इश्क का मौसम अपनी गुनगुनी आहट में चर्मोत्कर्ष पर है । इस गुनगुने मौसम में कभी कभार कुछ ऐसे किस्से घट जाते हैं जो मौसम को और अधिक गुनगुना बना देते हैं।
बात आज की है एक महिला ने मुझे संदेश भेजेते हुए लिखा,
क्या आप महिलाओं पर मेरे मन का कुछ लिख सकते हैं ? क्या आप लिख सकते हैं कि एक महिला का खूबसूरत होना किस हद तक उसके लिए अभिशाप होता है? क्या आप लिख सकते हैं कि उस महिला को उसकी खूबसूरती के लिए कितना कुछ सुनना पड़ता है? क्या आप लिख सकते हैं कि उस महिला का ना पा लेने की चाह में लोग उसको चरित्रहीन तक कह देते हैं? क्या आप लिख सकते हैं कि खूबसूरत होना एक ज़हर है जो हर खूबसूरत महिला को पीना पड़ता है? मेरे जैसी सैकड़ो महिलाएं इसे झेल रही हैं, कुछ झेल रहीं होंगी और कुछ झेलने वाली होंगी। क्या आप जानते हैं, उनमें से कुछ अपने जीवन को समाप्त कर लेती हैं, तो कुछ समाज के द्वारा चरित्रहीनता का तमगा पा लेती है। फिर शुरू होता है मानसिक शोषण का घिनौना दौर जो हम घुट- घुट कर पीते हैं। यदि लिख सकें आप तो इस पर कुछ लिखियेगा, क्योंकि आप अच्छा लिखते हैं। जो बहुत से लोग पढ़ते हैं। शायद कुछ लोग पढ़कर सीख सकें कि खूबसूरत होना उस महिला की गलती नहीं बल्कि ईश्वर का एक वह अपराध है जो हमको ज़हर बनकर पीना ही है। आपके विचार का इंतजार करूंगी।
ये शब्द मेरे नहीं हैं। यह शब्द उस महिला के हैं, जो उसने मुझे भेजे थे और इस अनुरोध के साथ कि मैं इसपर कुछ लिखूं
। उनके इस संदेश को पढ़ने के बाद मैं स्वयं में शून्य महसूस कर रहा था।
उन्होंने जो लिखा था वह इतना स्पष्ट था कि मेरा उस पर अब कुछ भी लिखा जाना आवश्यक प्रतीत नहीं होता था। उन्होंने हर शब्द में पुरुष की उस जानवरीय प्रवृत्ति को सीमित शब्दो मे वर्णित कर दिया था, जो कि मेरे द्वारा किया जाना संभव नहीं था। फिर भी आपने अनुरोध किया है तो मैं चंद शब्द अवश्य लिखूंगा जो आपकी पीड़ा को कम तो नहीं कर सकेंगे पर मज़बूती अवश्य देगें उस दर्द को सहने की।
मेरा उत्तर
आप बहादुर हैं, यह आप स्वीकार कर सकती हैं। हम पुरुष सिर्फ कहने को आपसे ऊपर कहे जा सकते हैं परंतु हम आपके स्तर से कहीं नीचे हैं। आप खूबसूरत हैं, यह आपकी गलती नहीं। आपको परेशान करना हमारे अंदर का वह जानवर है, जो हमको आदमखोर बनाता जा रहा है। ज़रूरत है कि आप उन जानवरों से विचलित ना हो। आप जितना विचलित होंगी इनकी इच्छाएं उतनी प्रबल होती जाएगी।
आप स्वयं में मज़बूत बनिये, इनसे जूझिये क्योंकि आप बहादुर हैं। ईश्वर ने आपको इसलिए खूबसूरत बनाया है क्योंकि आप उसके सर्वाधिक प्रिय हैं। ईश्वरीय देवदूतों को इन राक्षसों से लड़ना तो होगा ना? अतः लड़िये जहां तक मेरा प्रश्न है, मैं हर मंच से आगे से इस विषय पर आपकी आवाज अर्थात Youth Ki Awaaz बनकर आपकी बात उठाता रहूंगा। इतना विश्वास मैं आपको दिलाता हूं। खुश रहिये, मस्त रहिये।
समाज के लिए संदेश
वैलेंटाइन सप्ताह ज़ोरों से मनाया जा रहा है। ज़रूरी है इस प्रेम रूपी सप्ताह में हम एक सौगन्ध स्त्रियों के सम्मान के सम्बंध में भी लें। हम यह प्रण लें कि फिर से ना निर्भया जैसी वीभत्स घटना होगी और ना ही गार्गी कॉलेज़ में लड़कियों के सम्मुख हस्तमैथुन जैसे घिनौने कृत्य। यदि इस वैलेंटाइन कोई तोहफा देना ही है, तो स्त्रियों के सम्मान का उपहार उनको दीजिये। उनको वह सारे हक दीजिये जिसकी उनको आवश्यकता है। करके देखिए सुकून मिलेगा।