एक विवादित शख्सियत माने जाने वाले ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेयर बोलस्नारो को 71वें गणतंत्र दिवस परेड समारोह में भारत ने आमंत्रित किया है। ऐसे में भारत पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।
71वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेयर बोलस्नारो अपनी 4 दिवसीय यात्रा पर भारत आ चुके हैं और दोनों ही देश BRICS, G-20, ISBA के सदस्य हैं। दोनों देश UN की स्थाई सदस्यता के प्रबल दावेदार हैं।
हम जानते हैं किसी भी राष्ट्र प्रमुख को आमंत्रित करना एक व्यापारिक कूटनीति होती है। भारत और ब्राज़ील का आपसी व्यापार 7.28$ बिलियन का है, जिसे बढ़ाने के लिए 15 मसौदों पर 25 जनवरी 2020 को हस्ताक्षर किये गए।
किसी ब्राज़ीलियन राष्ट्र प्रमुख (प्रेसिडेंट) का गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होना कोई नया नहीं है। इससे पहले भी 1996 और 2004 में वे भारत आ चुके हैं लेकिन जेयर बोलस्नारो हमेशा से ही अपने बयानों को लेकर विवादित रहे हैं। इसलिए इन्हें ब्राज़ील का ट्रम्प भी कहा जाता रहा है। 11वें ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री द्वारा इन्हें आमंत्रित किया गया था।
लंबी है विवादित बयानों की फेहरिस्त
हाल ही में गुरुवार को उन्होंने अपने फेसबुक ब्रॉडकास्ट में कहा, “भारत बेशक बदल रहा है। ये लोग हमारी तरह इंसान होने की तरफ बढ़ रहे हैं।” (यह बात उन्होंने भारतीयों के रेफ्रेंस में नहीं, बल्कि ब्राज़ील में रह रहे भारतीयों के लिए कही।)
बोलस्नारो के बयान के बाद कई लोगों ने ट्वीटर के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी। जैसे- Gujajara ने कहा,
हम स्थानीय लोग जो कि अपने मूल स्थान अपनी धरती पर रहते हैं। सम्मान की मांग रखते हैं और एक बार फिर बोलस्नारो ने हमारी ह्यूमैनिटी को ना अपनाकर संविधान को तोड़ा है।
ब्राज़ील जर्नलिस्ट सकामोटो कहते हैं, “स्थानीय (भारतीय) हमेशा ही औरों की तरह इंसान रहे हैं और बोलस्नारो खुद को कम से कमतर इंसान साबित कर रहे हैं।” दा स्ट्रेटिक्ल ने छापा, “भारतीयों ने कहा वे बोलस्नारो की तरह इंसान नहीं होना चाहते।“
गौरतलब है कि ये कोई एक नहीं, बल्कि वह कई विवादित बयानों से घिरे हैं। हाल ही में “पृथ्वी के फेंफड़े” कहे जाने वाले अमेज़न फॉरेस्ट में लगी आग पर उन्होंने ब्यान दिया, जिसके बाद ब्राज़ील की जनता ने अमेज़न को बचाने और सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया।
दक्षिणपंथी बोलस्नारो शुरुआत में आग लगने की सभी खबरों से इंकार करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर ही आग लगाने का इल्ज़ाम रखा और सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि पर्यावरण संगठन विश्व वन्यजीव कोष (WWF) वॉलेन्टियर फायर फाइटर्स द्वारा ली गई तस्वीरों के लिए लियोनार्डो डिकेप्रियो ने (500,000 अमरिकी डॉलर) भुगतान किए थे। इसका जबाब मांगने पर बोलस्नारो ने कहा कि उनके पास लिखित में कोई सबूत नहीं है।
महिलाओं के संदर्भ में बोलस्नारो के बयान और भी शर्मनाक
2018 में बोलस्नारो ने एक इंटरव्यू में कहा, “जब मैं बैचलर था, तब जो पैसे मुझे मिलते थे उनका उपयोग लोगों के साथ सेक्स करने में खर्च करता था।” वहीं, साल 2017 में बोलस्नारो ने ब्लैक सेटलमेंट सम्बन्धित अपने भाषण में कहा, “वे (Slave) किसी काम के नहीं हैं, बच्चे पैदा करने के लायक भी नहीं।”
