अदिति कौल एक थेरेपिस्ट हैं, जो वर्तमान में फोर्टिस अस्पताल के हेल्थ केयर्स थेरेपी की हेड भी हैं। उनका यूनेस्को के साथ भी काफी जुड़ाव है। Youth Ki Awaaz सम्मिट 2019 में आयोजित वर्कशॉप के दौरान अदिति ने वहां मौजूद युवाओं को कई एक्टिविटीज़ के ज़रिये बताया कि क्यों ज़रूरी है लाइफ में स्ट्रेस को कम करना।
अदिति कौल के मुताबिक आर्ट थेरेपी एक बहुत ही बढ़िया तरीका है जिससे मेंटल स्ट्रेस दूर हो सकती है। अदिति कौल के वर्कशॉप में लोगों ने जाना कि मेंटल स्ट्रेस और डिप्रेशन से कैसे लड़ सकते हैं।
अदिति कौल से खास सवाल-जवाब
डॉक्टर अदिति कौल से वहां मौजूद जनता ने कई सवाल भी पूछे जिसका उन्होंने काफी अच्छे तरीके से उत्तर दिया। सभी लोगों ने यह जाना कि मेंटल हेल्थ किसे कहते हैं और आज की तारीख में किस तरह से लोग इससे जूझ रहे हैं। उन्होंने वर्कशॉप के दौरान इस समस्या का हल भी बताया। अदिति कौल का वर्कशॉप ना सिर्फ ज्ञानवर्धक था, बल्कि वहां मौजूद लोग स्ट्रेस से संबंधित अपनी तमाम परेशानियों का हल तलाश पा रहे थे।
जब अदिति कौल ने पूछा कि आप सब लोग किस तरीके से अपने आप स्ट्रेस को दूर करते हैं? इस पर लोगों ने अलग-अलग तरह से जवाब दिए। किसी ने कहा कि हम स्ट्रेस के दौरान साइकिलिंग करते हैं तो किसी ने कहा कि हम डांस करते हैं। वहां मौजूद कई लोगों ने फोटोग्राफी और गाना गाने की बात भी कही।
कुल मिलाकर अदिति कौल के वर्कशॉप का निष्कर्ष यह है कि हर किसी को आज की तारीख में क्रिएटिव होने की ज़रूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि क्रिएटिविटी के ज़रिये किस तरीके से हम स्टेबल रह सकते हैं।
उन्होंने उदाहरणों के ज़रिये बताया कि एक मेंटल डॉक्टर और एक ऑर्डिनरी डॉक्टर में क्या फर्क होता है। आखिर क्यों लोग साइकेट्रिस्ट को दिखाने से डरते हैं और इसे साधारण नहीं मानते? अदिति कौल ने स्ट्रेस के दौरान शॉपिंग करने की भी सलाह दी।
अदिति कौल ने यह भी बताया कि यदि आप बेहद दुखी महसूस कर रहे हैं और आपको किसी भी काम में मन ना लग रहा हो, तो स्ट्रेस ही डिप्रेशन की सबसे बड़ी निशानी है। स्ट्रेस से बचने के लिए थेरेपी और अलग-अलग एक्टिविटिज़ का प्रयोग बेहद ज़रूरी है।
उन्होंने बताया कि अतीत और भविष्य के बारे में हमें चिंता ना करके वर्तमान को जीना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि स्ट्रेस को दूर करने के लिए हमें अलग-अलग एक्टिविटिज़ में खुद को व्यस्त रखने की ज़रूरत है। अंत में एक एक्टिविटी के दौरान अदिति कौल ने लोगों को पेपर बांटे जिसमें सभी ने अपने मन के चित्र बनाकर खुद को बेहतर महसूस कराया।