प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 मार्च को रात 8 बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में नागरिकों से भयभीत ना होने की बात कही। उन्होंने कहा कि घबराने और डरने की ज़रूरत नहीं है। यह साहस और धैर्य का समय है। जो लोग भी दुकानों से सामान संग्रह कर रहे हैं, वे ऐसा ना करें।
उन्होंने कहा कि मैं देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि ज़रूरी सामानों की आपूर्ति में कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए 22 मार्च को पूरे देश में जनता कफ्यू लगाया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “पूरा विश्व संकट के दौर से गुज़र रहा है। इस बार यह संकट ऐसा है जिसने पूरे विश्व की मानव जाति को संकट में डाल दिया है। प्रथम विश्वयुद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे। हम पिछले दो महीने से चिंताजनक खबरें देख-सुन रहे थे।”
उन्होंने कहा, “इस दौरान भारत के 130 करोड़ लोगों ने इस महामारी से अच्छे से लड़ा है। उन्होंने देशवासियों को आगाह किया कि वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत होने की सोच सही नहीं है। सभी नागरिकों का सतर्क और सहज रहना आवश्यक है।
पीएम ने जनता से क्या मांगा
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से संबोधन में कहा कि आप से जब भी जो भी मांगा है आपने कभी निराश नहीं किया है। हम सभी अपने निर्धारित लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहें हैं। मैं आज आपसे कुछ मांगने आया हूं। आप सभी का कुछ सप्ताह और समय मुझे चाहिए।
उन्होंने कहा कि विज्ञान अभी भी ना तो कोई कारगर दवा खोज पाया है और ना कोई वैक्सीन बना पाया है, ऐसे में चिंता स्वाभाविक है। जिन देशों में यह महामारी देखी जा रही है, वहां शुरुआती दिनों के बाद अचानक संक्रमित लोगों की संख्या बहुत बढ़ी है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत सरकार की नज़र इस पर है। इसमें कुछ देश ऐसे हैं जिन्होने आवश्यक निर्णय लिए हैं और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को आइसोलेट करके स्थिति को संभाला है मगर इसमें नागरिकों की भूमिका अहम है।
आगे उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश के लिए यह संकट बड़ा है और भारत पर इसका असर नहीं पड़ेगा यह मानना गलत है। कोरोना से लड़ने के लिए संकल्प और संयम बहुत जरूरी है। आज हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे। इस महामारी में एक ही मंत्र काम करता है, “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ।”
लोगों की सेवा करने वालों की पीएम ने तारीफ की
उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचे रहने और खुद स्वस्थ रहने के लिए दो चीज़ों का होना अनिवार्य है संयम और भीड़ से बचना यानी कि घर से बाहर निकलने से बचना। सोशल डिस्टेसिंग बहुत आवश्यक और कारगर है। संकल्प और संयम बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। एक नागरिक के नाते हम अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। सरकारों के निर्देश का ध्यान रखेंगे। हम ना सिर्फ अपना ध्यान रखेंगे, बल्कि और लोगों का भी ध्यान रखेंगे।
प्रधानमंत्री ने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि अगर आपको लगता है आप ऐसे ही बाज़ार में घूमते रहेंगे और आपको कुछ नहीं होगा तो यह सोच सही नहीं है। ऐसा करके आप अपने और दूसरों के साथ भी गलत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मेरा देशवासियों से आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक जब बहुत ज़रूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें, हो सके तो सारा काम घर से करें। जो लोग सरकारी सेवाओं में हैं, अस्पतालों में कर्मचारी हैं, जन-प्रतिनिधि हैं, मीडियाकर्मी हैं, इनकी सक्रियता आवश्यक है।”
जनता कफ्यू की घोषणा
उन्होंने वृद्ध लोगों को घर से बिल्कुल बाहर ना निकले की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं वो यह कि 22 मार्च को पूरे देश में जनता कफ्यू लगे। जनता कफ्यू यानी जनता के लिए जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कफ्यू।
इस रविवार यानी कल 22 मार्च रविवार को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक कोई भी नागरिक ना घरों से बाहर निकलें और ना ही मोहल्ले में इकठ्ठे हों और ना ही भीड़भाड़ जुटाएं। 22 मार्च का दिन हमारे आत्मसंयम और देश के प्रति कर्तव्यपालन का मज़बूत प्रतीक होगा।
