हम आए दिन विज्ञापनों में और दुकानों में पैड्स देखते हैं। फिल्म पैडमैन के आने के बाद से तो कई जगह अब पीरियड्स शब्द भी सुनने को मिलता है लेकिन आज के समय में भी कई लोग हैं जो नहीं जानते कि माहवारी या पीरियड्स क्या होते हैं।
इस मामले में सिर्फ पुरूष ही नहीं महिलाएं भी शामिल हैं। अक्सर देखा गया है कि लड़कियां खुद के पीरियड्स के आने से पहले इस विषय के बारे में कुछ नहीं जानती हैं।
कई लड़कियों को पीरियड्स के आने के बाद भी पता नहीं होता कि उन्हें क्या हो रहा है। ग्रामीण इलाकों तथा शहरों तक में लड़कियां और लड़के इसे एक बीमारी की तरह देखते हैं जो कि बहुत गलत है।
इसलिए हमने सोचा कि आज हम आपको बताएं कि माहवारी यानी कि पीरियड्स क्या होते हैं।
माहवारी यानी कि पीरियड्स क्या होते हैं?
लड़कियों को पीरियड्स शुरू होने का मतलब है उनके अंडाशयों यानी कि ओवरीज़ का विकसित हो जाना। इसका मतलब है कि उनके अंडाशय अब अंडे बनाने के काबिल हो गए हैं जो कि गर्भधारण यानी कि प्रेग्नेंसी के लिए ज़रूरी हैं। इसलिए ये सिर्फ लड़कियों को होते हैं।
एक लड़की के अंडाशय में लाखों अपरिपक्व अण्डाणु मौजूद होते हैं। जब लड़की जवान यानी कि प्यूबिक हो जाती है तो उनके अंडाशय से महीने में एक बार एक अंडा पूरी तरह से परिपक्व होकर गर्भाशय यानी कि यूटरस में आता है।
ऐसा हार्मोनल स्टिमुलेशन यानी कि हार्मोन्स के प्रभाव से होता है। परिपक्व अंडे का अंडाशय से निकलकर यूटरस यानी कि गर्भाशय में आने का मतलब है कि लड़की या महिला गर्भ धारण करने के लिए तैयार है।
उस समय, गर्भावस्था की तैयारी में गर्भाशय का भीतरी हिस्सा मोटा होना शुरू हो जाता है। अगर गर्भाशय में रुका हुआ अंडा फर्टिलाइज़ यानी कि किसी स्पर्म से निषेचित नहीं होता तो उसका गर्भाशय में रहने का कोई उद्देश्य नहीं रहता और वह गर्भाशय की दीवार को खींचते हुए खून के रूप में योनि से बाहर निकलता है।
इसी को माहवारी कहते हैं।
माहवारी नहीं माहवारी का ना होना समस्या है
हमारे समाज में लोग माहवारी को समस्या मानते हैं जबकि अगर माहवारी ना हो तो यह समस्या की बात हो जाती है। माहवारी का होना दिखाता है कि एक महिला स्वस्थ है।
महिला जब तक गर्भवती न हो जाए यह प्रक्रिया हर महीने होती है। मतलब 28 से 35 दिनों के बीच नियमित तौर पर मासिक धर्म या माहवारी होती है। मासिक धर्म या माहवारी आने से पहले महिला के शरीर में कुछ लक्षण दिखाई पड़ते हैं। जैसे,
- माहवारी से पहले पेट में दर्द और ऐंठन की समस्या।
- मासिक धर्म शुरू होने के साथ डायरिया या उल्टी की समस्या भी हो सकती है।
- मासिक धर्म शुरू होने के साथ पेट में समस्या के अलावा खाने की इच्छा भी बढ़ जाती है।
कब करें डॉक्टर से संपर्क?
एक महिला को चाहिए कि वह अपना ख्याल रखे और इसमें परिवार की ज़िम्मेदारी अहम है। इसलिए यदि आपको निम्नलिखित में से कोई लक्षण दिखाई दे, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें:
- आपकी आयु 16 वर्ष हो चुकी हो और आपको माहवारी आनी शुरू नहीं हुई है
- आपकी माहवारी अचानक से अनियमित हो गई है
- दो माहवारियों के बीच में योनि से रक्तस्राव होना
- संभोग के बाद योनि से ख़ून निकलना
- आपको माहवारी आना बंद हुए एक साल होने के बाद योनि से ख़ून निकलना
- 40 वर्ष की आयु में अथवा इसके बाद माहवारी के दौरान दर्द होना शुरू होना
- मासिक चक्र 21 दिन से कम अवधि का होना
- बहुत अधिक माहवारी आना (प्रश्न 4 देखें)
- माहवारी के दौरान तेज़ दर्द होना / पेट दर्द होना
- आपकी आयु 45 वर्ष से कम है और आपको एक वर्ष से माहवारी नहीं हुई है