मंगलवार की शाम करीब 6 बजे धनप्रसाद के भाई धर्मेंद्र के नंबर पर फोन करने पर आसपास से रोने की आवाज़ें आ रही थीं। अब आप पूछेंगे कौन धनप्रसाद? यही तो इस देश का दुर्भाग्य है कि दलितों के खिलाफ होने वाली हिंसात्मक घटनाओं को हम याद नहीं रख पाते। क्या ऐसा इसलिए क्योंकि वे दलित हैं?
खैर, इस पर व्यापक स्तर पर चर्चा की ज़रूरत है। अभी हाल ही में एक खबर के बारे में जानकारी मिली कि मध्यप्रदेश में एक दलित व्यक्ति के घर पर घुसकर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उन पर किसोसिन तेल डालकर उन्हें जला दिया।
सोशल मीडिया पर शायद ही एक-दो दिनों तक लोगों के दुख भरे संदेश दिखे मगर यह घटना अब लगभग मीडिया से गायब हो गई है। कहीं कोई ज़िक्र भी नहीं है कि अभी मौजूदा वक्त में धनप्रसाद की हालत क्या है? कहां हैं वो?
बहरहाल, धनप्रसाद के छोटे भाई धर्मेंद्र ने बातचीत के दौरान बताया,
इस वक्त हम एम्बुलेंस में हैं और मेरे भाई की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। हम उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लेकर जा रहे हैं।
क्यों दलित युवक को जान से मारने की कोशिश की गई?
धर्मेंद्र का कहना है कि हमारे गाँव में मुसलमान बहुसंख्यक आबादी में हैं। कुछ ही दलित परिवार वहां रहते हैं, जिन्हें लंबे वक्त से मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा शोषित और प्रताड़ित किया जाता रहा है।
धर्मेंद्र के मुताबिक कई दफा उनके परिवार के लोगों को मुसलमानों द्वारा मारने-पीटने की कोशिश की गई। जब भी धर्मेंद्र या उनके परिवार से कोई सदस्य पुलिस स्टेशन जाकर मामले की शिकायत दर्ज़ कराना चाहते थे, तो पुलिसवालों का भी रव्वैया काफी निराशाजनक होता था। उनकी शिकायत तक दर्ज़ नहीं की जाती थी।
धर्मेंद्र ने उनके भाई धनप्रसाद पर किरोसिन तेल डालकर हमला करने वालों में चार लोगों का नाम लिया, जिनमें छुट्टू कसाई, अज्जू पठान, कल्लू कसाई और इरफान कसाई शामिल हैं। इनके बारे में बात करते हुए धर्मेंद्र ने कहा कि गाँव के तमाम मुसलमानों के साथ-साथ इन लोगों ने लगातार उनके परिवार को टारगेट किया है।
धर्मेंद्र कहते हैं,
हमें हमेशा कहा जाता है कि हम चमार हैं और इस वजह से हम मुस्लिम समुदाय के बीच नहीं रह सकते हैं। इससे पहले इन लोगों ने हमें 5-6 बार मारने की कोशिश की है।
धनप्रसाद की माँ गिरजाबाई का कहना है कि उनका अपने पड़ोसियों से लंबे समय से विवाद चल रहा था। पड़ोसी लगातार उन्हें यह कहकर परेशान करते थे कि तुम चमार हो और हम तुम्हें यहां नहीं रहने देंगे।
प्रशासन का क्या कहना है?
मोतीनगर पुलिस स्टेशन के प्रधान आरक्षक देवीदीन तिवारी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा, “हमने पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ किया है, जिनमें छुट्टू कसाई, अज्जू पठान, कल्लू कसाई, इरफान कसाई और बल्लू कसाई का नाम शामिल है। इन्हें अभी हिरासत में ले लिया गया है, जिनकी पेशी जल्द ही कोर्ट में होगी।”
प्रधान आरक्षक देवीदीन तिवारी ने बताया,
पांचों अभियुक्तों के खिलाफ धारा 294, 323, 452, 307, 34, 3 (1) द (हरिजन एक्ट), 3 (2), 3(1) ध और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज़ किया गया है। यह आपसी विवाद का मामला है।
जबकि धर्मेंद्र का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा लगातार जाति के आधार पर इनके साथ शोषण किया जाता रहा है। बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष और नरयावली विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रदीप लारिया ने मोतीनगर थाना पुलिस को इसके लिए ज़िम्मेदार बताते हुए कहा कि पूर्व में हुए विवाद पर पुलिस समझाईश की जगह ठीक से कार्रवाई करती, तो बात यहां तक नहीं पहुंचती।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा,
मध्यप्रदेश के सागर में धनीराम नामक दलित युवक को केरोसिन तेल डालकर 15-20 मुसलमानों ने ज़िंदा जला दिया। आज क्यों सारे संविधान बचाने वाले चुप हैं? संबित ने कहा मीम और भीम के नारे लगाने वाले कहां गायब हैं? प्रियंका गाँधी क्या इनके घर जाएंगी?
जहां एक ओर दलित उत्थान के नारे और उनके सुधार की बात की जाती रही है, वहीं दूसरी ओर सात दशकों में छुआछूत, ऊंच-नीच और दलित उत्पीड़न के दलदल से हमारा समाज निकल नहीं पाया है। मध्यप्रदेश के सागर ज़िले में दलित युवक को जलाने की घटना इस तस्वीर को और भी साफ करती नज़र आती है।
नोट: सृष्टि तिवारी Youth Ki Awaaz इंटर्नशिप प्रोग्राम जनवरी-मार्च 2020 का हिस्सा हैं।