनकर लाते थे। किसी Oswndwi बेचने वाले से कभी पूछेंगे तो वह आपको बताएगा कि Oswndwi के फूल-पत्ते चुनकर लाना कितनी मेहनत का काम होता है।
Oswndwi को खाना बनाने में प्रयोग करने से पहले हाथ से छांट कर साफ़ किया जाता है। इसको कोकबोरोक (kokborok) भाषा में Oswndwi saimani कहते हैं। छंटाई के बाद सब पत्ते अलग एक कढ़ाई में रख दिए जाते हैं। इसे असंध या Saipaijak Oswndwi भी कहते हैं। अब Oswndwi के पत्ते के अलावा बाकी किस किस सामान की आवश्यकता होती है?
Oswndwi पकाने के लिए नमक, हल्दी, लाल मिर्च की चटनी, और छोटी मछलियों का प्रयोग होता है।अब जमा की गई लकड़ी में आग लगाकर खाना बनाने के लिए अंगेठी जलाई जाती है। फिर मिट्टी का चला (आदिवासियों द्वारा बनाया गया मिट्टी का बर्तन) लेकर उसमें पानी डालकर 15 मिनट तक उबाला जाता है। उबले हुए पानी में Berma, mosokwthwi, som swtwi डालकर दस मिनट तक पकाया जाता है। अब असंध डालकर पांच मिनट और Oswndwi को पकाया जाता है। घर पर Oswndwi बनाने के लिए आप लोहे या एल्युमीनियम की कढ़ाई का प्रयोग भी कर सकते हैं।
तो अब Oswndwi बनकर तैयार है। इसका स्वाद हल्का तीखा और पुदीने के पत्ते का कसैलापन लिए होता है।
त्रिपुरा के आदिवासी संस्कृति में यह Oswndwi खाना बहुत ही अच्छा माना जाता है। कहते हैं कि Oswndwi के औषधीय तत्व शरीर के लिए भी फ़ायदेमंद होते हैं। इससे दाँतों के दर्द में भी आराम मिलता है। त्रिपुरा राज्य के इस आदिवासी भोजन की पौष्टिकता और रोग हरने के गुणों के कारण ये वहां के मुख्य आहारों में से एक है।
About the author: Khumtia Debbarma is a resident of the Sepahijala district of Tripura. She has completed her graduation and wants to become a social worker. She spends her free time singing, dancing, travelling and learning how to edit videos.