पिछले दो-तीन सालों से मैं देख रही हूं कि दंगा फैलाने वाले लोग जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं। क्या इन लोगों को पता है कि श्री राम बनना कितना मुश्किल काम है? अगर इन लोगों ने कभी रामयाण को पढ़ा होता तो उन्हें पता चलता कि राम ने कभी दंगा, फसाद में विश्वास नहीं क्या।
राम के नारे लगाने से सच्चे हिंदू आप कभी नहीं बन सकते हैं। राम का भक्त बनने के लिए हनुमान जैसा त्यागी बनना होगा। अगर राम का चरित्र आपको प्रभावित करता है, तो आप उनकी तरह बनने की कोशिश कीजिए ना कि उनके नाम पर दंगे-फसाद करके लोगों के जान और माल को नुकसान पहुंचाए।
राम के नाम को बदनाम करने की साज़िश
राम के नाम को बदनाम करके आप अपनी राजनीति ना चमकाएं। राम एक आदर्श बेटे थे और एक आदर्श राजा। राम ने अपने भाई के लिए राजगद्दगी तक छोड़ दी थी। आज के समय में भाई-भाई अपनी ज़मीन-जायदाद के लिए एक-दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं।
अभी हाल में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसमें अपराधियों ने अपराध करने के बाद जय श्री राम के नारे लगाए। हाल ही में जामिया में एक नवयुवक ने गोली चलाने के बाद जय श्री राम का नारा ऐसा लगाया जैसे कि राम का नारा लगाने के बाद उसके सारे दोष माफ हो गए।
पश्चिम बंगाल के हाफ़िज़ मोहम्मद शाहरुख हल्दर को ज़बरदस्ती ‘जय श्री राम’ का नाम लेने के लिए कहा गया। जब उसने नाम नहीं लिया तो उसे चलती ट्रेन से फेंक दिया गया। ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जो हम सभी को बेहद भयभीत करती हैं।
पिछले तीन सालों से अधिक प्रचनल में आया है ‘जय श्री राम’ का नारा
मैं भी एक हिंदू परिवार से हूं, मैंने पूरी रामायण पढ़ी हुई है लेकिन मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि अपने आपको हिंदू साबित करने के लिए जय श्री राम के नारे लगाऊं। मेरा वास्ता ऐसे तो बिहार से है लेकिन बचपन से मैं दिल्ली में रह रही हूं।
यहां मैंने लोगों को राम-राम अभिवादन के लिए प्रयोग करते हुए देखा था। जय श्री राम का नारा युद्धघोष या ललकार के लिए अभी दो तीन साल से ही प्रचलन में आया है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में अभी हाल में जो हिंसा हुई है, उसमें भी कई युवकों को जय श्री राम का नारा लगाते हुए देखा गया है। इस नारे को लगाने वाले दिखाते हैं कि वही असली शक्तिशाली हिंदू हैं।
भगवान श्री राम ने एक जगह कहा है,
निर्मल मन जन सो मोहि पावा, मोहि कपट छल छिद्र न भावा।
इस दोहे का अर्थ है निर्मल मन वाला ही मुझे भाता है, मुझे छल-कपट वाले नहीं भाते हैं।
भगवान राम जय श्री राम के नारे लगाने से कभी खुश नहीं होंगे। वो भारतवर्ष में उन्नति और भाईचारे को देखकर खुश होंगे। भगवान राम के आदर्श को आत्मसत करें ना कि राम का नाम लेकर मासूमों की जान लें। जय श्री राम के नारे को बदनाम करके राम के आदर्शों को ठेस ना पहुंचाएं।