साथ ही उन्होंने ब्लैक एक्टिविस्ट को जानवर कहकर संबोधित किया और कहा, “उन्हें वापस ज़ू लौट जाना चाहिए।”
2016 में एक इंटरव्यू के दौरान अपनी एक सकीर्ण मानसिकता को उजागर करते हुए बोलस्नारो ने कहा, “महिलाओं को पुरुषों के बराबर सैलरी नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वे प्रेगनेंट होने पर छुट्टी पर चली जाती है।”
2014 में उनकी प्रतिद्वंदी मरिया डोरोसारिया ने कहा, “वे (बोलस्नारो) बलात्कार को बढ़ावा दे रहे है।” इसके जवाब में बोलस्नारो ने कहा, “मैं (डोरोसारिया) तुम्हारा रेप नहीं करूंगा, क्योंकि तुम इस लायक नहीं हो।” फिर बाद में कहा, “मैं रेपिस्ट नहीं हूं और अगर होता भी तो उनका रेप नहीं करता, क्योंकि वह बदसूरत है और मेरे जैसी नहीं है।”
एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने पांच संतानों में बेटी का ज़िक्र करते हुए कहा, “वो (बेटी) “मोमेंट ऑफ़ वीकनेस” का नतीजा है।”
2011 में प्लेबॉय मैगज़ीन को दिए अपने इंटरव्यू में होमोसेक्सुल पर बयान देते हुए कहा, “यदि मेरा बेटा होमोसेक्सुल होता, तो मैं उसे प्यार नहीं कर पाता। मैं चाहता कि मेरा बेटा किसी एक्सीडेंट में मारा जाता और मर्द कहलाता।”
रिटायर्ड मिलिट्री ऑफिसर हैं बोलस्नारो
वहीं, बोलस्नारो ने 2016 में अपने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा था, “मिलिट्री डिक्टेटरशिप ब्राज़ील के लिए सही है। बस एक ही गलत चीज़ है, पर्याप्त लोगों का ना मरना। यदि कुछ मासूम लोग मारे जाते हैं, तो ठीक है। हर युद्ध में मासूम मारे ही जाते हैं। मुझे भी ऐसे मरने में खुशी होगी यदि 30000 लोग साथ मरें। देश की हालत ठीक होती यदि डिक्टेटरशिप ने और लोगों को मार दिया होता।“
जेयर बोलस्नारो रिटायर्ड मिलिट्री ऑफिसर रहे हैं, जिन पर बम बनाने और ब्लास्ट का आरोप भी लगा लेकिन बाद में बरी कर दिए गए। ब्राज़ील में अपनी जीत के बाद उन्होंने एक और विवादित बयान देते हुए कहा था, “हमें एक सिविल वॉर की ज़रूरत है। सिविल वॉर डेमोक्रेसी से कहीं बेहतर है।“
यह तो बात हुई ब्राजील के राष्ट्र प्रधान जेयर बोलस्नारो की लेकिन सिर्फ बयानों को छोड़ दिया जाए, तो हमारे राष्ट्रप्रधान भी उसी कतार में खड़े नज़र आएंगे. क्योंकि बोलने वाले राष्ट्र प्रधान से कहीं बेहतर सुनने वाला सेनापति होता है।
जहां एक ओर लाल किले की प्राचीर से हम राष्ट्र सम्बोन्धन सुनते नज़र आएंगे। वहीं, दूसरी ओप उसी राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में बैठी महिलाओं, माताओं दिल्ली और देश के अलग–अलग हिस्सों से उठती आवाज़ों को हम नहीं सुने पाएंगे, क्योंकि ब्राज़ील की तरह ही हम भी सिविल वॉर की तरफ चल रहे हैं।
बस फर्क इतना है कि हम किसी बयान के धोखे में नहीं हैं। आशा है ब्राज़ील राष्ट्रपति का भारत दौरा डूबती अर्थव्यवस्था के लिए कुछ हद तक फायदे का सौदा होगा। ऐसे में मोदी जी से पूछना ज़रूरी है कि उन्होंने विवादित बयानों से घिरे बोलस्नारो को गणतंत्र दिवस के लिए चीफ गेस्ट क्यों बनाया?
संदर्भ- https://bit.ly/2GoyEPM
नोट: सृष्टि तिवारी Youth Ki Awaaz इंटर्नशिप प्रोग्राम जनवरी-मार्च 2020 का हिस्सा हैं।