वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक फरवरी को सबसे बड़ा बजट भाषण सुनाया। बजट पेश करने से पहले प्रोटोकॉल के तहत वह राष्ट्रपति से मिलने गईं, जिसके बाद उनके भाषण की शुरुआत हुई।
वित मंत्री ने कश्मीरी भाषा में एक शेर भी पढ़ा,
हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसे, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन-तेरा वतन-हमारा वतन-दुनिया का सबसे प्यारा वतन।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान कई मुद्दों पर बात करते हुए देशवासियों को आकर्षित किया। शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, खेती-किसानी जैसे विषयों के साथ-साथ इस बार बजट के दौरान पर्यावरण पर भी बात की है।
पर्यावरण के संदर्भ में क्या कहा वित्त मंत्री ने
- पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज को ध्यान में रखते हुए सौर्य ऊर्जा का विस्तार।
- इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करते वक्त प्राकृतिक आपदाओं का ध्यान रखा जाएगा।
- रेलवे की खाली ज़मीनों पर सौर्य उर्ज केन्द्र।
- सॉलिड वेस्ट कलेक्शन की प्रॉसेसिंग कैसे हो, इस बात पर ध्यान होगा।
- किसानों की बंज़र भूमि पर सौर्य ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा।
- जलसंकट से जूझ रहे 100 ज़िलों के लिए विशेष योजना की शुरुआत।
- अगले 3-4 साल में पूरे रेलवे के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है, जिससे यह दुनिया की पहली कार्बन उत्सर्जन मुक्त रेलवे बनेगी।
- सरकार पुराने कोयला संयंत्र को खत्म करने का काम करेगी, जिससे प्रदूषण को खत्म करने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए रेलवे के विद्युतीकरण पर ज़ोर दे रही है। इसी योजना के तहत अलग-अलग व्यस्त रूट पर डीजल इंजन की संख्या घटाकर इलेक्ट्रिक इंजन बढ़ाए जा रहे हैं।
पर्यावरण पर तैयारी अधूरी थी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए 4400 रुपये रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन- इंटरनैशनल सोलर अलायंस बढ़ाने की कोशिश जारी रहेगी।
उन्होंने कहा, “पेरिस सम्मेलन में हमने जो प्रतिबद्धता जताई थी, उसे 1 अप्रैल से लागू करना शुरू करेंगे। हालांकि अभी भी ऐसे थर्मल पावर प्लांट हैं, जो पुराने हैं। हम उन्हें बंद करने के बारे में सोचेंगे। उस ज़मीन का इस्तेमाल किसी और काम के लिए होगा।”
स्वच्छ हवा के लिए वित्त मंत्री का 4400 करोड़ का बजट मेरे हिसाब से काफी नहीं है। जिस हिसाब से पूरा देश और संसार ग्लोबल वॉर्मिंग, स्वच्छ हवा, प्रदूषण आदि कई अन्य चीजों से जूझ रहा है, ऐसे में तो यही लगता है कि यह राशी नाकाफी है।
दुनिया में सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने वाले शहरों की सूचि में कुछ नाम भारततीय शहरों के भी हैं। जैसे- झारिया, नोएडा, गाज़ियाबाद, दिल्ली, फरीदाबाद , गुरुग्राम, कानपुर और पटना आदि।