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कोरोना वायरस से जुड़े मिथक जो आपको जानने चाहिए

प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार- सोशल मीडिया

प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार- सोशल मीडिया

कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी को COVID-19 नाम दिया गया है, जिसकी पहली पुष्टि चीन के वुहान शहर में हुई थी। वुहान में अवैध मांस की दुकानों से यह वायरस हाल में काफी तेज़ी से फैला है। इसके फैलाव की जांच WHO तथा चीन के संस्थान कर रहे हैं।

वायरस प्रोटीन और DNA से बना हुआ होता है तथा DNA में जीन की श्रृंखलाएं होती हैं। जब भी हम कोई एंटी वायरस या वैक्सीन बनाते हैं, तब हमें जीन कोड यानी जीन की श्रृंखला का ध्यान रखना होता है।

अभी इसकी श्रृंखला वैज्ञानिकों के लिए नई है। इसलिए इसकी वैक्सीन नहीं बन पाई है।

कोरोना वायरस से जुड़ी अफवाहें

फोटो साभार- सोशल मीडिया।

भ्रम 1- आर्सेनिक एल्बम एक होम्योपैथिक दवा इसका इलाज है।

तथ्य- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अभी तक कोई खास औषधि कोरोना वायरस के इलाज या बचाव के लिए नहीं बनी है।

भ्रम 2: कोरोना वायरस एक सीजनल फ्लू है।

तथ्य- नहीं, यह सीजनल फ्लू से खतरनाक है। एक सीजनल फ्लू से संक्रमित व्यक्ति, औसतन 1.3 लोगों को संक्रमित करता है। जबकि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति, औसतन 2.2 लोगों को संक्रमित करता है।

भ्रम 3 – कोरोना वायरस अधिक आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है।

तथ्य- यह किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है ।

भ्रम 4- न्यूमोनिया की वैक्सीन इसका इलाज है। 

तथ्य – नहीं, यह विषाणु नया है तथा इससे बचाव में पुरानी वैक्सीन फायदेमंद नहीं हैं।

भ्रम 5 – एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बचाव व इलाज के लिए किया जा सकता है।

तथ्य- नहीं, एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल फायदेमंद नहीं है। वे बैक्टीरिया जनित संक्रमण के इलाज में मदद कर सकते हैं।

कोरोना वायरस से जुड़े मिथकों के लिए तथ्य

फोटो साभार- सोशल मीडिया

ऊपर लिखी गई सलाह और तथ्य विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी किए गए हैं। 

कैसे करें बचाव?

फोटो साभार- सोशल मीडिया

कोरोना वायरस का असर अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव डाल रहा है। हालिया आंकड़ों के मुताबिक अब तक विश्व में 1,34,812 मामले दर्ज़ हुए हैं।

अगर आपको लगता है कि आप इस बीमारी से ग्रस्त हैं, तो आतंकित ना हों। जांच कराएं तथा लोगों से दूरी बनाए रखें। मास्क का इस्तेमाल करें। खांसते व छींकते समय मुंह को ज़रूर ढकें।


संदर्भ- WHO

नोट: विष्णु Youth Ki Awaaz इंटर्नशिप प्रोग्राम जनवरी-मार्च 2020 का हिस्सा हैं।

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