उन्होंने कहा कि मैं देश की सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करूंगा कि वे जनता कफ्यू का पालन कराने की कोशिश करें। देश के अंदर सभी संगठन चाहे वे धार्मिक हों, सामाजिक हों, NCC हो या कोई NGO हो, वे लोग इस संदेश को फैलाएं और लोगों को जागरूक करें। यह जनता कफ्यू एक कसौटी की तरह होगा कि भारत कितना तैयार है कोरोना वायरस से लड़ने के लिए।
दरवाज़े पर थाली, घंटी और ताली बजाने की अपील
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पिछले दो महीनों से डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारी, एयर लाइन्स में काम करने वाले लोग, बस ड्राइवर्स, रिक्शा चालक से लेकर पुलिसकर्मी आदि काम में जुटे हैं। सब अपनी परवाह किए बिना सेवा में लगे हुए हैं। इनके भी संक्रमित होने का खतरा है मगर ये राष्ट्र रक्षक की तरह लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि 22 मार्च को हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद दें। रविवार को जनता कफ्यू के बीच शाम को ठीक पांच बजे हम अपने घर के दरवाज़े पर या बालकनी में खड़े होकर पांच मिनट तक ताली बजाकर, घंटी बजाकर, थाली बजाकर उनके प्रति आभार व्यक्त करें। उनका हौसला बढ़ाएं और उनको सैल्यूट करें।
मेरी पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से अपील है कि सायरन के माध्यम से 22 मार्च के संकल्प की सूचना लोगों तक पहुंचायें। उन्होंने कहा कि संकट के समय में हमें यह भी ध्यान रखना है कि हमारे हॉस्पिटलों में दबाव हम ना बढ़ाएं ताकि हमारे डॉक्टर और स्टॉफ को असुविधा ना हो और रूटीन चेकअप के लिए जितना बच सकें उतना बचें।
संस्थाओं से वेतन नहीं काटने की बात
कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था पर हुए नुकसान पर पीएम ने कहा कि इस वैश्विक महामारी का अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई आर्थिक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में COVID-19 इकोनोमिक रिस्पॉन्स टास्क फोर्स के गठन का फैसला किया है।
ये फोर्स कोरोना से जुड़े हर तरह के फी़डबैक, आंकलन और फैसले लेगी। यह फोर्स ये भी सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं उन पर प्रभावी रूप से अमल हों।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महामारी ने देश के मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग और गरीब के आर्थिक हितों को भी गहरा नुकसान पहुंचाया है।उन्होंने कहा कि देश के व्यापारी जगत और उच्च आय जगत के लोगों से आग्रह है कि जितना संभव है गरीबों के आर्थिक हितों का ध्यान रखें।
जो लोग काम पर ना जा पाएं, घरों में ना जा पाएं उनका वेतन ना काटें। पूरी मानवीयता और संवेदनशीलता से फैसला लें। प्रधानमंत्री ने देश को आश्वस्त करते हुए कहा कि देश में दूध, दवाइयों और तमाम खाने-पीने की चीज़ें कम ना हों इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। ये सप्लाई कभी रोका नहीं जाएगा। इसलिए सामान संग्रह करने की होड़ ना लगाएं, भयभीत ना हों।
भारत में अब तक कोरोना वायरस का असर
कोरोना वायरस का सबसे बड़ा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। रेटिंग एजेंसी मूडीज़ इंवेस्टर्स सर्विस ने भारत की रेटिंग को 5.4 से घटाकर 5.3 कर दिया है।
खबर लिखे जाने तक भारत में अब तक कोरोना वायरस से चार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अब तक इसके 165 मामले सामने आए हैं।कोरोना वायरस का दूसरा बड़ा असर भारतीय बाज़ार में विदेशी निवेशकों द्वारा पैसे निकालने से पड़ा है।
कोरोना वायरस के फैलने के डर को देखते हुए विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPII) ने भारतीय बाज़ार से केवल मार्च महीने में अब तक 37,976 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं।
कोरोना वायरस और ना फैले इसके लिए कई राज्यों में एक साथ 50 लोगों के जुटने पर बैन लग गया है। कई जगहों पर स्कूल, कॉलेज, जिम, स्पा, शापिंग मॉल से लेकर सभाओं पर रोक लगा दी गई है।
इसके अलावा कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा है। हालांकि, इसका अर्थव्यवस्था पर कितना नुकसान होगा यह आने वाले समय में पता चलेगा।