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ढाई घंटे के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा

निर्मला सीतामरण

निर्मला सीतामरण

आने वाले कुछ सालों में हमारी क्षमता पांच खरब की अर्थव्यवस्था बनने की है।

यह बात देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल अपने बजट भाषण के दौरान कही थी। क्या वाकई में हम पांच खरब की अर्थव्यवस्था वाला देश बनने के लिए तैयार हैं? मोदी सरकार के बड़े-बड़े दावों के बीच वित्त मंत्री के भाषण का यह बयान कितना प्रासंगिक है, इसे जानने के लिए हमें यूनेस्को की रिपोर्ट पर ध्यान देना होगा।

क्या कहती है यूनेस्को की रिपोर्ट

यूनेस्को की 2017-18 रिपोर्ट के अनुसार, विश्व की 35 फीसदी अशिक्षित आबादी भारत में रहती है। वित्त वर्ष 2018 में भारत की बेरोज़गारी दर 6.1 फीसदी रही, जो कि पिछले 45 साल में सबसे अधिक थी।

बहरहाल, जिस अर्थव्यवस्था की रीढ़ लंबे वक्त से टूटी हुई है, उसे दुरुस्त करने के लिए अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी योजनाओं को ढंग से क्रियान्वयन करना ज़रूरी है, सत्ताधारी दल को यह बात समझकर इसे गंभीरता से लेने की ज़रूरत है।

लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था कैसे होगी दुरुस्त

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, फोटो साभार- सोशल मीडया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 11 बजे बजट पेश करने वाली हैं, जिसे लेकर पिछले काफी दिनों से लोगों में उत्सुकता है। इस बजट के ज़रिये लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बड़े प्रयास किए जाएंगे या नहीं, इस बात की चर्चा भी ज़ोरों पर है।

अर्थव्यवस्था में लंबे समय तक गिरावट जारी रहने से क्या होता है, इस बात पर मंथन करने की ज़रूरत है। आर्थिक गिरावट के चलते बेरोज़गारी दर बढ़ जाती है, जिससे निवेश और निर्यात घटता है। गरीबी, भुखमरी, आपराधिक घटनाएं बढ़ जाती हैं और सरकार क्या करती है?

सरकार ज़रूरी सामाजिक खर्चों में कटौती करने लगती है।

पिछले साल के बजट की कुछ प्रमुख घोषणाएं

वित्त मंत्री ने कहा था,

गाँव, गरीब और किसान हमारी सरकार की नीतियों के केंद्र में है।

ज़मीनी सच्चाई कुछ और ही है

सरकार की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस की सालाना औसत खपत में कमी आई है।

बजट भाषण की हुई शुरुआत

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