हर व्यक्ति जीवन में कुछ करने का सपना देखता है मगर हमारा समाज उसके सपनों को सीमित कर देता है इंजीनियर, डॉक्टर, सरकारी नौकरी, जैसे विकल्पों में बांधकर। जो सपने कई रुप, कई दिशाओं में आगे बढ़ सकते थे, वे जुट जाते हैं एक होड़ में, बिना जाने कि क्या ये उनके लिए सही राह है और नतीज़तन शिकार हो जाते हैं बेरोज़गारी के।
भारत की बेरोज़गारी दर में लगातार हो रही है बढ़ोतरी
सेंटर फॉर माॅनिट्रिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2020 में भारत की बेरोज़गारी दर बढ़कर 7.78% हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी दर फरवरी में बढ़कर 7.37% हो गई जो पिछले महीने में 5.97% थी।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट भी आई थी जिसमें यह कहा गया था कि 5 लाख एमबीए डिग्रीधारी और इंजीनियर्स से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक पास युवा माली और वॉचमैन जैसी नौकरी के लिए अप्लाय कर रहे हैं।
इस तरह की खबरें अब आम बात हैं जहां स्नातक या उससे भी ऊंची डिग्री वाले उन जॉब्स को पाने के लिए प्रयास कर रहें है जिनकी योग्यता दसवीं या बारहवीं पास है।
इस बढ़ती बेरोज़गारी के लिए हम किसे दोषी ठहराएंगे? क्या हमारे देश में पर्याप्त रोज़गार के अवसर मौजूद नहीं हैं या हमारे देशवासियों में कुशलता का अभाव है? या फिर ऐसा तो नहीं कि लोग अपने करियर को लेकर जागरुक नहीं है?
इस बढ़ती हुई बेरोज़गारी का एक कारण यह भी है कि हमारा देश करियर प्लानिंग के विषय में जागरूक नहीं है। ग्रामीण हो या शहरी इलाके सभी जगह शिक्षा तो मिलती है मगर करियर की प्लानिंग कैसे करें, यह नहीं सिखाया जाता है।
करियर के विकल्प क्या वाकई में सिमट रहे हैं?
ज़्यादातर स्टूडेंट्स चार-पांच विकल्पों में ही अपनी दुनिया समेट लेते हैं और कभी-कभी दूसरे क्षेत्रों में रूचि होते हुए भी उन्हें उन क्षेत्रों में करियर बनाने की आज़ादी नहीं मिलती है।
राह- “एक करियर पॉडकास्ट” शुरू करने के पीछे हमारा मकसद हमारी नौजवान पीढ़ी को इन उभरते रोज़गारों के अवसरों से अवगत करवाना है। वैसे भी 120 करोड़ से ज़्यादा आबादी वाले देश में, जंहा इतनी विविधताएं हैं वहां हम एक ही तरह के विकल्पों से सभी को रोज़गार नहीं उपलब्ध करवा सकते हैं।
हमें अन्य विकल्पों की तलाश करने की आवश्यकता है। इस पॉडकास्ट के माध्यम से हम उन करियर विकल्पों पर जागरूकता बढ़ाने की उम्मीद करते हैं जो समाज में लोकप्रिय करियर से विभिन्न हैं।
इसी के साथ हम इन करियर विकल्पों में मिलने वाले वेतन, करियर की संभावनाओं के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवालों के जवाबों से भी अवगत करवाने की कोशिश करते हैं और इन उद्योगों के विशेषज्ञों के अलावा हम इनमे काम कर रहे पेशेवरों के जीवंत अनुभवों पर भी प्रकाश डालते हैं।
क्या है पॉडकास्ट और क्यों हुई इसकी शुरुआत?
ऐसे ही कुछ रोज़गार के विषय में जानने के लिए हमने अपने पॉडकास्ट की शुरुआत आयुष बंसल से बात करके की है जो कि आईड्रीम करियर के संस्थापक हैं।
आईड्रीम करियर, एक ऐसी संस्था है जो भारत में करियर चुनने के लिए युवाओं को परामर्श देती है। वर्तमान में यह संस्था भारत के 12 राज्यों के सरकारी और निजी विद्यालयों के करीब 25 लाख से ज़्यादा स्टूडेंट्स को करियर परामर्श उपलब्ध करवा चुकी हे।
आयुष के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी विद्यालयों में आज भी मास्टर बनना सबसे पसंदीदा करियर विकल्प हैं। उसका एक कारण यह भी है कि बच्चे सबसे ज़्यादा उन्ही के संपर्क में रहते हैं बाकि पेशेवरों की तुलना में। इसके अलावा प्रशासनिक सेवाएं भी लोकप्रिय हैं।
आयुष के अनुभव के अनुसार इसका एक कारण यह भी है कि ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों के करियर को लेकर इतनी रूचि नहीं लेते जितना शहरी क्षेत्रों के लेते हैं। जिससे आगे चलकर इन बच्चों के पास वही चार से पांच करियर के विकल्प बचते हैं जिनमे प्रतिस्पर्धा बहुत ज़्यादा होती हे।
आयुष बंसल जी से हमने और भी बहुत सारी बातें जानने की कोशिश की है जिसे सुनने की लिए आप Suno India के हिंदी पॉडकास्ट राह- “एक करियर पॉडकास्ट” का पहला एपिसोड सुन सकते हैं।