हाल ही में CAA कानून की वकालत करते हुए एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में डिटेंशन सेंटर ना होने के दावे किए थे। इसी बीच असम के डिटेंशन सेंटर में एक और मौत की बात सामने आई है। इस मौत के साथ ही पिछले तीन सालों में असम के डिटेंशन सेंटर में मरने वालों की संख्या 29 पर पहुंच गई है।
कौन हैं मृतक नरेश?
शुक्रवार को डिटेंशन सेंटर में मरने वाले मृतक का नाम नरेश कोच है जिनकी उम्र 55 वर्ष बताई जा रही है। नरेश गोलपाड़ा ज़िले के तिकाना पाड़ा के रहने वाले थे। तिकाना पाड़ा गाँव के रहने वाले नरेश कोच पेशे से मज़दूर थे।
बताया जाता है कि साल 1964 में बांग्लादेश यानी तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से पहले मेघालय आए। इसके बाद असम के गोलपाड़ा ज़िले के तिकाना पाड़ा गाँव में रहते हुए उन्होंने 35 साल गुज़ारे।
खबर है कि नरेश कोच राजवंशी समुदाय के थे, जिन्हें मेघालय में आदिवासी का दर्ज़ा प्राप्त है लेकिन इस जाति को असम में अनुसूचित जनजाति का दर्ज़ा मिलने का इंतज़ार है। बहरहाल, नरेश कोच ने साल 2018 तक हर एक चुनाव में मतदान किया है।
लेकिन 1 जून, 2017 को दिए गए एक आदेश में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल नंबर 5 ने नरेश को अवैध विदेशी घोषित कर दिया। अवैध विदेशी घोषित किए जाने के बाद नरेश को दिनांक 7 मार्च 2018 को डिटेंशन सेंटर के हवाले कर दिया गया था।
डॉक्यूमेंट्स दिखाने के बावजूद विदेशी घोषित किए गए नरेश
55 वर्षीय पत्नी का दावा है कि नरेश को डॉक्यूमेंट्स दिखाने के बावजूद विदेशी घोषित किया गया फिर उन्हें डिटेंशन कैंप में डाल दिया गया।
बताया जाता है कि नरेश कोच बीमार थे और उन्हें इलाज के लिए गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार की शाम उनकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार उन्हें 22 दिसंबर को बड़ा स्ट्रोक होने के बाद गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती किया गया था।
अब तक कितनी मौतें हुई हैं डिटेंशन सेंटर में?
जानकारी के अनुसार साल 2016 से लेकर अक्टूबर 2019 तक डिटेंशन सेंटर में रहने वाले 28 लोगों की मौतें हुई हैं। नवंबर महीने में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया था,
22 नवंबर 2019 तक 988 विदेशियों को असम के 6 डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।
गौरतलब है कि 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न्स (NRC) में लगभग 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया था।
प्रधानमंत्री का कहना हे कि देश में एक भी डिटेंशन सेंटर नहीं है
पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में डिटेंशन सेंटर को लेकर फैलाई जा रही अफवाहें सरासर झूठ हैं।
उन्होंने विपक्ष पर “बांटो और राज करो” के आधार पर लोगों के बीच डर फैलाने और CAA को लेकर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि CAA कानून और NRC का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं है।
राहुल गाँधी ने कहा RSS का प्रधानमंत्री ‘भारत माता’ से झूठ बोलता है
RSS का प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलता हैं ।#JhootJhootJhoot pic.twitter.com/XLne46INzH
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 26, 2019
देश में डिटेंशन सेंटर नहीं होने से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एक वीडियो ट्विट करते हुए कहा,
मैंने एक वीडियो ट्विट किया है जिसमें नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं हैं और एक ही वीडियो में एक डिटेंशन सेंटर के दृश्य हैं। इसलिए आप तय करें कि कौन झूठ बोल रहा है।’