वाराणसी की सवा साल की मासूम चंपक के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। करीब दो हफ्ते बाद चंपक की माँ एकता शेखर और उनके पति रवि शेखर को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। मालूम हो कि नागरिकता कानून का विरोध करने पर एकता शेखर और उनके पति रवि शेखर समेत 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
गुरुवार सुबह 8:30 बजे ज़िले के जेल से एकता को रिहाई मिली। एकता ने बाहर आने पर कहा कि जेल में बेटी की चिंता में एक-एक पल पहाड़ की तरह कट रहा था। अपनी बेटी चंपक के बारे में बताते हुए एकता कहती हैं,
इससे पहले कभी यह मेरे बिना रही नहीं है। पहली बार हुआ है कि इसे मेरे बिना रहना पड़ा है।
अपनी बेटी को दुलारते हुए एकता कहती हैं, “जब मैं इसके पास आई तो, ये मुझसे ठीक से बात नहीं की। वह गुस्सा दिखा रही थी। इससे पहले भी मैं दिनभर किसी काम से बाहर जाती और शाम को घर आती तो ये ठीक से बात नहीं करती, गुस्सा दिखाती। आज भी वैसा ही कर रही है।”
एकता यह भी बताती हैं कि मैं माँ के तौर पर थोड़ी कमज़ोर पड़ी मगर एक्टिविस्ट होकर जेल में रहना मेरे लिए गर्व की बात थी। बच्ची से दूर रहना मेरे लिए बेहद मुश्किल भरा रहा। वह मेरे दूध पर निर्भर है, मुझे उसकी चिंता थी।
गौरतलब है कि 19 दिसंबर को बेनियाबाग में विरोध प्रदर्शन के दौरान महमूरगंज के आदर्श नगर की एकता शेखर को गिरफ्तार किया गया था। बुधवार को एकता समेत 56 लोगों को जमानत मिली है। चेतगंज पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन में सभी को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद कोर्ट ने 56 प्रदर्शनकारियों को 25-25 हज़ार के मुचलके पर जमानत दे दिया।
CAA के विरोध को लेकर एकता ने क्या कहा?
एकता ने कहा कि हमारा विरोध बिल्कुल जायज़ था। नागरिकता कानून देश को संगठित करने के लिए होना चाहिए ना कि देश को तोड़ने के लिए। जिस तरह से झारखंड में लोगों ने सरकार को नकारा है, उसी तरह हर प्रदेश में बीजेपी को नकारा जाना चाहिए।
उन्होंने अपनी बेटी चंपक से दूर रहने के बाबत कहा कि यह उनके लिए तकलीफ भरा रहा लेकिन कहीं ना कहीं यह उनकी बेटी के लिए एक दिन ताकत बनेगी।
इन सबके बीच काँग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने नागरिक प्रदर्शनों को दबाने के लिए ऐसी अमानवीयता दिखाई कि एक छोटे बच्चे को माँ-बाप से जुदा कर दिया। बच्ची की तबीयत खराब हो गई है लेकिन भाजपा सरकार की नीयत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।