मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 28 मई को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। 2014 में जर्मन के वॉश यूनाइटेड नाम के एक NGO ने इस दिन को मानाने की शुरुआत की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य है लड़कियों और महिलाओ को माहवारी के उन पांच दिन यानी अपने मासिक धर्म के दौरान स्वछता रखने के लिए जागरूक करना।
तारीख भी 28 ही इसलिए चुनी गई क्योंकि आमतौर पर महिलाओं के मासिक धर्म 28 दिनों के भीतर आते हैं। पीरियड्स चक्र 28 दिनों का होता है। पीरियड्स एक ऐसा चक्र है जिससे हर लड़की को होकर गुज़रना पड़ता है।
अनियमित माहवारी के कारण
माहवारी लड़कियों को 12 वर्ष की आयु के बाद कभी भी शुरू होने लगती है। परन्तु आजकल हमारे खानपान व हमारे शरीर में कमज़ोरी होने के कारण, लड़कियों को 10 वर्ष से भी माहवारी होने लगती है। कुछ लड़कियां ऐसी भी है जिनको 15 वर्ष की आयु के कई सालों बाद तक भी पीरियड्स नहीं होते हैं।
यह भविष्य में सबसे खतरनाक समस्या में से एक है। आजकल तो महिलाओं को एक से दो दिन भी माहवारी अच्छे से नहीं होती है। किसी-किसी को दो महीने या छः महीने में भी नहीं होती। इसी कारण आज हर महिला को गर्भ में भी परेशानी आती है। जिससे वह अपनी संतान को जन्म नहीं दे सकती।
अतः आज मैं आपसे यह कहना चाहती हूं कि इसकी शुरुआत में ही डॉक्टर से सलाह लें और अपना इलाज़ करें। आजकल की रोज़मर्रा की ज़िंदगी और जीवनशैली ऐसी हो चुकी है कि महिलाओं को पीरियड्स को लेकर कई सारी समस्याओं को झेलना पड़ता है। पीरियड्स की अनियमितताओं के कई सारे कारण हैं। जैसे,
- पीसीओडी की समस्या महिलाओं में आजकल आम हो चुकी है, जिसकी वजह से पीरियड्स में अनियमितता होती है।
- महिलाओं में स्ट्रेस की वजह से भी पीरियड्स का चक्र आगे-पीछे हो जाता है।
- यह आजकल के खाने के कारण भी हो सकता है। इसलिए महिलाओं को भी अपना ध्यान रखना आवश्यक है।
पूरे घर का ध्यान रखने वाली महिलाएं आज भी स्वयं से जुड़ी कई ज़रूरी बातों से अनजान हैं। अज्ञानता व खुले तौर पर माहवारी जैसे विषयों पर चर्चा ना कर पाना इसका मुख्य कारण है। कुछ महिलाओं को इस मुद्दे पर बात करने में भी बहुत हिचकिचाहट महसूस होती है। लज्जा के कारण वे इन्हें ना कही जाने वाली बातों की सूचि में शामिल करती हैं।
माहवारी को लेकर चुप्पी की वजह से मासिक धर्म से सम्बंधित कई गलतफहमियां पैदा हो चुकी हैं। मासिक धर्म में महिलाओं को कई चीज़ों से दूर रखा जाता है। इस वजह से वे खुद को अपवित्र मानती हैं और इस दौरान बरती जाने वाले ऐतिहातों पर ध्यान नहीं देती हैं। इस तरह उनका खुद का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है।
माहवारी के दौरान ध्यान रखने वाली बातें
आज भी कई महिलाएं माहवारी के दौरान कपडे़ का इस्तेमाल करती हैं लेकिन कपडे़ को बिना धोये और धूप में सुखाए, बार-बार उपयोग में लाती हैं। जिस वजह से इसमें जीवाणु पैदा हो जाते हैं। इस गंदे कपडे़ के पुनः उपयोग से उन्हें कई जानलेवा बिमारियां होने का खतरा रहता है। ऐसे में माहवारी के दौरान स्वच्छता के लिए इन सुझावों पर गौर करें।
- एक ही ब्रांड का सेनेटरी नैपकिन्स का इस्तेमाल करें। अक्सर हम ब्रांड को जांचने के लिए अलग-अलग ब्रांड के सेनिटरी नैपकिन्स का इस्तेमाल करती हैं। अगर किसी ब्रांड के नैपकिन आपको सूट ना करें, तो उसे इस्तेमाल करना छोड़ दें।
- समय-समय पर अपने पैड को बदलते रहें।
- नियमित रूप से अपनी योनि को पानी से धोएं।
- योनि परसाबुन का इस्तेमाल ना करें।
- इस्तेमाल किये गए नैपकिन को किसी लिफाफे में ही लपेटकर कूड़ेदान में डालें।
- गरम पानी से स्नान करें।
- रात को सोते समय गरम पानी से सिकाई करें और अधिक से अधिक आराम करना चाहिए।
- हलकी चीज़ों का सेवन करना चाहिए। फास्ट फूड अवॉयड करें। मैदे से बनी हुए खाने की चीज़ों से बहुत हानि पहुंचती है।