ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग के कारण अब तक (शुक्रवार) 20 लोग मर चुके हैं और कई घायल हैं। आग के चलते अब तक 1600 से ज़्यादा घर नष्ट हो चुके हैं और 1.2 करोड़ एकड़ जंगल नष्ट हो चुके हैं, जो इज़रायल के आकार के तीन गुने से भी अधिक है।
सरकार ने 350 किलोमीटर के समुद्रतटीय इलाके में पर्यटकों के निकासी का आदेश दिया है। आग के कारण सर्वाधिक मौतें न्यू साउथ वेल्स में हुई हैं और फायर सीज़न की शुरुआत (अगस्त) से अब तक राज्य में तीन बार आपतकाल घोषित हो चुका है।
अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के जंगल में आग के कारण 2018 में तकरीबन 40 लाख हेक्टेयर और 2019 में अमेज़न के जंगल में आग के कारण 20 लाख एकड़ जंगल बर्बाद हो गए।
ऑस्ट्रेलिया की फायर सर्विस के मुताबिक,
देश में कुछ जगह आग की लपटें 230 फीट ऊपर तक उठ चुकी हैं, जबकि सिडनी ओपेरा हाउस करीब 213 फीट लंबा है।
दुनिया की सबसे बड़ी फायर सर्विस एनएसडब्ल्यू रूरल फायर सर्विस (आरएफएस) ने बताया कि इस समय आग को बुझाने में 74,000 से ज़्यादा वॉलंटियर लगे हुए हैं।
आग के कारण अब तक ऑस्ट्रेलिया में जानवरों पर क्या प्रभाव पड़ा है?
यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के पर्यावरणविदों के मुताबिक,
न्यू साउथ वेल्स में आग के कारण तकरीबन 50 करोड़ जानवर, पक्षी और सरीसृप मर चुके हैं और वास्तविक आंकड़ा इससे ज़्यादा भी हो सकता है।
मैंने एक आर्टिकल में सायलेंट डेथ के बारे में पढ़ा था और आज यही ऑस्ट्रेलिया में बेज़ुबान जानवरों के साथ हो रहा है। द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, आग के कारण ऑस्ट्रेलिया में जानवरों की कई प्रजातियां खतरे में आ गई हैं और वहां के पारिस्थितकी तंत्र पर बहुत ज़्यादा प्रभाव पड़ा है।
आग के कारण कंगारू द्वीप बहुत ज़्यादा प्रभावित है और वहां डोन्नार्ट (चूहे की तरह दिखने वाला एक छोटा जानवर) के घरों की जांच के लिए कैमरे लगाए गए थे। इस जानवर की खासियत यह है कि यह पूरी दुनिया में सिर्फ इस जगह ही पाया जाता है। आग के कारण कैमरे पूरी तरह से जलकर खाक हो गएं।
कंगारू द्वीप के पर्यावरणविद पैट होडगेन्स ने बताया,
इन जानवरों का घर पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, विलुप्तप्राय प्रजाति सदर्न बांडीकूट को भी आग से बहुत नुकसान हुआ है। ऑस्ट्रेलियन नैशनल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सारा लेग्गे ने बताया कि आग के कारण कई दर्जन विलुप्तप्राय प्रजातियां आग से प्रभावित हुई हैं और कुछ मामलों में तो कुछ प्रजातियों के पूरे-पूरे घर जल गएं।
पर्यावरणविदों का कहना है कि कई महीनों से लगी आग ने कई प्रजातियों को विलुप्त होने के कगार पर पहुंचा दिया है और जलवायु वैज्ञानिकों ने पहले भी इस बात के लिए चेतावनी दी थी कि ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते उत्सर्जन से कई प्रजातियां खतरे में पहुंच जाएंगी। ऐसा अनुमान है कि न्यू साउथ वेल्स राज्य में प्रति हेक्टेयर औसतन 17.5 स्तनपायी पशु, 20.7 चिड़िया और 129.5 रेप्टाइल (सरीसृप) हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पर्यावरण मंत्री ने बताया,
आग के कारण न्यू साउथ वेल्स में 30% तक कोआला (भालू की तरह दिखने वाला जानवर) के मरने की आशंका है। हमें इस बारे में और अधिक जानकारी तब मिलेगी जब आग शांत हो जाएगी।
कुछ और रिपोर्ट्स का कहना है कि जो कोआला आग से बच गए हैं, उन्हें अब भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, आग के कारण रेड फॉक्स और फेरल कैट्स भी बहुत अधिक प्रभावित हुई हैं।
________________________________________________________________________________
सोर्स- dw.com, theguardian.com, reuters.com, theguardian.com,newsweek.com, theguardian.com, theguardian.com
bbc.com, cbsnews.com, theguardian.com, theguardian.com, theguardian.com, insider.com, www.abc.net.au, https://time.com/