CAA (नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019) को राज्यसभा से 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया, जिसमें 125 मत पक्ष में थे और 99 इसके खिलाफ। यह बिल पास हो गया जिसे 12 दिसंबर को राष्ट्रपति द्वारा मंज़ूरी मिल गई।
CAB के पारित होने से उत्तर-पूर्व, पश्चिम बंगाल और नई दिल्ली सहित पूरे देश में प्रोटेस्ट जारी है। CAA को लेकर सबसे ज़्यादा प्रोटेस्ट देशभर में यूनिवर्सिटीज़ और स्टूडेंट्स द्वारा किया जा रहा है।
जाधवपुर यूनिवर्सिटी
मामला कोलकाता के जाधवपुर यूनिवर्सिटी का है। मंगलवार यानी 24 दिसम्बर को कॉन्वोकेशन में जब गोल्ड मेडल देने के लिए देबस्मिता चौधरी को बुलाया गया, तब वह स्टेज पर एक कागज़ लेकर गई थीं। उन्होंने डिग्री और मेडल लेने के बाद उस कागज़ को सबके सामने फाड़कर नारा लगाया, “हम कागज़ नहीं दिखाएंगे, इंकलाब ज़िंदाबाद।”
इसके पहले यूनवर्सिटी के नॉन टीचिंग स्टाफ ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को कॉन्वोकेशन में शामिल होने से रोका था। राज्यपाल को विरोध में काले झंडे दिखाने के बाद उनकी कार रोक ली गई थी। स्टूडेंट्स द्वारा वापस जाओ के नारे लगाए गए थे। गेट नंबर पांच पर लगभग आधा घंटा इंतज़ार करने के बाद राज्यपाल धनखड़ लौट गए। स्टूडेंट्स ने राज्यपाल का विरोध इसलिए किया था, क्योंकि वह CAA का समर्थन कर रहे थे।
पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी
पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी की रबीहा अब्दुर्रहीम ने गोल्ड मेडल लेने से इनकार कर दिया है। रबीहा ने मास कम्युनिकेशन (मास्टर ऑफ आर्ट्स) में गोल्ड मेडल जीता है। रबीहा ने आरोप लगाया है कि उन्हें दीक्षांत समारोह में शामिल होने से रोका गया। जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समारोह स्थल पर मौजूद थे।
रबीहा अब्दुर्रहीम ने कहा है,
देशभर में स्टूडेंट्स के साथ जो रहा है उसके विरोध में मैं अपना गोल्ड मेडल रिजेक्ट करती हूं। मैं उन सभी स्टूडेंट्स के साथ हूं जो CAA, NRC और NPR के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
23 दिसम्बर को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में कॉन्वोकेशन था और वहां के स्टूडेंट्स भी CAA, NRC को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे थे। कॉन्वोकेशन के दौरान एक स्टूडेंट ने तो डिग्री लेने से ही मना कर दिया, क्योंकि उसके साथ के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट करने की वजह से जेल में बंद थे और यूनिवर्सिटी प्रशासन को इस बात से कोई मतलब नहीं था।
स्टूडेंट का नाम रजत है, रजत ने आर्ट्स स्ट्रीम से मास्टर्स किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि उन्होंने प्रोटेस्टर्स को BHU से नहीं, बल्कि बेनियाबाग से गिरफ्तार किया है, जो भीड़ के साथ प्रदर्शन कर रहे थे। बेनियाबाग BHU से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर है।